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Sant Kabir Nagar News: लेखपाल ने 16 अपात्रों को आवंटित की थी एक-एक बीघा कृषि भूमि
संवाद न्यूज एजेंसी, संत कबीर नगर
Updated Wed, 29 Oct 2025 11:24 PM IST
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संवाद न्यूज एजेंसी धनघटा/ रोसया बाजार। तहसील क्षेत्र धनघटा के रामपुर शिव बखरी गांव के 16 अपात्रों में एक-एक बीघा कृषि योग्य भूमि लेखपाल ने आवंटित कर दिया था। इसके बाद गांव के लोगाें की शिकायत पर जांच हुई तो मामला सही मिला। जिस पर मंगलवार को एडीएम न्यायिक ने लेखपाल काे निलंबित कर दिया था। लेखपाल के निलंबन के बाद गांव में चर्चा तेज हो गई है।
बता दें कि अशोक कुमार पाल वर्ष 2016 से 2000 तक रामपुर शिबखरी हल्के में बतौर लेखपाल कार्यरत थे। उन्होंने अपने कार्यकाल के अंतिम दौर वर्ष 2000 में 24 लोगों को कृषि भूमि आवंटित किया। जमीन के आवंटन की जानकारी जब गांव के अन्य लोगों को हुई तो वह विरोध करते हुए कहने वालों की जिन लोगों के नाम से कृषि भूमि आवंटित की गई है। उनके पास पर्याप्त जमीन है और वह पट्टा लेने के पात्र नहीं है। इसके बाद गांव के शंकर, सूरजभान ने शिकायत किया।
यह मामला जिलाधिकारी से होते हुए कमिश्नर के पास पहुंचा तो कमिश्नर ने 24 में से 16 लोगों को अपात्र घोषित करते हुए केवल आठ का आवंटन बहाल रखा। गांव के लोगों ने लेखपाल पर अपात्रों के नाम कृषि भूमि आवंटित किए जाने का आरोप लगाते हुए लेखपाल के विरुद्ध कार्रवाई की मांग किए। मामले के पांच साल बाद अपर जिलाधिकारी न्यायिक ने लेखपाल अशोक कुमार पाल को दोषी मानते हुए मंगलवार को उनको निलंबित कर दिया।
मालूम हो कि रामपुर शिव बखरी अधिक क्षेत्रफल वाला गांव है। यहां पर ग्राम समाज की जमीन पर्याप्त मात्रा में है। दियारा क्षेत्र में अपनी पोस्टिंग के लिए धनघटा तहसील के लेखपाल जुगाड़ लगाकर पहुंचते हैं। अब लेखपाल के निलंबन के बाद गांव में चर्चा तेज हो गई है। ग्रामीणों की माने तो इतनी लंबी लड़ाई के बाद दोषी लेखपाल पर कार्रवाई हुई।
बता दें कि अशोक कुमार पाल वर्ष 2016 से 2000 तक रामपुर शिबखरी हल्के में बतौर लेखपाल कार्यरत थे। उन्होंने अपने कार्यकाल के अंतिम दौर वर्ष 2000 में 24 लोगों को कृषि भूमि आवंटित किया। जमीन के आवंटन की जानकारी जब गांव के अन्य लोगों को हुई तो वह विरोध करते हुए कहने वालों की जिन लोगों के नाम से कृषि भूमि आवंटित की गई है। उनके पास पर्याप्त जमीन है और वह पट्टा लेने के पात्र नहीं है। इसके बाद गांव के शंकर, सूरजभान ने शिकायत किया।
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यह मामला जिलाधिकारी से होते हुए कमिश्नर के पास पहुंचा तो कमिश्नर ने 24 में से 16 लोगों को अपात्र घोषित करते हुए केवल आठ का आवंटन बहाल रखा। गांव के लोगों ने लेखपाल पर अपात्रों के नाम कृषि भूमि आवंटित किए जाने का आरोप लगाते हुए लेखपाल के विरुद्ध कार्रवाई की मांग किए। मामले के पांच साल बाद अपर जिलाधिकारी न्यायिक ने लेखपाल अशोक कुमार पाल को दोषी मानते हुए मंगलवार को उनको निलंबित कर दिया।
मालूम हो कि रामपुर शिव बखरी अधिक क्षेत्रफल वाला गांव है। यहां पर ग्राम समाज की जमीन पर्याप्त मात्रा में है। दियारा क्षेत्र में अपनी पोस्टिंग के लिए धनघटा तहसील के लेखपाल जुगाड़ लगाकर पहुंचते हैं। अब लेखपाल के निलंबन के बाद गांव में चर्चा तेज हो गई है। ग्रामीणों की माने तो इतनी लंबी लड़ाई के बाद दोषी लेखपाल पर कार्रवाई हुई।