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लीड : जलस्तर घटा तो कटने लगा परियर-बिठूर मार्ग
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फोटो -29-परियर-बिठूर मार्ग पर सड़क कटाने से लगाई गईं ईंट भरी बोरियां। संवाद
- फोटो : credit
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उन्नाव/परियर। गंगा का जलस्तर कम होने के बाद कटान तेजी से बढ़ी है। इसकी चपेट में परियर-बिठूर मार्ग आ गया। मार्ग की एक किनारे की मिट्टी बहने के बाद कटान सड़क के डामर के हिस्से तक हो गई है। शनिवार शाम जलस्तर खतरे के निशान 113 मीटर से घटकर 112.750 मीटर पर पहुंच गया। हालांकि कटान ने मुश्किलें बढ़ा दी हैं।
सदर तहसील क्षेत्र में परियर बिठूर मार्ग से बाढ़ का पानी लगभग दो फिट ऊंचाई से चल रहा रहा था। लगातार घटे जलस्तर के बाद शनिवार को सड़क से बाढ़ का पानी पूरी तरह से हट गया। इससे बाइक व छोटे वाहनों के प्रवेश पर लगे प्रतिबंध को हटा दिया गया। वहीं तेजी से बह रहे बाढ़ के पानी की वजह से सड़क के किनारे की मिट्टी कट गई और कटान ने डामरीकृत हिस्से को भी चपेट में ले लिया है। सड़क के बचाव को लेकर अभी भारी वाहनों का प्रवेश शुरू नहीं किया गया है। पीडब्ल्यूडी ने बोरियों में ईंट भरकर सड़क कटान रोकने के प्रयास शुरू कर दिए हैं। उधर, बाढ़ में डूबे गांव बहरौला के मजरा बेनीपुरवा निवासी बिहारी लाल का कच्चा घर गिर गया। इसमें उनकी गृहस्थी भी दब गई है।
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दो किमी. लाना पड़ रहा पानी, पीड़ितों को नहीं मिली राहत किट
चकलवंशी। ब्लाॅक सिकंदरपुर सरोसी क्षेत्र की ग्राम पंचायत सथरा के मोहद्दीनपुर गांव की आबादी लगभग 1200 है। बाढ़ का पानी 12 दिन से घरों में भरा हुआ है। गांव के विनय कुमार, रामस्वरूप, शांती देवी, शिव कुमारी, रामजानकी, कल्लू, बाबू आदि ने बताया कि गांव का पानी पहले से खारा है। पीने योग्य नहीं है। लोगों को दो किमी दूर गिरवरखेड़ा से पीने के लिए पाना लाना पड़ता है। चारों ओर रास्ते में चार फुट तक पानी भरा हुआ है। इससे परेशानी बढ़ गई है। उसी से होकर पीने के लिए पानी लेने जाना पड़ रहा है।
बताया कि मरीजों, दिव्यांग और वृद्ध लोगों को काफी परेशानी हो रही है। अभी तक कोई अधिकारी गांव नहीं आया। गांव में एक आरओ प्लांट 200 लीटर क्षमता का लगा है। प्रशासन की ओर से तीन नाव नाकाफी साबित हो रही हैं। वहीं सथरा के शिवकुमार, सुनील कश्यप, रामलाल, अजय, सुमित, सुरेश, देवीदयाल, सलमान, संतोष, सुंदर सहित 26 लोगों ने सामूहिक रूप से डीएम को प्रार्थनापत्र देकर बताया कि गांव के अंदर पानी भर गया है। खेत पूरी तरह से डूब गए हैं। अन्य मजरों में बाढ़ राहत सामग्री वितरित की जा रही है। गांव में बाढ़ राहत सामग्री तक नहीं दी गई है। लेखपाल मनोज तिवारी ने बताया कि सर्वे के अनुसार गांव में 30 बाढ़ पीड़ित हैं। जल्द ही किट वितरित की जाएगी।
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फसलें नष्ट, किसानों ने मांगा मुआवजा
बीघापुर। तहसील क्षेत्र की छह ग्रामसभाओं और उनके मजरों में चारों ओर पानी भरा हुआ है। आवागमन बंद जाने से दूलीखेड़ा व लालखेड़ा के मजरे टापू बन गए हैं। लगातार एक पखवाड़े से ज्यादा पानी खेतों में भरे रहने के चलते पानी में डूबी धान की फसल नष्ट हो गई है। ऊंचे खेतों में भी पानी पहुंच जाने से करेला, परवल, कुंदरु व अन्य सब्जियों की फसलें नष्ट होने के कगार पर पहुंच गई हैं। लगभग पांच एकड़ में करेले की पैदावार करने वाले सोनू सैनी ने बताया कि खेतों में पानी भर गया है। अब करेले की फसल को किसी भी तरह नहीं बचाया जा सकता। पांच एकड़ में लगभग एक लाख का खर्चा आया है। सुधीर सिंह चौहान ने बताया कि पानी का जलस्तर बढ़ने से धान की फसल पूरी तरह डूब गई है। दूलीखेड़ा निवासी वीरेंद्र यादव व रोहित निषाद ने बताया कि सैकड़ों बीघा दलहनी तिल्ली की फसल बर्बाद हो गई है। ग्राम प्रधान श्रीकृष्ण यादव व किसान आनंद शुक्ल, मोनू शुक्ल, राम मिलन सिंह ने गढ़ेवा, करमी, मलुहाखेड़ा, पाही, बैदरा, चंदनपुर, दूलीखेड़ा, लालखेड़ा के मजरों में हुए किसानों के नुकसान का मूल्यांकन कराकर शासन से आर्थिक सहायता की मांग की।-- --
