{"_id":"68c86e8d1e6d581dfe088d84","slug":"terror-of-stray-dogs-in-the-district-300-people-got-anti-rabies-injections-shamli-news-c-26-1-smrt1048-149709-2025-09-16","type":"story","status":"publish","title_hn":"Shamli News: जिले में लावारिस कुत्तों का आतंक, 300 लोगों को लगे एंटी रेबीज के इंजेक्शन","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
Shamli News: जिले में लावारिस कुत्तों का आतंक, 300 लोगों को लगे एंटी रेबीज के इंजेक्शन
विज्ञापन

शामली सीएचसी में एंटी रेबीज वैक्सीन लगवाता मोहल्ला दयानंद नगर का शुभंम । संवाद
विज्ञापन
- सरकारी अस्पतालों में मरीजों की लगी भीड़, नगर निकायों व ग्रामीण क्षेत्रों में बचाव के नहीं इंतजाम
संवाद न्यूज एजेंसी
शामली/कांधला/कैराना। जिले में लावारिस कुत्तों का आतंक थम नहीं रहा है। सरकारी अस्पतालों में कुत्तों के काटने वाले मरीजों की भीड़ लग रही है, लेकिन नगर निकायों और ग्रामीण क्षेत्रों में लावारिस कुत्तों से लोगों को बचाव के लिए कोई व्यवस्था नहीं की गई है।
गर्मी में लावारिस कुत्तों के हमले में घायल होने वाले मरीजों की संख्या बढ़ी है। सीएचसी शामली में सोमवार को 80 मरीजों को एंटी रेबीज के इंजेक्शन लगाए गए। इनमें कुत्ते काटने वाले मरीजों की संख्या 60 से ज्यादा रही जबकि बाकी मरीज बंदर व चूहे काटने वाले रहे। जिला अस्पताल में रोजाना 40-50 लोग एंटी रेबीज इंजेक्शन लगवाने पहुंच रहे हैं। गांव झाल निवासी विनोद ने बताया कि घर से गांव जाते समय गली में कुत्ते ने काट लिया।
गांव खेड़ीकरमू निवासी विकास ने बताया कि तीन दिन पहले कुत्ते ने काट लिया था। एंटी रेबीज की दूसरी डोज लगवाई। दयानंदनगर निवासी शुभम ने बताया कि एंटी रेबीज की दूसरी डोज लगवाने आए।
उधर, नगरपालिका शामली द्वारा लावारिस कुत्तों को पकड़ने की कोई व्यवस्था नहीं है। पिछले साल पालिका ने लावारिस 1800 कुत्तों की नसबंदी कराने का दावा किया था। इस साल बोर्ड बैठक में सहमति नहीं बनने से कुत्तों की नसबंदी नहीं कराई गई।
कांधला कस्बे व देहात में लावारिस कुत्तों के काटने के मामले सामने आ रहे हैं। शहर की कालोनियों और मुख्य मार्गों पर दोपहिया वाहनों का चलना भी जोखिम भरा हो गया है। झुंड में घूमने वाले कुत्ते महिलाओं, बुजुर्गों और बच्चों पर हमला कर रहे हैं। नगर पालिका की ओर से कुत्तों से निपटने के लिए अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है, जिससे लोगों में दहशत का माहौल बना हुआ है। सोमवार को उमर, विशाल, अब्दुल, सुरेशपाल, अलिशा, सुफियान, हर्षिता, मोनू, एलिदा, शादाब सहित 110 लोगों ने एंटी रेबीज वैक्सीन लगवाई।
कैराना कस्बे व देहात में लावारिस कुत्तों का झुंड घूमते रहते हैं। सोमवार को सीएचसी पर 64 लोगों को एंटी रेबीज वैक्सीन लगाई गई। गांव खुरगान निवासी अनीस ने बताया कि तीन दिन पहले वह बाजार से सामान लेने जा रहा था। गली में कुत्ते ने पैर में काट लिया था। दूसरी बार एंटी रेबीज की डोज लगवाने आए है। फार्मासिस्ट मोहम्मद अली ने बताया कि अस्पताल में एंटीरेबीज वैक्सीन का स्टॉक पूरा है।
उधर, नगर पालिका के सफाई लिपिक असलम बाबू ने बताया कि पिछले तीन महीने में सहारनपुर से बुलाई गई टीम ने करीब एक हजार कुत्तों की नसबंदी कर दी है। अभी 2000 कुत्तों की नसबंदी और कराई जानी है। पालिका एक कुत्ते की नसबंदी के लिए 1600 रुपये का भुगतान करती है।
