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हुलासनगरा क्रॉसिंग पर ओवरब्रिज को जल्द मिलेंगे नए गर्डर

Bareily Bureau बरेली ब्यूरो
Updated Wed, 22 Dec 2021 01:30 AM IST
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Overbridge will soon get new girders at Hulasanagara crossing
मीरानपुर कटरा में हुलासनगरा रेलवे क्रासिंग । संवाद - फोटो : SHAHJAHANPUR
शाहजहांपुर। लखनऊ-दिल्ली नेशनल हाईवे की मीरानपुर कटरा क्षेत्र में स्थित हुलासनगरा रेलवे क्रॉसिंग के निर्माणाधीन ओवरब्रिज के लिए नए गर्डर जल्द मिलने की उम्मीद बढ़ गई है। रायपुर (छत्तीसगढ़) के इस्पात कारखाना में ढाले जा रहे गर्डरों की रेलवे द्वारा नियुक्त एजेंसी के अधिकारी तकनीकी जांच कर चुके हैं। गर्डर यहां पहुंचते ही ओवरब्रिज के निर्माण का काम जल्द पूरा होने की उम्मीद है।
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हुलासनगरा क्रॉसिंग पर पुल का निर्माण कार्य अटका होने से वहां जाम की समस्या विकराल हो गई है। क्रॉसिंग के दोनों ओर बनाई गई सर्विस रोड गत मानसून सीजन में भारी वाहनों के कारण क्षतिग्रस्त हो गई है। इससे अक्सर भारी वाहन हिचकोले खाते हुए कभी कमानी टूटने और गियर फंसने जैसी तकनीकी खामियों के कारण वहीं खड़े हो जाते हैं। ऐसी स्थिति में वहां अक्सर कई किलोमीटर लंबा जाम लग जाता है। इन हालातों में हाईवे के वाहनों को दूसरे वैकल्पिक रास्तों से निकालने पर वाहन चालकों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है।
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खास यह है कि हुलासनगरा रेलवे क्रासिंग पर करीब 11 साल पहले ओवरब्रिज की मंजूरी मिली थी, किंतु कई बाधाओं के कारण ओवरब्रिज का निर्माण कार्य पूरा नहीं हो सका। पहले एनएचएआई की शुरुआती कार्यदायी संस्था के काम छोड़ने से निर्माण कार्य अटका। दो वर्ष पहले ओवरब्रिज के निर्माण का जिम्मा पीआरएल कंपनी को दिया गया। इस कंपनी ने ओवरब्रिज के दोनों ओर पूरा काम निपटा लिया, लेकिन रेलवे के अभियंताओं ने ओवरब्रिज के लिए मंगाए पुराने गर्डर गुणवत्ता कसौटी पर खरे नहीं पाए। इस कारण रेल अधिकारियों ने पुराने गर्डर उपयोग में लेने की अनुमति नहीं दी।
चूंकि, अब रेलवे विभाग की निगरानी में ओवरब्रिज के लिए छत्तीसगढ़ के रायपुर इस्पात कारखाना में गर्डर ढालने का काम किया जा रहा है। इसलिए गर्डर जल्द मिलने में कोई संदेह नहीं रह गया है। रेलवे द्वारा नियुक्त की गई एजेंसी गर्डरों का निरीक्षण भी कर चुकी है। अधिकारिक सूत्रों के अनुसार एक बार फिर रेल अधिकारियों की टीम ने लखनऊ से रायपुर पहुंचकर गर्डरों का निरीक्षण किया जाएगा। इसके बाद रेलवे विभाग निर्माणाधीन संस्था को नए गर्डरों के लिए एनओसी (अनापत्ति प्रमाण पत्र) जारी करेगी।
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के इस्पात कारखाना में ओवरब्रिज के लिए गर्डर बनाने का काम रेल अधिकारियों देखरेख में किया जा रहा है। रेलवे की तकनीकी टीम कुछ गर्डरों का निरीक्षण भी कर चुकी है। लखनऊ से रेल अभियंताओं की एक टीम ने फिर रायपुर जाकर दोबारा गर्डरों की तकनीकी जांच की की जाएगी। इसके बाद रेलवे से एनओसी जारी होते ही रायपुर से नए गर्डर हुलासनगरा भेजे जाएंगे।
- टीके शर्मा, महाप्रबंधक, पीआरएल कंपनी (एनएचएआई की कार्यदायी संस्था)
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