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Sitapur News: सरयू का जलस्तर 117.80 मीटर पर स्थिर, खतरा बरकरार
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सीतापुर में कटान करती सरयू।
- फोटो : सीतापुर में कटान करती सरयू।
रामपुर मथुरा (सीतापुर)। सरयू नदी का जलस्तर सोमवार को भी 117.80 मीटर पर स्थिर रहा। पानी खतरे के निशान 119 मीटर से महज 1.20 मीटर दूर है। ऐसे में तटवर्ती 15 गांवों से बाढ़ व कटान का खतरा फिलहाल टला नहीं है। संभावित बाढ़ व कटान के डर से लोग सुरक्षित स्थान पर पहुंचने की तैयारी में जुटे हुए हैं। उधर, गिरिजापुरी बैराजों से सोमवार को 1.13 लाख 185 क्यूसेक पानी फिर छोड़ा गया है। पहाड़ों पर लगातार हो रही बारिश और गिरिजापुरी बैराजों के पानी से सरयू नदी का जलस्तर बढ़ा है। पानी का बहाव निचले हिस्सों की ओर हो रहा है।
जलस्तर बढ़ने से बाढ़ राहत परियोजना का काम भी ठप हो गया है। अब कटान रोकने को लेकर परक्यूपाइन लगाने का काम किया जा रहा है। गत रविवार को सरयू का जलस्तर 60 सेमी बढ़कर 117.80 मीटर पर पहुंच गया था। सोमवार को भी पानी 117.80 मीटर पर ठहरा रहा। जलस्तर तो नहीं बढ़ा लेकिन तटवर्ती अखरी, अंगरौरा, बाबाकुटी, बक्सीपुरवा, प्यारेपुरवा, अर्जुनपुरवा, सोतीपुरवा, कनरखी, अटौरा, मिश्रण पुरवा, कोठार, निरंजन पुरवा समेत 15 गांव के ग्रामीणों को बाढ़ का भय सता रहा है। ग्रामीणों के मुताबिक, जलस्तर स्थिर रहना भी खतरे का संकेत है। बैराजों से हर दिन लाखों क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। पहाड़ों से लेकर मैदानी इलाकों तक बारिश भी रुक-रुककर हो रही है।
ऐसे में जलस्तर किसी भी समय बढ़ सकता है। कटान का खतरा भी बना हुआ है। इससे ग्रामीण सहमे हुए हैं। वह सुरक्षित स्थान पर पहुंचने की योजना पर काम करने लगे हैं। परमगोंडा के नंद किशोर ने बताया कि पांच दिन पहले कटान होने से उनके घर का कुछ हिस्सा सरयू में समा गया है। अभी कटान बंद है, लेकिन कब शुरू हो जाए कह नहीं सकते हैं। इसलिए गृहस्थी समेटकर सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दी है। ताकि अचानक बाढ़ व कटान के हालात बनने पर गृहस्थी सुरक्षित बच जाएगी। इसी सोच से अन्य लोग भी गृहस्थी समेट रहे हैं।
समय से परियोजना पूरी हो जाती तो बाढ़ से होता बचाव
अखरी, ग्वाहडीह व कलुवापुर के पास 15 करोड़ रुपये की लागत वाली बाढ़ राहत परियोजना का काम चल रहा था। यह काम 30 जून तक पूर्ण होना था। कार्य निश्चित समय पर पूर्ण नहीं हो सका। ग्रामीण राकेश ने बताया कि इस परियोजना का आम जन को कोई फायदा मिलने वाला नहीं है। राजेश व रामविजय ने बताया कि यदि परियोजना समय से पूरी हो गई होती तो शायद बाढ़ व काटन से छुटकारा मिल जाता, लेकिन सदैव कार्य में जानबूझकर देरी की जाती है। इसी तरह पिछले साल एक करोड़ की लागत वाले ड्रेजिंग व चैनलाइजेशन का काम भी देरी से शुरू किया गया था। फिर जलस्तर बढ़ने से बंद करना पड़ा, इसका भी कोई लाभ नहीं मिल सका था।
लगातार की जा रही निगरानी
सरयू नदी का जलस्तर फिलहाल स्थिर है। अभी बाढ़ जैसे कोई हालात नही हैं। तटवर्ती क्षेत्र की लगातार निगरानी की जा रही है। -अनिल कुमार, तहसीलदार महमूदाबाद
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जलस्तर बढ़ने से बाढ़ राहत परियोजना का काम भी ठप हो गया है। अब कटान रोकने को लेकर परक्यूपाइन लगाने का काम किया जा रहा है। गत रविवार को सरयू का जलस्तर 60 सेमी बढ़कर 117.80 मीटर पर पहुंच गया था। सोमवार को भी पानी 117.80 मीटर पर ठहरा रहा। जलस्तर तो नहीं बढ़ा लेकिन तटवर्ती अखरी, अंगरौरा, बाबाकुटी, बक्सीपुरवा, प्यारेपुरवा, अर्जुनपुरवा, सोतीपुरवा, कनरखी, अटौरा, मिश्रण पुरवा, कोठार, निरंजन पुरवा समेत 15 गांव के ग्रामीणों को बाढ़ का भय सता रहा है। ग्रामीणों के मुताबिक, जलस्तर स्थिर रहना भी खतरे का संकेत है। बैराजों से हर दिन लाखों क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। पहाड़ों से लेकर मैदानी इलाकों तक बारिश भी रुक-रुककर हो रही है।
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ऐसे में जलस्तर किसी भी समय बढ़ सकता है। कटान का खतरा भी बना हुआ है। इससे ग्रामीण सहमे हुए हैं। वह सुरक्षित स्थान पर पहुंचने की योजना पर काम करने लगे हैं। परमगोंडा के नंद किशोर ने बताया कि पांच दिन पहले कटान होने से उनके घर का कुछ हिस्सा सरयू में समा गया है। अभी कटान बंद है, लेकिन कब शुरू हो जाए कह नहीं सकते हैं। इसलिए गृहस्थी समेटकर सुरक्षित स्थान पर पहुंचा दी है। ताकि अचानक बाढ़ व कटान के हालात बनने पर गृहस्थी सुरक्षित बच जाएगी। इसी सोच से अन्य लोग भी गृहस्थी समेट रहे हैं।
समय से परियोजना पूरी हो जाती तो बाढ़ से होता बचाव
अखरी, ग्वाहडीह व कलुवापुर के पास 15 करोड़ रुपये की लागत वाली बाढ़ राहत परियोजना का काम चल रहा था। यह काम 30 जून तक पूर्ण होना था। कार्य निश्चित समय पर पूर्ण नहीं हो सका। ग्रामीण राकेश ने बताया कि इस परियोजना का आम जन को कोई फायदा मिलने वाला नहीं है। राजेश व रामविजय ने बताया कि यदि परियोजना समय से पूरी हो गई होती तो शायद बाढ़ व काटन से छुटकारा मिल जाता, लेकिन सदैव कार्य में जानबूझकर देरी की जाती है। इसी तरह पिछले साल एक करोड़ की लागत वाले ड्रेजिंग व चैनलाइजेशन का काम भी देरी से शुरू किया गया था। फिर जलस्तर बढ़ने से बंद करना पड़ा, इसका भी कोई लाभ नहीं मिल सका था।
लगातार की जा रही निगरानी
सरयू नदी का जलस्तर फिलहाल स्थिर है। अभी बाढ़ जैसे कोई हालात नही हैं। तटवर्ती क्षेत्र की लगातार निगरानी की जा रही है। -अनिल कुमार, तहसीलदार महमूदाबाद