Cough Syrup Case: शुभम ने 2022 में बनाई थी फर्म, छह महीने में बन गया काले कारोबार का सरगना
Cough Syrup Case In Sonbhadra: कफ सिरप कांड के सरगना शुभम जायसवाल के पूरे नेटवर्क को एसआईटी की टीम खंगाल रही है। इस बीच पता चला कि शुभम ने 2022 में फर्म बनाई थी और छह महीने में ही वह इस काले धंधे का सरगना बन गया।
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सहारनपुर के विभव राणा गिरोह पर वर्ष 2021 में नार्कोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) ने शिकंजा कसना शुरू किया तो शुभम ने 2022 में अपने पिता के नाम से शैली ट्रेडर्स नामक फर्म बनाई। विभव की फर्म जीआर ट्रेडिंग पर सवाल उठने का लाभ लेकर अपनी फर्म को सिरप निर्माता कंपनी एबाट हेल्थ केयर लिमिटेड से मुख्य वितरक का दर्जा दिलाया।
पश्चिम बंगाल होते हुए बांग्लादेश तस्करी में अड़चनों से बचने के लिए रांची में गोदाम बनाया और वहां से पूर्वांचल की फर्मों के लिए आपूर्ति दिखाई। कहीं नई फर्मों के नाम पर फर्जी आपूर्ति तो कहीं बगैर कुछ किए दो से चार प्रतिशत के कमीशन का लालच देकर गाजियाबाद, मेरठ से लेकर प्रयागराज तक शुभम ने ऐसा नेटवर्क फैलाया कि महज छह माह में इस काले कारोबार का सरगना बन गया।
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गाजियाबाद को बनाया गया भंडारण का ठिकाना
गाजियाबाद के नेटवर्क की जिम्मेदारी आसिफ-वसीम ने संभाली और पूर्वांचल की जिम्मेदारी शुभम को सौंपी गई। बाद में आसिफ दुबई चला गया और शुभम को यूपी, असम, झारखंड, महाराष्ट्र सहित अन्य राज्यों की जिम्मेदारी सौंप दी गई। वसीम पश्चिम बंगाल का नेटवर्क संभालने में लग गया।
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सोनभद्र में पकड़ी गईं दो फर्जी फर्में
दिलचस्प मसला यह है कि 2021 में नशीले सिरप तस्करी के एक बड़े नेटवर्क के खुलासे के बाद भी नए फर्मों पर लिए जा रहे लाइसेंस का किस तरह से इस्तेमाल किया जा रहा है, इसे जांचने की जरूरत तक नहीं समझी गई। ऐसा कुछ न होने की एक रिपोर्ट भी उच्चाधिकारियों को भेजे जाने की बात कई दिनों तक चर्चा में बनी रही। सोनभद्र में भी दो फर्जी फर्में तब पकड़ में आईं जब एसआईटी ने इनकी भूमिका पर सवाल उठाए।