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कालीमिट्टी शिवराजपुर मार्ग की मरम्मत जारी
फतेहपुर चौरासी। बाढ़ में गंगा पुल के पास कटने से कालीमिट्टी शिवराजपुर मार्ग पर जहां आवागमन बंद है। वहीं लोकनिर्माण विभाग बाढ़ में क्षतिग्रस्त मार्ग की पटरी आदि के मरम्मत का काम जारी किए हैं। मार्ग की मरम्मत लगातार जारी है। उम्मीद है कि पानी के घटते ही विभाग कटे भाग के निर्माण का काम शुरू कर देगा।
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पानी कम होने पर घर वापसी करने लगे बाढ़ पीड़ित
सफीपुर। बाढ़ का पानी कम होने पर सुरक्षित स्थानों पर डेरा जमाए ग्रामीणों ने घर वापसी शुरु कर दी है। गांव रामपुर, मनियापुर, लोनारी, शेरपुर, उडंकपुरवा, हमजापुर, नीबीगड़ा, करीमाबाद आदि के घरों में पानी पहुंच गया था। इससे लोग खुले स्थानों पर रहने लगे थे। अब पानी घटने के बाद लोगों ने वापसी शुरू कर दी है। उधर, शनिवार को सनहा-गहोली मार्ग पर भरे पानी से बाइक सवार जान जोखिम में डालकर आवागमन करते रहे। वहीं एसडीएम शिवेंद्र वर्मा ने जमालनगर गैर एहतमाली, मिर्जापुर, सकहन सराय, गहोली में खुले स्थानों पर तंबू तान रहने वाले बाढ़ पीड़ितों को दोनों समय का भोजन उपलब्ध कराया। उधर, भारतीय सभ्यता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अजय कुमार लोधी ने बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का दौरा किया। उन्होंने बंधवा (उम्मेदखेड़ा) और मोहद्दीनपुर गांव के लगभग एक हजार लोगों को पूड़ी सब्जी का वितरण किया। समाजसेवी राजेश राजपूत, राधेश्याम लोधी, वीरेंद्र कुमार धानुक, मुकेश कुमार, पवन कुमार, देवी प्रसाद, रामलोचन, राकेश आदि आदि मौजूद रहे।

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सदर तहसील क्षेत्र में परियर बिठूर मार्ग से बाढ़ का पानी लगभग दो फिट ऊंचाई से चल रहा रहा था। लगातार घटे जलस्तर के बाद शनिवार को सड़क से बाढ़ का पानी पूरी तरह से हट गया। इससे बाइक व छोटे वाहनों के प्रवेश पर लगे प्रतिबंध को हटा दिया गया। वहीं तेजी से बह रहे बाढ़ के पानी की वजह से सड़क के किनारे की मिट्टी कट गई और कटान ने डामरीकृत हिस्से को भी चपेट में ले लिया है। सड़क के बचाव को लेकर अभी भारी वाहनों का प्रवेश शुरू नहीं किया गया है। पीडब्ल्यूडी ने बोरियों में ईंट भरकर सड़क कटान रोकने के प्रयास शुरू कर दिए हैं। उधर, बाढ़ में डूबे गांव बहरौला के मजरा बेनीपुरवा निवासी बिहारी लाल का कच्चा घर गिर गया। इसमें उनकी गृहस्थी भी दब गई है।
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दो किमी. लाना पड़ रहा पानी, पीड़ितों को नहीं मिली राहत किट
चकलवंशी। ब्लाॅक सिकंदरपुर सरोसी क्षेत्र की ग्राम पंचायत सथरा के मोहद्दीनपुर गांव की आबादी लगभग 1200 है। बाढ़ का पानी 12 दिन से घरों में भरा हुआ है। गांव के विनय कुमार, रामस्वरूप, शांती देवी, शिव कुमारी, रामजानकी, कल्लू, बाबू आदि ने बताया कि गांव का पानी पहले से खारा है। पीने योग्य नहीं है। लोगों को दो किमी दूर गिरवरखेड़ा से पीने के लिए पाना लाना पड़ता है। चारों ओर रास्ते में चार फुट तक पानी भरा हुआ है। इससे परेशानी बढ़ गई है। उसी से होकर पीने के लिए पानी लेने जाना पड़ रहा है।
