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Siddharthnagar News: रैन बसेरे में लोग नहीं...अलाव के लिए आग का इंतजार
संवाद न्यूज एजेंसी, सिद्धार्थनगर
Updated Thu, 18 Dec 2025 11:55 PM IST
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मेडिकल कॉलेज के परिसर में स्थित रैन बसेरा में मौजूद लोग। संवाद
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सिद्धार्थनगर। नेपाल की तराई में गिने जाने वाले जनपद में ठंड ने अब तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं। तराई कोहरे की चादर में बिछ गई है और ओस की बूंदें बारिश का अहसास करा रही हैं।
वहीं, ठंड से बचाव के इंतजाम तो किए गए हैं, लेकिन कुछ जगहों पर यह नाकाफी हैं। चौक चौराहों पर लकड़ी तो गिरा दी गई है, लेकिन आग नहीं जलने से लोगों को इसका फायदा नहीं मिल पा रहा है। वहीं रैन बसेरे भी तैयार हैं, लेकिन वहां अभी इक्का-दुक्का लोग ही पहुंच रहे हैं।
ठंड से आम लोगों के साथ यात्रियों को दी जाने वाली सहूलियत की हकीकत जानने के लिए संवाद न्यूज एजेंसी की टीम ने भ्रमण किया। रैन बसेरे की व्यवस्था और अलाव की हकीकत जानने की कोशिश की गई। जिला मुख्यालय पर रेलवे स्टेशन और माधव प्रसाद त्रिपाठी मेडिकल कॉलेज में बने रैन बसेरे को देखा गया, जहां सुविधाएं तो मिलीं लेकिन रहने वाले नहीं मिले। मेडिकल कॉलेज की गैलरी में पड़े मरीजों से बात की गई तो उनका कहना है कि रैन बसेरा में जाएंगे तो मरीजों को जरूरत पड़ने पर कैसे देखेंगे। वहीं, रेलवे स्टेशन पर 12 बेड के रैन बसेरे में छह लोग पहुंच गए थे।
वहीं, अलाव की बात करें तो रेलवे स्टेशन सिद्धार्थनगर को छोड़कर अन्य स्थानों पर लकड़ी तो मिली है, लेकिन उसमें कई महत्वपूर्ण स्थानों पर अलाव नहीं जलाए जाने से लोगों को ठंड में ठिठुरना पड़ा। कहीं-कहीं तो हालात ऐसे बन गए हैं कि अलाव के लिए लकड़ी तो कई जगह गिरा दी गई, लेकिन आग नहीं जली। मजबूरी में गरीब, बेसहारा और राहगीर रैन बसेरों की ओर पहुंचने लगे हैं।
वहीं, मौसम विभाग की बात करें तो सिद्धार्थनगर को ठंड के रेड जोन में रखते हुए सतर्क रहने की चेतावनी जारी की है। तराई क्षेत्र में आने वाले दिनों में ठंड और भीषण होने और कोहरे का घनत्व बढ़ने की संभावना जताई गई है। इटवा, डुमरियागंज, बांसी और शोहरतगढ़ नगर पालिकाओं में अलाव व रैन बसेरों की लाइव पड़ताल में सामने आया कि बांसी, शोहरतगढ़ में अलावा और रैन बसेरा की व्यवस्था मिली। जबकि इटवा में रैन बसेरा तो मिला, लेकिन अलाव नहीं जलता मिला।
ठंड को लेकर रेड अलर्ट, सतर्क रहने की सलाह: जनपद को मौसम विभाग ने ठंड को लेकर रेड अलर्ट जारी किया गया है। रात के तापमान में और गिरावट की संभावना, तराई क्षेत्र में कोहरे का घनत्व और बढ़ेगा, जिससे मुसीबत और बढ़ने की आशंका है। ठंड में होने वाली दिक्कत को देखते हुए बुजुर्गों, बच्चों और बीमारों को विशेष सतर्कता की सलाह दी गई है। बुजुर्ग लकवा, ब्रेन स्टोक जबकि बच्चे कोल्ड डायरिया सहित कई बीमारी की चपेट में आ सकते हैं। ऐसे स्वास्थ्य विशेषज्ञों की राय है।