नगरपालिका शामली के अधिशासी अधिकारी विनोद सोलंकी का कहना है कि लावारिस कुत्तों के मामले में शासन के जो भी दिशा निर्देश होंगे, उसी के अनुसार कार्रवाई की जाएगी।

Trending Videos
संवाद न्यूज एजेंसी
शामली/कांधला/कैराना। जिले में लावारिस कुत्तों का आतंक थम नहीं रहा है। सरकारी अस्पतालों में कुत्तों के काटने वाले मरीजों की भीड़ लग रही है, लेकिन नगर निकायों और ग्रामीण क्षेत्रों में लावारिस कुत्तों से लोगों को बचाव के लिए कोई व्यवस्था नहीं की गई है।
गर्मी में लावारिस कुत्तों के हमले में घायल होने वाले मरीजों की संख्या बढ़ी है। सीएचसी शामली में सोमवार को 80 मरीजों को एंटी रेबीज के इंजेक्शन लगाए गए। इनमें कुत्ते काटने वाले मरीजों की संख्या 60 से ज्यादा रही जबकि बाकी मरीज बंदर व चूहे काटने वाले रहे। जिला अस्पताल में रोजाना 40-50 लोग एंटी रेबीज इंजेक्शन लगवाने पहुंच रहे हैं। गांव झाल निवासी विनोद ने बताया कि घर से गांव जाते समय गली में कुत्ते ने काट लिया।
विज्ञापन
विज्ञापन
गांव खेड़ीकरमू निवासी विकास ने बताया कि तीन दिन पहले कुत्ते ने काट लिया था। एंटी रेबीज की दूसरी डोज लगवाई। दयानंदनगर निवासी शुभम ने बताया कि एंटी रेबीज की दूसरी डोज लगवाने आए।
उधर, नगरपालिका शामली द्वारा लावारिस कुत्तों को पकड़ने की कोई व्यवस्था नहीं है। पिछले साल पालिका ने लावारिस 1800 कुत्तों की नसबंदी कराने का दावा किया था। इस साल बोर्ड बैठक में सहमति नहीं बनने से कुत्तों की नसबंदी नहीं कराई गई।
कांधला कस्बे व देहात में लावारिस कुत्तों के काटने के मामले सामने आ रहे हैं। शहर की कालोनियों और मुख्य मार्गों पर दोपहिया वाहनों का चलना भी जोखिम भरा हो गया है। झुंड में घूमने वाले कुत्ते महिलाओं, बुजुर्गों और बच्चों पर हमला कर रहे हैं। नगर पालिका की ओर से कुत्तों से निपटने के लिए अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया है, जिससे लोगों में दहशत का माहौल बना हुआ है। सोमवार को उमर, विशाल, अब्दुल, सुरेशपाल, अलिशा, सुफियान, हर्षिता, मोनू, एलिदा, शादाब सहित 110 लोगों ने एंटी रेबीज वैक्सीन लगवाई।
कैराना कस्बे व देहात में लावारिस कुत्तों का झुंड घूमते रहते हैं। सोमवार को सीएचसी पर 64 लोगों को एंटी रेबीज वैक्सीन लगाई गई। गांव खुरगान निवासी अनीस ने बताया कि तीन दिन पहले वह बाजार से सामान लेने जा रहा था। गली में कुत्ते ने पैर में काट लिया था। दूसरी बार एंटी रेबीज की डोज लगवाने आए है। फार्मासिस्ट मोहम्मद अली ने बताया कि अस्पताल में एंटीरेबीज वैक्सीन का स्टॉक पूरा है।
उधर, नगर पालिका के सफाई लिपिक असलम बाबू ने बताया कि पिछले तीन महीने में सहारनपुर से बुलाई गई टीम ने करीब एक हजार कुत्तों की नसबंदी कर दी है। अभी 2000 कुत्तों की नसबंदी और कराई जानी है। पालिका एक कुत्ते की नसबंदी के लिए 1600 रुपये का भुगतान करती है।
नगरपालिका शामली के अधिशासी अधिकारी विनोद सोलंकी का कहना है कि लावारिस कुत्तों के मामले में शासन के जो भी दिशा निर्देश होंगे, उसी के अनुसार कार्रवाई की जाएगी।
शामली सीएचसी में एंटी रेबीज वैक्सीन लगवाता मोहल्ला दयानंद नगर का शुभंम । संवाद
शामली सीएचसी में एंटी रेबीज वैक्सीन लगवाता मोहल्ला दयानंद नगर का शुभंम । संवाद
शामली सीएचसी में एंटी रेबीज वैक्सीन लगवाता मोहल्ला दयानंद नगर का शुभंम । संवाद