UP: कफ सिरप के सरगना शुभम के धंधे का राजदार है सीए विष्णु अग्रवाल, पिता भोला ने दी अहम जानकारी; पूछताछ जारी
Cough Syrup Case: कफ सिरप के किंगपिन शुभम जायसवाल के पिता भोला प्रसाद ने कारोबार को लेकर कई जानकारी दी है। उसे कोर्ट में पेश किया गया था। रिमांड के दाैरान उससे पूछताछ जारी है।
विस्तार
Sonbhadra News: कोलकाता एयरपोर्ट पर पकड़े गए कफ सिरप की तस्करी के सरगना शुभम जायसवाल के पिता भोला प्रसाद को पुलिस ने बुधवार को विशेष न्यायाधीश एनडीपीएस एक्ट आबिद शमीम की अदालत में पेश किया। अदालत ने उसे 14 दिनों की रिमांड पर पुलिस को सौंप दिया।
पूछताछ में उसने एसआईटी को कई अहम जानकारियां दी हैं। पूरे मामले में वाराणसी के चार्टड एकाउंटेंट विष्णु अग्रवाल की अहम भूमिका सामने आई है। शुभम के धंधे का पूरा हिसाब सीए विष्णु अग्रवाल ही रखता था। पुलिस अब उसकी तलाश में जुट गई है। विष्णु के संपर्क में कौन-कौन थे और तस्करी में अन्य भागीदारी के बारे में जानकारी जुटाने के लिए सोनभद्र पुलिस के साथ ही एसटीएफ, एसआईटी वाराणसी सहित अन्य जिलों की टीमें पूछताछ में जुटी हुई हैं।
शुभम के पिता भोला को सोनभद्र पुलिस की एसआईटी ने रविवार को कोलकाता के दमदम एयरपोर्ट से दबोचा था। वह फ्लाइट पकड़कर थाईलैंड के रास्ते दुबई भागने की फिराक में था। गिरफ्तारी के बाद उसे ट्रांजिट रिमांड पर लेकर पुलिस टीम मंगलवार की देर शाम सोनभद्र पहुंची थी।
पूछताछ जारी
बुधवार को उसे कड़ी सुरक्षा के बीच विशेष न्यायाधीश की अदालत में पेश किया। पुलिस की ओर से पूछताछ के लिए 14 दिनों की रिमांड पर देने का अनुरोध किया गया, जिसे अदालत ने मंजूर कर लिया। रिमांड मिलते ही पुलिस भोला से पूछताछ में जुट गई है।
सोनभद्र एसआईटी के अलावा एसटीएफ और एसआईटी वाराणसी सहित अन्य जिलों की टीम भी पहुंची थी। सभी टीम ने अलग-अलग भोला से पूछताछ कर कफ सिरप की तस्करी के धंधे से जुड़ी जानकारियां जुटाई। इसके आधार पर टीमें आगे की कार्रवाई में जुट गई हैं।
शुभम-विष्णु को असल गुनहगार बताता रहा भोला
पूछताछ में भोला जहां एक तरफ शैली ट्रेडर्स के पजीयन, उसके जरिए किए जाने वाले वित्तीय लेन-देन के लिए चेक-कागजातों, सिरप आपूर्ति से जुड़े प्रपत्रों पर हस्ताक्षर की बात स्वीकार करता रहा। वहीं खुद को निर्दोष होने की बात कहते हुए सरगना शुभम और चार्टर्ड एकाउंटेंट विष्णु को असल गुनहगार बताने में लगा रहा। एसपी ने बताया कि पूछताछ में भोला का कहना है कि फर्म उसके नाम से पंजीकृत है लेकिन उसका संचालन बेटा शुभम करता था। नकली बिलिंग, फर्जी लेन-देन संबंधी सभी गतिविधियां शुभम ही कर रहा था।