बताया कि मरीजों, दिव्यांग और वृद्ध लोगों को काफी परेशानी हो रही है। अभी तक कोई अधिकारी गांव नहीं आया। गांव में एक आरओ प्लांट 200 लीटर क्षमता का लगा है। प्रशासन की ओर से तीन नाव नाकाफी साबित हो रही हैं। वहीं सथरा के शिवकुमार, सुनील कश्यप, रामलाल, अजय, सुमित, सुरेश, देवीदयाल, सलमान, संतोष, सुंदर सहित 26 लोगों ने सामूहिक रूप से डीएम को प्रार्थनापत्र देकर बताया कि गांव के अंदर पानी भर गया है। खेत पूरी तरह से डूब गए हैं। अन्य मजरों में बाढ़ राहत सामग्री वितरित की जा रही है। गांव में बाढ़ राहत सामग्री तक नहीं दी गई है। लेखपाल मनोज तिवारी ने बताया कि सर्वे के अनुसार गांव में 30 बाढ़ पीड़ित हैं। जल्द ही किट वितरित की जाएगी।
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फसलें नष्ट, किसानों ने मांगा मुआवजा
बीघापुर। तहसील क्षेत्र की छह ग्रामसभाओं और उनके मजरों में चारों ओर पानी भरा हुआ है। आवागमन बंद जाने से दूलीखेड़ा व लालखेड़ा के मजरे टापू बन गए हैं। लगातार एक पखवाड़े से ज्यादा पानी खेतों में भरे रहने के चलते पानी में डूबी धान की फसल नष्ट हो गई है। ऊंचे खेतों में भी पानी पहुंच जाने से करेला, परवल, कुंदरु व अन्य सब्जियों की फसलें नष्ट होने के कगार पर पहुंच गई हैं। लगभग पांच एकड़ में करेले की पैदावार करने वाले सोनू सैनी ने बताया कि खेतों में पानी भर गया है। अब करेले की फसल को किसी भी तरह नहीं बचाया जा सकता। पांच एकड़ में लगभग एक लाख का खर्चा आया है। सुधीर सिंह चौहान ने बताया कि पानी का जलस्तर बढ़ने से धान की फसल पूरी तरह डूब गई है। दूलीखेड़ा निवासी वीरेंद्र यादव व रोहित निषाद ने बताया कि सैकड़ों बीघा दलहनी तिल्ली की फसल बर्बाद हो गई है। ग्राम प्रधान श्रीकृष्ण यादव व किसान आनंद शुक्ल, मोनू शुक्ल, राम मिलन सिंह ने गढ़ेवा, करमी, मलुहाखेड़ा, पाही, बैदरा, चंदनपुर, दूलीखेड़ा, लालखेड़ा के मजरों में हुए किसानों के नुकसान का मूल्यांकन कराकर शासन से आर्थिक सहायता की मांग की।
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कालीमिट्टी शिवराजपुर मार्ग की मरम्मत जारी
फतेहपुर चौरासी। बाढ़ में गंगा पुल के पास कटने से कालीमिट्टी शिवराजपुर मार्ग पर जहां आवागमन बंद है। वहीं लोकनिर्माण विभाग बाढ़ में क्षतिग्रस्त मार्ग की पटरी आदि के मरम्मत का काम जारी किए हैं। मार्ग की मरम्मत लगातार जारी है। उम्मीद है कि पानी के घटते ही विभाग कटे भाग के निर्माण का काम शुरू कर देगा।
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पानी कम होने पर घर वापसी करने लगे बाढ़ पीड़ित
सफीपुर। बाढ़ का पानी कम होने पर सुरक्षित स्थानों पर डेरा जमाए ग्रामीणों ने घर वापसी शुरु कर दी है। गांव रामपुर, मनियापुर, लोनारी, शेरपुर, उडंकपुरवा, हमजापुर, नीबीगड़ा, करीमाबाद आदि के घरों में पानी पहुंच गया था। इससे लोग खुले स्थानों पर रहने लगे थे। अब पानी घटने के बाद लोगों ने वापसी शुरू कर दी है। उधर, शनिवार को सनहा-गहोली मार्ग पर भरे पानी से बाइक सवार जान जोखिम में डालकर आवागमन करते रहे। वहीं एसडीएम शिवेंद्र वर्मा ने जमालनगर गैर एहतमाली, मिर्जापुर, सकहन सराय, गहोली में खुले स्थानों पर तंबू तान रहने वाले बाढ़ पीड़ितों को दोनों समय का भोजन उपलब्ध कराया। उधर, भारतीय सभ्यता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अजय कुमार लोधी ने बाढ़ग्रस्त क्षेत्रों का दौरा किया। उन्होंने बंधवा (उम्मेदखेड़ा) और मोहद्दीनपुर गांव के लगभग एक हजार लोगों को पूड़ी सब्जी का वितरण किया। समाजसेवी राजेश राजपूत, राधेश्याम लोधी, वीरेंद्र कुमार धानुक, मुकेश कुमार, पवन कुमार, देवी प्रसाद, रामलोचन, राकेश आदि आदि मौजूद रहे।
फोटो -29-परियर-बिठूर मार्ग पर सड़क कटाने से लगाई गईं ईंट भरी बोरियां। संवाद- फोटो : credit
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फोटो -29-परियर-बिठूर मार्ग पर सड़क कटाने से लगाई गईं ईंट भरी बोरियां। संवाद- फोटो : credit