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Sambhal News: आधार कार्ड सीडिंग में अटके बच्चों के स्वेटर
संवाद न्यूज एजेंसी, संभल
Updated Thu, 20 Nov 2025 01:50 AM IST
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चंदौसी (संभल)। परिषदीय स्कूलों में पढ़ने वाले करीब तीन हजार बच्चों के लिए सर्दी से बचाव के लिए यूनिफार्म की व्यवस्था नहीं हो सकी है। हालांकि अब डीबीटी के तहत मिलने वाली धनराशि के लिए बच्चों के आधार कार्ड की अनिवार्यता समाप्त कर दी है। इसके बाद बैंकों ने अभी तक अभिभावकों के आधार कार्ड सीड नहीं किए हैं। ऐसे में करीब तीन हजार बच्चे ठिठुरते हुए स्कूलों को जाएंगे।
जिले में 1289 करीब प्राथमिक, उच्च प्राथमिक व कंपोजिट विद्यालय हैं। इनमें करीब 1,62,000 छात्र-छात्राएं शिक्षा ग्रहण करते हैं। परिषदीय स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को हर वर्ष नई यूनिफॉर्म, जूते-मोजे, बैग आदि के लिए 1200 रुपये की धनराशि डीबीटी के माध्यम से अभिभावकों के खाते में भेजी जाती है। इस राशि में 600 रुपये यूनिफार्म, 175 रुपये स्कूल बैग, 125 रुपये जूते- मोजे के अलावा स्वेटर के लिए 200 और स्टेशनरी के लिए 100 रुपये शामिल हैं। नया शैक्षिक सत्र को बीते आठ माह का समय पूरा हो रहा है। नवंबर माह के समाप्त होते ही कंपकंपाती ठंड शुरू हो जाएगी। फिर भी परिषदीय स्कूलों में करीब 2948 हजार बच्चे ऐसे हैं, जिन्हें अभी तक डीबीटी का लाभ नहीं मिल पाया। आलम ये है कि सुबह- शाम की ठंड में भी ज्यादातर स्कूलों में बच्चे बिना स्वेटर के स्कूल पहुंच रहे हैं। उनके बीमार होने की चिंता न तो अभिभावकों को है और न ही स्कूल के शिक्षकों द्वारा उन्हें स्वेटर पहनने के लिए कहा जा रहा है। जिला समन्वयक विक्रम सिंह ने बताया कि करीब 1,30,498 हजार छात्र - छात्राओं के अभिभावकों के खाते में डीबीटी की धनराशि पहुंच चुकी है। साथ ही, करीब 29,666 हजार छात्राओं का डाटा सत्यापन कर शासन को भेज दिया गया है। अभी लगभग 2948 हजार अभिभावकों के आधार कार्ड बैंक द्वारा सीड नहीं किए गए है। जिस वजह से ये बच्चे डीबीटी के लाभ से वांचित रह गए है।
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जनेटा कंपोजिट विद्यालय में ठंड से ठिठुरते बच्चे, जमीन पर बैठकर पढ़ाई को मजबूर
चंदौसी। ब्लॉक बनियाखेड़ा के गांव जनेटा स्थित कंपोजिट विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चे सर्द मौसम में बुनियादी सुविधाओं के अभाव से जूझ रहे हैं। नवंबर की शुरुआत होते ही सुबह-शाम की ठंड तेज हो गई है, लेकिन विद्यालय में कक्षा एक से पांचवीं तक के बच्चों के लिए फर्नीचर उपलब्ध नहीं है। बच्चे फटी दरी पर ठंडी जमीन पर बैठकर पढ़ाई करने को मजबूर हैं। कई बच्चे बिना स्वेटर के ही स्कूल आ रहे हैं, जिससे ठंड में बीमार पड़ने का खतरा लगातार बढ़ रहा है। स्कूल के शिक्षकों द्वारा भी बच्चों को स्वेटर पहनने के लिए जागरूक नहीं किया जा रहा है।
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जिले में 1289 करीब प्राथमिक, उच्च प्राथमिक व कंपोजिट विद्यालय हैं। इनमें करीब 1,62,000 छात्र-छात्राएं शिक्षा ग्रहण करते हैं। परिषदीय स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को हर वर्ष नई यूनिफॉर्म, जूते-मोजे, बैग आदि के लिए 1200 रुपये की धनराशि डीबीटी के माध्यम से अभिभावकों के खाते में भेजी जाती है। इस राशि में 600 रुपये यूनिफार्म, 175 रुपये स्कूल बैग, 125 रुपये जूते- मोजे के अलावा स्वेटर के लिए 200 और स्टेशनरी के लिए 100 रुपये शामिल हैं। नया शैक्षिक सत्र को बीते आठ माह का समय पूरा हो रहा है। नवंबर माह के समाप्त होते ही कंपकंपाती ठंड शुरू हो जाएगी। फिर भी परिषदीय स्कूलों में करीब 2948 हजार बच्चे ऐसे हैं, जिन्हें अभी तक डीबीटी का लाभ नहीं मिल पाया। आलम ये है कि सुबह- शाम की ठंड में भी ज्यादातर स्कूलों में बच्चे बिना स्वेटर के स्कूल पहुंच रहे हैं। उनके बीमार होने की चिंता न तो अभिभावकों को है और न ही स्कूल के शिक्षकों द्वारा उन्हें स्वेटर पहनने के लिए कहा जा रहा है। जिला समन्वयक विक्रम सिंह ने बताया कि करीब 1,30,498 हजार छात्र - छात्राओं के अभिभावकों के खाते में डीबीटी की धनराशि पहुंच चुकी है। साथ ही, करीब 29,666 हजार छात्राओं का डाटा सत्यापन कर शासन को भेज दिया गया है। अभी लगभग 2948 हजार अभिभावकों के आधार कार्ड बैंक द्वारा सीड नहीं किए गए है। जिस वजह से ये बच्चे डीबीटी के लाभ से वांचित रह गए है।
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जनेटा कंपोजिट विद्यालय में ठंड से ठिठुरते बच्चे, जमीन पर बैठकर पढ़ाई को मजबूर
चंदौसी। ब्लॉक बनियाखेड़ा के गांव जनेटा स्थित कंपोजिट विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चे सर्द मौसम में बुनियादी सुविधाओं के अभाव से जूझ रहे हैं। नवंबर की शुरुआत होते ही सुबह-शाम की ठंड तेज हो गई है, लेकिन विद्यालय में कक्षा एक से पांचवीं तक के बच्चों के लिए फर्नीचर उपलब्ध नहीं है। बच्चे फटी दरी पर ठंडी जमीन पर बैठकर पढ़ाई करने को मजबूर हैं। कई बच्चे बिना स्वेटर के ही स्कूल आ रहे हैं, जिससे ठंड में बीमार पड़ने का खतरा लगातार बढ़ रहा है। स्कूल के शिक्षकों द्वारा भी बच्चों को स्वेटर पहनने के लिए जागरूक नहीं किया जा रहा है।