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हुलासनगरा ओवरब्रिज : ब्लॉक लेकर रखे गए गर्डर, 31 मार्च तक शुरू हो सकता है यातायात

Bareily Bureau बरेली ब्यूरो
Updated Sun, 06 Mar 2022 12:02 AM IST
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Girder kept with block, traffic can start till 31st March
हुलासनगरा रेलवे क्रासिंग पर शुक्रवार को अप लाइन पर रखे गए दो गार्डर - फोटो : SHAHJAHANPUR
मीरानपुर कटरा। लखनऊ-दिल्ली नेशनल हाईवे की हुलासनगरा रेलवे क्रॉसिंग के निर्माणाधीन ओवरब्रिज पर अपलाइन के ऊपर गर्डर रखे जाने के लिए रेल विभाग से शुक्रवार शाम अप-लाइन पर ब्लॉक की अनुमति मांगी थी। इसके लिए ढाई घंटे का ब्लॉक मांगा गया, लेकिन क्रेन आदि व्यवस्थाएं पहले से कर लेने के कारण अप लाइन के ऊपर दोनों गर्डर रखने का काम 45 मिनट में पूरा कर लिया गया।
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शनिवार को दो अन्य गर्डर रखने के लिए भी रेल विभाग से ढाई घंटे का ब्लॉक मांगा है। इसके लिए भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) से कार्यदायी संस्था नामित की गई पीआरएल कंपनी के अधिकारियों ने ओवरब्रिज पर एक साइड का यातायात 31 मार्च तक चालू कर करने का दावा किया है।
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लखनऊ-दिल्ली नेशनल हाईवे का चौड़ीकरण कर उसे फोरलेन बनाने की मंजूरी करीब 11 वर्ष पूर्व मिली थी।
शुरुआत में बरेली से सीतापुर के बीच करीब 178 किमी हाईवे के चौड़ीकरण का कार्य नोएडा की ऐरा इंफ्रा कंस्ट्रक्शन कंपनी को मिला था। इस कंपनी को दिए कार्य में हुलासनगरा रेलवे क्रॉसिंग पर ओवरब्रिज बनाना भी शामिल था। कंपनी ने तेजी से काम करना शुरू किया, लेकिन आधा काम भी नहीं निपटा पाई। बाकी कार्य अधूरा छोड़कर चली गई। कई वर्ष निर्माण कार्य बंद पड़ा रहा।
करीब दो साल पहले एनएचएआई ने बरेली-सीतापुर के बीच के हिस्से को बनाने का अलग-अलग कंपनियों को ठेका दे दिया। हुलासनगरा क्रॉसिंग पर ओवरब्रिज के निर्माण का ठेका पीआरएल कंपनी को दिया। निर्माण कर रही कंपनी ने रेलवे क्रॉसिंग के दोनों ओर एप्रोच रोड का काम पूरा कर दिया। इसके बाद ओवरब्रिज के ऊपर रखे जाने वाले गर्डर को लेकर पेंच फंस गया। ऐरा कंपनी द्वारा मंगाए गए गर्डर कई साल तक जमीन पर पड़े रहने से उपयोग लायक नहीं रहे। रेलवे के अभियंताओं ने पुराने गर्डरों की गुणवत्ता पर सवाल उठाते हुए उन्हें फेल कर दिया।
बाद में एनएचएआई ने पीआरएल कंपनी को नए गर्डर बनवाने का आदेश दिया। अब रेल विभाग की निगरानी में छत्तीसगढ़ के रायपुर इस्पात कारखाना में नए गर्डर बनाने का काम चल रहा है। ओवरब्रिज के लिए अब सिर्फ एक स्पैन के गर्डर आने शेष हैं, जो एक सप्ताह के अंदर हुलासनगरा पहुंच जाने की उम्मीद जताई जा रही है। इसी के चलते अप लाइन के ऊपर गर्डर रखे जाने के लिए रेल विभाग ने शुक्रवार शाम को ब्लॉक दिया था।
शाम 4.45 बजे से 5.30 बजे तक दोनों गर्डर पुल पर व्यवस्थित कर दिए गए। पीआरएल कंपनी के अधिकारियों का कहना है कि 15 मार्च तक निर्माणाधीन पुल पर सभी गर्डर रखने का काम पूरा हो जाएगा। इसके साथ ही कंपनी के अधिकारियों ने बरेली की ओर जाने वाले ट्रैफिक के लिए एक साइड का ओवरब्रिज 31 मार्च तक पूरा कर दिए जाने की संभावना जताई है।
रेल विभाग से शुक्रवार शाम ब्लॉक मिलने के बाद क्रॉसिंग की अप लाइन के ऊपर दोनों गर्डर रख दिए गए। शेष दो गर्डर शनिवार को रखने के बाद एक स्पैन के गर्डर आने शेष रह जाएंगे। यह गर्डर भी जल्द पहुंच जाएंगे। ओवरब्रिज पर एक साइड का लिंटर डाला जा चुका है। 31 मार्च तक बरेली की ओर जाने वाले वाहनों के लिए ओवरब्रिज चालू कर दिए जाने की पूरी कोशिश की जा रही है। -टीके शर्मा, महाप्रबंधक, पीआरएल कंपनी (एनएचएआई की कार्यदायी संस्था)
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