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हुलासनगरा ओवरब्रिज : दूसरी लेन के ओवरब्रिज पर गर्डर रखने को आज मांगा ब्लाक
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ओवरब्रिज पर कम स्पीड से वाहन निकालने को लगाया गया होडिंस
- फोटो : SHAHJAHANPUR
मीरानपुर कटरा। हुलासनगरा रेलवे क्रॉसिंग के ओवरब्रिज पर अब दूसरी लेन के लिए आखिरी स्पेन के गर्डर रखने के लिए एनएचएआई ने रेलवे से ब्लॉक की अनुमति मांगी है। बृहस्पतिवार को ब्लॉक की अनुमति मिलने के बाद आखिरी स्पेन के गर्डर रखने का काम पूरा हो सकेगा।
बरेली-लखनऊ नेशनल हाईवे स्थित हुलासनगरा रेलवे क्रॉसिंग पर पिछले 11 वर्षों से ओवरब्रिज का काम अटका पड़ा था। मंगलवार को ओवरब्रिज का आधा काम पूरा होने के बाद ओवरब्रिज से एक लेन पर यातायात को शुरू करा दिया गया। बाकी दूसरी लेन पर काम काफी तेजी से चल रहा है। इसके चलते ओवरब्रिज की निर्माणदायी संस्था ने रेलवे से ओवरब्रिज के दूसरे हिस्से पर आखिरी स्पेन के गर्डर रखे जाने के लिए अपलाइन पर ब्लॉक की अनुमति मांगी है। विभागीय अधिकारियों के अनुसार, यदि रेलवे से ब्लॉक की अनुमति मिल जाती है तो आखिरी स्पेन के दो गर्डर रखने के बाद काम पूरा हो जाएगा। इसके बाद 15 मई तक ओवरब्रिज का काम पूरा कर लेने का दावा किया जा रहा है।
ब्लॉक के प्रचार-प्रसार से दूरी बनाते अफसर, खामियाजा भुगतते यात्री
स्थानीय स्तर से लेकर मुरादाबाद के अधिकारी तक ब्लॉक के प्रचार-प्रसार को तरजीह नहीं देते हैं। ब्लॉक की जानकारी न होने पर रेल यात्रियों को घंटों ट्रेनों में जूझना पड़ता है। जबकि नियम के अनुसार रेलवे को ब्लॉक के बारे में प्रचार-प्रसार करना चाहिए। रेलवे के अफसरों को ब्लॉक मिलने की दो स्थिति है। तीन घंटे का ब्लॉक मंडल के अधिकारी अपने स्तर से दे सकते हैं। इंजीनियरिंग या बिजली विभाग के सीनियर सेक्शन इंजीनियर द्वारा स्टेशन मास्टर कार्यालय में मेमो देने के बाद तीन घंटे का ब्लॉक उपलब्ध करा दिया जाता है। ये ब्लाक रेलवे ट्रैक पर काम करने के लिए रेल अफसर उपलब्ध करा देते हैं। वहीं तीन घंटे से अधिक का ब्लॉक बड़ौदा हाउस नई दिल्ली से स्वीकृत होता है।
पैसेंजर ट्रेनें निकलने के बाद ट्रैक पर काम शुरू करने का नियम
सेवानिवृत्त स्टेशन अधीक्षक ओमशिव अवस्थी बताते हैं कि रेलवे लाइन में फ्रैक्चर आने पर सामान्य ब्लॉक लेकर किसी भी समय काम शुरू कराया जा सकता है। कोई बड़ा काम होने पर पैसेंजर गाड़ियों को पास कराने के बाद ही ब्लॉक देकर काम को शुरू कराया जा सकता है।
ओवरब्रिज के लिए गति सीमा निर्धारित
कार्यदायी कंपनी के डिप्टी मैनेजर पुष्पेंद्र पाराशर ने बताया कि ओवरब्रिज के ऊपर से अपना वाहन गुजारते वक्त अपने वाहन की स्पीड कम से कम रखें। संभव हो तो 30 किमी की स्पीड से ही अपने वाहन निकालें। साथ ही ओवरब्रिज चढ़ते वक्त अथवा पुल के ऊपर अपने वाहन को ओवरटेक न करें।
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ब्लॉक के प्रचार-प्रसार से दूरी बनाते अफसर, खामियाजा भुगतते यात्री
स्थानीय स्तर से लेकर मुरादाबाद के अधिकारी तक ब्लॉक के प्रचार-प्रसार को तरजीह नहीं देते हैं। ब्लॉक की जानकारी न होने पर रेल यात्रियों को घंटों ट्रेनों में जूझना पड़ता है। जबकि नियम के अनुसार रेलवे को ब्लॉक के बारे में प्रचार-प्रसार करना चाहिए। रेलवे के अफसरों को ब्लॉक मिलने की दो स्थिति है। तीन घंटे का ब्लॉक मंडल के अधिकारी अपने स्तर से दे सकते हैं। इंजीनियरिंग या बिजली विभाग के सीनियर सेक्शन इंजीनियर द्वारा स्टेशन मास्टर कार्यालय में मेमो देने के बाद तीन घंटे का ब्लॉक उपलब्ध करा दिया जाता है। ये ब्लाक रेलवे ट्रैक पर काम करने के लिए रेल अफसर उपलब्ध करा देते हैं। वहीं तीन घंटे से अधिक का ब्लॉक बड़ौदा हाउस नई दिल्ली से स्वीकृत होता है।
पैसेंजर ट्रेनें निकलने के बाद ट्रैक पर काम शुरू करने का नियम
सेवानिवृत्त स्टेशन अधीक्षक ओमशिव अवस्थी बताते हैं कि रेलवे लाइन में फ्रैक्चर आने पर सामान्य ब्लॉक लेकर किसी भी समय काम शुरू कराया जा सकता है। कोई बड़ा काम होने पर पैसेंजर गाड़ियों को पास कराने के बाद ही ब्लॉक देकर काम को शुरू कराया जा सकता है।
ओवरब्रिज के लिए गति सीमा निर्धारित
कार्यदायी कंपनी के डिप्टी मैनेजर पुष्पेंद्र पाराशर ने बताया कि ओवरब्रिज के ऊपर से अपना वाहन गुजारते वक्त अपने वाहन की स्पीड कम से कम रखें। संभव हो तो 30 किमी की स्पीड से ही अपने वाहन निकालें। साथ ही ओवरब्रिज चढ़ते वक्त अथवा पुल के ऊपर अपने वाहन को ओवरटेक न करें।
ओवरब्रिज से गुजरते वाहन- फोटो : SHAHJAHANPUR