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कोलाघाट पुल, हुलासनगरा ओवरब्रिज समेत कई परियोजनाएं पकड़ेगी रफ्तार 22-10-35

Bareily Bureau बरेली ब्यूरो
Updated Sun, 27 Mar 2022 12:43 AM IST
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Many projects including Kolaghat bridge, Hulasnagra overbridge will catch speed
कोलाघाट का टूटा पुल का फाइल फोटो - फोटो : SHAHJAHANPUR
शाहजहांपुर। प्रदेश में लगातार दूसरी बार बनी भाजपा की सरकार में जिले का दबदबा तो बढ़ा है, लेकिन तीन मंत्रियों के सामने विकास रफ्तार देने की चुनौती भी है। सबसे ज्यादा चुनौती जिले में अधूरे पड़े प्रोजेक्ट हैं, जो समय से पूरे नहीं हो सके। इस सबके बावजूद जनपद वासियों को अधूरी पड़ी योजनाओं को पूरा करने के अलावा नए प्रोजेक्ट धरातल पर उतरने की उम्मीद बढ़ गई है।
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नई सरकार में जिले का प्रतिनिधित्व बढ़ गया। जनपद से सुरेश खन्ना, जितिन प्रसाद को कैबिनेट मंत्री बनाया गया। वहीं संगठन के लिए बेहतर काम करने के लिए जेपीएस राठौर को राज्यमंत्री की शपथ दिलाई गई।
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टूटे कोलाघाट पुल की गिरे हिस्से की मरम्मत की आस
29 नवंबर 2021 को जलालाबाद से मिर्जापुर-कलान को जोड़ने वाले कोलाघाट पुल के पिलर धंसने से दो स्लैब क्षतिग्रस्त होकर नीचे आ गए थे। पुल के क्षतिग्रस्त होने से हजारों लोगों का जिला मुख्यालय से कनेक्शन टूट गया। विधानसभा चुनाव में यह मुद्दा सबसे ज्यादा उछाला गया था। चूंकि, पहली बार जलालाबाद में कमल खिला है। ऐसे में पुल को सही कराकर फिर से आवागमन को शुरू कराने की जनता की उम्मीद लगाए बैठी है।
हुलासनगरा रेलवे पुल पर कार्य को मिलेगी रफ्तार
लखनऊ-दिल्ली नेशनल हाईवे पर हुलासनगरा रेलवे क्रॉसिंग पर जाम नासूर बना हुआ है। रेल फाटक पर जाम खत्म करने के लिए 2011 से ओवरब्रिज बनाने की कवायद शुरू हो गई थी। यहां पर गर्डर रखने काम किया। लेकिन, रेलवे से ब्लॉक मिलने में परेशानी के चलते काम पूरा नहीं हो पा रहा। इसके चलते लोग अब भी हुलासनगरा फाटक का नाम सुनकर डर जाते हैं। जनपद में तीन मंत्री बनने के बाद हुलासनगरा रेलवे क्रासिंग पर पुल निर्माण कार्य जल्द पूरा होने की उम्मीद बंध गई।
धीमी गति से चल रहा सीवर लाइन का कार्य
लगभग 70 प्रतिशत आबादी को लाभ देने के लिए नगर में सीवर लाइन डालने का काम चल रहा है। पिछले साल 18 सितंबर को कैबिनेट मंत्री सुरेश खन्ना ने 377.51 करोड़ रुपये की लागत वाले प्रोजेक्ट का मघई टोला स्थित पुरानी अस्थाई गोशाला परिसर के पास शिलान्यास किया था, पर सीवर लाइन का काम काफी धीमी गति से चल रहा है। कार्य के नाम पर जगह-जगह गड्ढे खोदकर डाल दिए गए हैं। लोगोें को उम्मीद है कि शायद अब काम रफ्तार पकड़ सकेगा।
बाढ़ की विभीषिका कब तक झेलेंगे लोग
मिर्जापुर-कलान से लेकर शहरी क्षेत्र तक के लोग बाढ़ की विभीषिका का हर साल सामना करते हैं। सुभाषनगर के निचले क्षेत्र में बने मकान तक डूब जाते हैं। गत वर्ष तो बाढ़ में ककरा स्थित न्यू सिटी तक जलमग्न हो गई थी। तीन मंत्री बनने से जनपद के नागरिकों को बाढ़ की परेशानी से बचाने के लिए प्रयास शुरू होने की संभावना है। सबसे ज्यादा ग्रामीण इलाकों में नदियों के किनारे बाढ़ रोकने की व्यवस्था होने की संभावना है।
25 का वादा, मिलीं सिर्फ पांच इलेक्ट्रिक बसें
नगर क्षेत्र में 25 इलेक्ट्रिक बसों की सौगात देने का वादा किया था। चुनाव से पहले पांच बसों को मंगाकर मंत्री सुरेश खन्ना ने लोकार्पण कर दिया था। प्रदेश की राजनीति में जनपद के तीन मंत्रियों का दखल होने के बाद बसों की संख्या में इजाफा होने की उम्मीद बंध गई। जनता को उम्मीद है कि 20 बसें जल्द ही आ जाएंगी। इससे यातायात के साधनों में इजाफा होगा।
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