रैन बसेरा बना, नगर में अलाव की व्यवस्था: बृहस्पतिवार को पड़ताल के दौरान इटवा डुमरियागंज मार्ग पर स्थित सीएचसी इटवा के आसपास कोई रैन बसेरा नहीं मिला। अस्थाई रैन-बसेरा बनाया गया है।
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वहीं, ठंड से बचाव के इंतजाम तो किए गए हैं, लेकिन कुछ जगहों पर यह नाकाफी हैं। चौक चौराहों पर लकड़ी तो गिरा दी गई है, लेकिन आग नहीं जलने से लोगों को इसका फायदा नहीं मिल पा रहा है। वहीं रैन बसेरे भी तैयार हैं, लेकिन वहां अभी इक्का-दुक्का लोग ही पहुंच रहे हैं।
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ठंड से आम लोगों के साथ यात्रियों को दी जाने वाली सहूलियत की हकीकत जानने के लिए संवाद न्यूज एजेंसी की टीम ने भ्रमण किया। रैन बसेरे की व्यवस्था और अलाव की हकीकत जानने की कोशिश की गई। जिला मुख्यालय पर रेलवे स्टेशन और माधव प्रसाद त्रिपाठी मेडिकल कॉलेज में बने रैन बसेरे को देखा गया, जहां सुविधाएं तो मिलीं लेकिन रहने वाले नहीं मिले। मेडिकल कॉलेज की गैलरी में पड़े मरीजों से बात की गई तो उनका कहना है कि रैन बसेरा में जाएंगे तो मरीजों को जरूरत पड़ने पर कैसे देखेंगे। वहीं, रेलवे स्टेशन पर 12 बेड के रैन बसेरे में छह लोग पहुंच गए थे।
वहीं, अलाव की बात करें तो रेलवे स्टेशन सिद्धार्थनगर को छोड़कर अन्य स्थानों पर लकड़ी तो मिली है, लेकिन उसमें कई महत्वपूर्ण स्थानों पर अलाव नहीं जलाए जाने से लोगों को ठंड में ठिठुरना पड़ा। कहीं-कहीं तो हालात ऐसे बन गए हैं कि अलाव के लिए लकड़ी तो कई जगह गिरा दी गई, लेकिन आग नहीं जली। मजबूरी में गरीब, बेसहारा और राहगीर रैन बसेरों की ओर पहुंचने लगे हैं।
वहीं, मौसम विभाग की बात करें तो सिद्धार्थनगर को ठंड के रेड जोन में रखते हुए सतर्क रहने की चेतावनी जारी की है। तराई क्षेत्र में आने वाले दिनों में ठंड और भीषण होने और कोहरे का घनत्व बढ़ने की संभावना जताई गई है। इटवा, डुमरियागंज, बांसी और शोहरतगढ़ नगर पालिकाओं में अलाव व रैन बसेरों की लाइव पड़ताल में सामने आया कि बांसी, शोहरतगढ़ में अलावा और रैन बसेरा की व्यवस्था मिली। जबकि इटवा में रैन बसेरा तो मिला, लेकिन अलाव नहीं जलता मिला।
ठंड को लेकर रेड अलर्ट, सतर्क रहने की सलाह: जनपद को मौसम विभाग ने ठंड को लेकर रेड अलर्ट जारी किया गया है। रात के तापमान में और गिरावट की संभावना, तराई क्षेत्र में कोहरे का घनत्व और बढ़ेगा, जिससे मुसीबत और बढ़ने की आशंका है। ठंड में होने वाली दिक्कत को देखते हुए बुजुर्गों, बच्चों और बीमारों को विशेष सतर्कता की सलाह दी गई है। बुजुर्ग लकवा, ब्रेन स्टोक जबकि बच्चे कोल्ड डायरिया सहित कई बीमारी की चपेट में आ सकते हैं। ऐसे स्वास्थ्य विशेषज्ञों की राय है।
रैन बसेरा बना, नगर में अलाव की व्यवस्था: बृहस्पतिवार को पड़ताल के दौरान इटवा डुमरियागंज मार्ग पर स्थित सीएचसी इटवा के आसपास कोई रैन बसेरा नहीं मिला। अस्थाई रैन-बसेरा बनाया गया है।
