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UP: हाईवे पर जाम में दो घंटे तक फंसी रही एंबुलेंस, घायल महिला की मौत; हादसे में बेटी ने मौके पर तोड़ा दम

संवाद न्यूज एजेंसी, शाहजहांपुर Published by: मुकेश कुमार Updated Tue, 16 Sep 2025 01:50 PM IST
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सार

इटावा-बरेली नेशनल हाईवे पर सोमवार को जाम में फंसी एंबुलेंस में घायल महिला की मौत हो गई। सड़क हादसे में महिला की मासूम बेटी ने मौके पर ही दम तोड़ दिया था।

Ambulance stuck in traffic jam on highway for two hours injured woman dies
महिला की बेटी का फाइल फोटो - फोटो : संवाद
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विस्तार
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इटावा-बरेली नेशनल हाईवे पर सोमवार को जाम में पांचाल घाट से पहले एक एंबुलेंस दो घंटे फंसी रही। एंबुलेंस में मौजूद एक घायल महिला ने दम तोड़ दिया। शाहजहांपुर के थाना मिर्जापुर के गांव बहेरिया निवासी महिला को थरिया गांव के पास ट्रक ने टक्कर मार दी। महिला की बेटी सुरभि ने मौके पर ही दम तोड़ दिया। 

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बहेरिया निवासी राजीव कुमार की पत्नी चंद्रवती (45) पुत्र अमन (19), देवेश (8) और बेटी सुरभि (3) के साथ मोपेड से बदायूं के उसावां स्थित अपने मायके पितृपक्ष पर भोज में जा रही थीं। मोपेड अमन चला रहा था। थरिया गांव के पास तेज रफ्तार ट्रक ने मोपेड में टक्कर मार दी। इसमें सुरभि की मौके पर ही मौत हो गई। चंद्रवती और उसके दोनों बेटे घायल हो गए। परिजन घायल महिला को लेकर उपचार के लिए फर्रुखाबाद जा रहे थे, लेकिन इटावा-बरेली नेशनल हाईवे पर जाम में एंबुलेंस फंस गई। 
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हाथ जोड़ते रहे परिजन, किसी ने नहीं निकलने दी एंबुलेंस
एंबुलेंस में मौजूद चंद्रवती की बहन उपासना ने बताया कि बहन को चोटें अधिक होने की वजह से वह एंबुलेंस में चीखती रहीं, लेकिन पांचाल घाट से पहले एंबुलेंस करीब दो घंटे तक जाम में फंसी रही। उन्होंने कई बार वाहन चालकों के हाथ जोड़े कि एंबुलेंस को निकलने दें, लेकिन किसी ने नहीं सुनी और बहन की एंबुलेंस में ही धीरे-धीरे आवाज थमती गई। 

उन्होंने बताया कि एंबुलेंस शाम 4:30 बजे से 6:30 बजे तक जाम में फंसी थी।वहां से निकलने के बाद वे लोग पांच किलोमीटर दूर लोहिया अस्पताल में करीब सात बजे पहुंचे, जहां डॉक्टर ने बहन को मृत घोषित कर दिया। दुर्घटना में घायल देवेश की हालत गंभीर होने पर रेफर कर दिया। परिजन निजी अस्पताल में उसका इलाज करा रहे हैं। मोपेड चला रहे अमन का लोहिया अस्पताल में इलाज चल रहा है। 

समय से इलाज मिल जाता तो बच सकती थी जान 
उपासना ने बताया कि बहन चंद्रकली की चीखें एंबुलेंस के बाहर तक सुनाई दे रही थीं। अस्पताल लाने पर मृत घोषित कर दिया गया। उन्होंने कहा कि यदि समय से इलाज मिल जाता, तो बहन की जान बचाई जा सकती थी।

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