संभल में नहीं निकली पदयात्रा: पुलिस से नोकझोंक, जबरन बैरियर हटाए, महंत ऋषिराज गिरि बोले- 2026 का इंतजार करेंगे
संभल में प्रस्तावित पदयात्रा को निरस्त कर दिया गया। इसको देखते हुए पुलिस प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए थे। कई जगहों पर बैरियर लगाए गए थे। इस पर कई लोगों की पुलिस से बहस भी हुई।
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संभल के कैलादेवी मंदिर से जामा मस्जिद तक निकलने वाली पदयात्रा को पुलिस ने निकलने नहीं दिया। कैलादेवी मंदिर के आसपास ही रोके रखा। पुलिस के अधिकारियों ने धारा 163 का हवाला देते हुए रोका और शांति बनाए रखने की अपील की। यह पदयात्रा कैलादेवी मंदिर के महंत ऋषिराज गिरी के आह्वान पर निकाली जानी थी।
जामा मस्जिद को हरिहर मंदिर होने का दावा एक वर्ष पहले किया गया था। दावे को एक वर्ष पूर्ण होने के चलते यह पदयात्रा निकालने की योजना तैयार की थी। पदयात्रा के माध्यम से ही जामा मस्जिद की परिक्रमा करने का एलान था।
इस एलान के बाद ही पुलिस प्रशासन के अधिकारी सतर्क हो गए थे और फोर्स को निगरानी के लिए लगाया गया था। पुलिस प्रशासन के अधिकारियों के अनुरोध पर पदयात्रा को स्थगित करने की भी घोषणा की गई। कैलादेवी मंदिर की परिक्रमा कर समापन किया गया।
बुधवार की सुबह करीब 10 बजे से कैलादेवी मंदिर से पदयात्रा निकालने का एलान किया गया था। इसमें सनातनियों को एकजुट करने और हरिहर मंदिर का दावा पेश किए हुए एक वर्ष पूरा होने पर परिक्रमा करने की अपील थी। इस जानकारी के बाद पुलिस-प्रशासन के अधिकारी सतर्क हो गए थे।
एसपी ने संभल शहर में चौकसी बढ़ाने और जामा मस्जिद इलाके को छावनी में तब्दील करा दिया था। ड्रोन से निगरानी कराई गई। वहीं, दूसरी आरे कैलादेवी मंदिर के सभी रास्तों पर बैरिकेडिंग लगाकर फोर्स तैनात हो गई थी।
पदयात्रा निकलनी शुरू हुई तो पुलिस ने महंत व उनके साथ चल रहे संतों व अन्य लोगों को आगे बढ़ने की अनुमति नहीं दी। जगह-जगह पुलिस की बहस भी हुई लेकिन पुलिस ने धारा 163 का हवाला देते हुए भीड़ आगे नहीं दी।
दोपहर करीब ढाई बजे महंत ने पदयात्रा स्थगित करने की घोषणा कर दी। इस दौरान मौजूद लोगों ने सवा किलोमीटर कैलादेवी मंदिर की परिक्रमा करके इसका समापन किया।
इंस्पेक्टर से बहस के बाद पुलिस ने हटाए बैरियर
संभल में पदयात्रा करने की पूरी तैयारी थी, लेकिन ऐन वक्त पर इसे स्थगित कर दिया गया। पदयात्रा में लोग शामिल नहीं हो सकें इसके लिए पुलिस ने बैरियर लगाए थे। जब यह जानकारी महंत ऋषिराज गिरि को हुई तो वह भड़क गए। इसके बाद उनकी बैरियर पर मौजूद इंस्पेक्टर अनुज तोमर से बहस हो गई। इसके बाद बैरियर हटाए गए।
जामा मस्जिद के आसपास कड़ी रही सुरक्षा
संभल में पदयात्रा के एलान के बाद जिले के साथ पुलिस प्रशासन भी अलर्ट मोड़ पर था। सत्यव्रत चौकी में तहसीलदार कुमार सिंह ने मौजूद रहकर स्थिति पर नजर रखी। वहीं, पुलिस के अधिकारियों ने ड्रोन से निगरानी बनाए रखी।
शहर में पदयात्रा को लेकर चर्चाओं का बाजार भले ही तेज था लेकिन इससे चौकन्ने दुकानदार अपने कामों में भी मशगूल दिखाई दिए। जामा मस्जिद के आसपास हर दिन की तरह बाजार खुला था। हालांकि, भीड़-भाड़ कम थी लेकिन सामान्य दिनों की तरह लोग खरीदारी करने पहुंचे थे।
2026 का इंतजार करेंगे: महंत
शासन-प्रशासन ने हमसे एक वर्ष का समय मांगा है, इसलिए पदयात्रा को स्थगित किया गया। हम अब 19 नवंबर 2026 का इंतजार करेंगे। यह कहना है कैलादेवी मंदिर के महंत ऋषिराज गिरी का। उन्होंने पदयात्रा स्थगित करने के बाद मंच से लोगों को संबोधित किया। महंत ने कहा कि जरूरत पड़ी तो छह दिसंबर को दोहराएंगे।
आगे कहा कि मां कैलादेवी धाम को हरिहर मंदिर का स्वरुप मानकर सवा किलोमीटर की परिक्रमा की गई है। वहीं, दूसरी ओर डीएम ने भी महंत से फोन पर बातचीत की। महंत ने फोन को हैंडफ्री कर माइक पर लगा दिया। इसमें डीएम ने शांति बनाए रखने और पदयात्रा को स्थगित करने का अनुरोध किया। इसके बाद ही पदयात्रा स्थगित किए जाने की घोषणा की गई।