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Shamli News: प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र चौसाना में रात को मरीजों को नहीं मिलती चिकित्सा सुविधा
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अभियान --- चौसाना के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर फैली गंदगी । संवाद
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झिंझाना। चौसाना स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर मरीजों को दिन में ही चिकित्सा सुविधा मिल पा रही है। यहां शाम चार बजे के बाद रात में चिकित्सक न होने से इलाज की कोई व्यवस्था नहीं है। मरीजों को 12 किलोमीटर दूर ऊन सीएचसी या निजी चिकित्सकों के यहां इलाज के लिए जाना पड़ता है। वहीं सफाईकर्मी न होने के कारण पीएचसी परिसर में सफाई व्यवस्था बदहाल है।
प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर चिकित्सक अशोक सैनी, फार्मासिस्ट अरविंद कुमार, लैब टेक्नीशियन पारुल और वार्ड बॉय सौरभ तैनात हैं। पीएचसी पर चौसाना के अलावा जिजौला, भड़ी मुस्तफाबाद, सकौती, उद्पुर, खोड़समा, बल्लामजरा, गढ़ी हसनपुर, दथेड़ा, लक्ष्मीपुरा, टोडा, खेड़की सहित आसपास के गांवों से मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं।
पीएचसी पर जच्चा केंद्र की सुविधा भी उपलब्ध है। पहले गर्भवती महिलाओं को प्रसव के लिए ऊन सीएचसी रेफर किया जाता था, लेकिन पीएचसी से सटी बिल्डिंग में एएनएम शकुंतला और नर्स दीपिका की तैनाती के बाद अब सामान्य प्रसव यहीं कराए जा रहे हैं। हालांकि जच्चा केंद्र पर बृहस्पतिवार को सुबह 11 बजे कोई स्टाफ या नर्स नहीं मिली। सभी कमरों पर कुंडी लगी मिली।
लैब में एचआईवी, एसपीवी, वीडीआरएल, एचबी, आरबीएस, मलेरिया, डेंगू, टाइफाइड, वीपीपी और यूरिन स्ट्रिप की जांच की जा रही हैं। सीबीसी जांच की सुविधा भी उपलब्ध है, लेकिन मशीन खराब होने के कारण फिलहाल यह जांच बंद है।
पीएचसी पर रोजाना करीब 150 मरीज पहुंचते हैं, जिनमें 10 से 15 मरीजों की जांच होती है। इनमें शुगर, एचबी, टाइफाइड और मलेरिया की जांच अधिक होती है।
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ये बोले मरीज
सकौती निवासी मरीज विनोद ने बताया कि पेट में दर्द रहने को वह दवा लेने आया है। पहले चिकित्सक न होने के कारण काफी परेशानी होती थी, अब चिकित्सक की नियुक्ति से दिन में इलाज की सुविधा मिल रही है, लेकिन रात में इलाज की सुविधा न होने से मजबूरी में निजी चिकित्सकों से दवा लेनी पड़ती है।
गांव पधान नगर निवासी मामचंद ने बताया कि सांस फूलने की समस्या के लिए वह दवा लेने आए हैं। उन्होंने कहा कि शाम चार बजे के बाद चिकित्सक न मिलने से दिक्कत होती है और कई बार अगले दिन तक इंतजार करना पड़ता है। उन्होंने पीएचसी पर रात में भी चिकित्सा सुविधा शुरू करने की मांग की।
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कोट
स्टाफ की कमी के कारण रात में मरीजों के इलाज की सुविधा नहीं है। मैंने अपनी नियुक्ति के बाद पैथोलॉजी लैब की अधिकांश जांचें और एंटी-रेबीज वैक्सीनेशन शुरू कराई है। पीएचसी पर दवाओं की पर्याप्त उपलब्धता है, लेकिन सफाईकर्मी न होने से सफाई व्यवस्था प्रभावित रहती है। अपने स्तर से ही साफ-सफाई कराई जाती है।
- डॉ. अशोक सैनी, चिकित्सा प्रभारी पीएचसी चौसाना
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प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पर चिकित्सक अशोक सैनी, फार्मासिस्ट अरविंद कुमार, लैब टेक्नीशियन पारुल और वार्ड बॉय सौरभ तैनात हैं। पीएचसी पर चौसाना के अलावा जिजौला, भड़ी मुस्तफाबाद, सकौती, उद्पुर, खोड़समा, बल्लामजरा, गढ़ी हसनपुर, दथेड़ा, लक्ष्मीपुरा, टोडा, खेड़की सहित आसपास के गांवों से मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं।
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पीएचसी पर जच्चा केंद्र की सुविधा भी उपलब्ध है। पहले गर्भवती महिलाओं को प्रसव के लिए ऊन सीएचसी रेफर किया जाता था, लेकिन पीएचसी से सटी बिल्डिंग में एएनएम शकुंतला और नर्स दीपिका की तैनाती के बाद अब सामान्य प्रसव यहीं कराए जा रहे हैं। हालांकि जच्चा केंद्र पर बृहस्पतिवार को सुबह 11 बजे कोई स्टाफ या नर्स नहीं मिली। सभी कमरों पर कुंडी लगी मिली।
लैब में एचआईवी, एसपीवी, वीडीआरएल, एचबी, आरबीएस, मलेरिया, डेंगू, टाइफाइड, वीपीपी और यूरिन स्ट्रिप की जांच की जा रही हैं। सीबीसी जांच की सुविधा भी उपलब्ध है, लेकिन मशीन खराब होने के कारण फिलहाल यह जांच बंद है।
पीएचसी पर रोजाना करीब 150 मरीज पहुंचते हैं, जिनमें 10 से 15 मरीजों की जांच होती है। इनमें शुगर, एचबी, टाइफाइड और मलेरिया की जांच अधिक होती है।
ये बोले मरीज
सकौती निवासी मरीज विनोद ने बताया कि पेट में दर्द रहने को वह दवा लेने आया है। पहले चिकित्सक न होने के कारण काफी परेशानी होती थी, अब चिकित्सक की नियुक्ति से दिन में इलाज की सुविधा मिल रही है, लेकिन रात में इलाज की सुविधा न होने से मजबूरी में निजी चिकित्सकों से दवा लेनी पड़ती है।
गांव पधान नगर निवासी मामचंद ने बताया कि सांस फूलने की समस्या के लिए वह दवा लेने आए हैं। उन्होंने कहा कि शाम चार बजे के बाद चिकित्सक न मिलने से दिक्कत होती है और कई बार अगले दिन तक इंतजार करना पड़ता है। उन्होंने पीएचसी पर रात में भी चिकित्सा सुविधा शुरू करने की मांग की।
कोट
स्टाफ की कमी के कारण रात में मरीजों के इलाज की सुविधा नहीं है। मैंने अपनी नियुक्ति के बाद पैथोलॉजी लैब की अधिकांश जांचें और एंटी-रेबीज वैक्सीनेशन शुरू कराई है। पीएचसी पर दवाओं की पर्याप्त उपलब्धता है, लेकिन सफाईकर्मी न होने से सफाई व्यवस्था प्रभावित रहती है। अपने स्तर से ही साफ-सफाई कराई जाती है।
- डॉ. अशोक सैनी, चिकित्सा प्रभारी पीएचसी चौसाना
