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उन्नाव: फर्जी डिग्री पर नौकरी कर रहे तीन शिक्षकों की सेवा समाप्त, हाईकोर्ट के आदेश पर की गई कार्रवाई
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, उन्नाव
Published by: प्रभापुंज मिश्रा
Updated Sat, 13 Mar 2021 07:53 PM IST
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कोर्ट ने सुनाया फैसला
- फोटो : अमर उजाला
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आगरा विश्वविद्यालय की बीएड की फर्जी डिग्री लगाकर परिषदीय स्कूलों में छह साल से नौकरी कर रहे तीन शिक्षकों की सेवा समाप्त कर दी गई है। एसआईटी की जांच में खुलासे के बाद इन शिक्षकों ने हाईकोर्ट में रिट दायर की थी। विश्वविद्यालय की ओर से हाईकोर्ट में दिए गए शपथपत्र में शिक्षकों की डिग्री फर्जी बताई गई।
हाईकोर्ट के आदेश पर बीएसए ने तीनों शिक्षकों की सेवा समाप्त कर दी है। बीघापुर ब्लॉक के पिथईखेड़ा उच्च प्राथमिक स्कूल के शिक्षक जितेंद्र सिंह चंदेल, मियागंज ब्लॉक के जरूआखेड़ा प्राथमिक स्कूल की प्रधान शिक्षिका आजाद गुलशन बानो व बांगरमऊ ब्लॉक के गांव उमरिया भगवंतपुर प्राथमिक विद्यालय के प्रधान शिक्षक अरविंद कुमार ने आगरा विश्वविद्यालय से 2004-05 में बीएड किए जाने की डिग्री लगाई थी।

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हाईकोर्ट के आदेश पर बीएसए ने तीनों शिक्षकों की सेवा समाप्त कर दी है। बीघापुर ब्लॉक के पिथईखेड़ा उच्च प्राथमिक स्कूल के शिक्षक जितेंद्र सिंह चंदेल, मियागंज ब्लॉक के जरूआखेड़ा प्राथमिक स्कूल की प्रधान शिक्षिका आजाद गुलशन बानो व बांगरमऊ ब्लॉक के गांव उमरिया भगवंतपुर प्राथमिक विद्यालय के प्रधान शिक्षक अरविंद कुमार ने आगरा विश्वविद्यालय से 2004-05 में बीएड किए जाने की डिग्री लगाई थी।
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इन तीनों ने वर्ष 2014-15 में बेसिक शिक्षा विभाग में नौकरी हासिल की थी। कई जिलों में फर्जी डिग्री का खुलासा होने के बाद एसआईटी जांच कराई तो इन शिक्षकों की बीएड की डिग्री फर्जी पाई गई। वर्ष 2017 में बीएसए ने इन शिक्षकों पर कार्रवाई की तो सभी ने हाईकोर्ट में रिट दायर की थी।
हाईकोर्ट के आदेश पर चार माह बाद दोबारा स्कूलों में नियुक्ति मिल गई। तभी से तीनों नौकरी कर रहे थे। बाद में हाईकोर्ट ने विश्वविद्यालय से तीनों शिक्षकों की डिग्री की जांच कर शपथ पत्र देेने को कहा। विश्वविद्यालय की ओर से हाईकोर्ट में दिए गए शपथ पत्र में तीनों शिक्षकों की डिग्री फर्जी बताई गई।
इस पर हाईकोर्ट ने 26 फरवरी 2021 को तीनों शिक्षकों की सेवा समाप्ति का आदेश दे दिया। बीएसए प्रदीप कुमार पांडेय ने बताया कि इन तीनों शिक्षकों की बीएड की डिग्री फर्जी साबित हुई है। हाईकोर्ट के आदेश पर तीनों की सेवा समाप्त कर दी गई है।
हाईकोर्ट के आदेश पर चार माह बाद दोबारा स्कूलों में नियुक्ति मिल गई। तभी से तीनों नौकरी कर रहे थे। बाद में हाईकोर्ट ने विश्वविद्यालय से तीनों शिक्षकों की डिग्री की जांच कर शपथ पत्र देेने को कहा। विश्वविद्यालय की ओर से हाईकोर्ट में दिए गए शपथ पत्र में तीनों शिक्षकों की डिग्री फर्जी बताई गई।
इस पर हाईकोर्ट ने 26 फरवरी 2021 को तीनों शिक्षकों की सेवा समाप्ति का आदेश दे दिया। बीएसए प्रदीप कुमार पांडेय ने बताया कि इन तीनों शिक्षकों की बीएड की डिग्री फर्जी साबित हुई है। हाईकोर्ट के आदेश पर तीनों की सेवा समाप्त कर दी गई है।