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काशी में 26 वर्षों के इतिहास में दूसरी बार दिन में होगी गंगा आरती
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, वाराणसी
Updated Thu, 26 Jul 2018 05:12 PM IST
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पिछले वर्ष श्रावण पूर्णिमा सात अगस्त को भी दिन में 12 बजे की गई थी
- फोटो : अमर उजाला
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वाराणसी के दशाश्वमेध घाट पर नित्य होने वाली विश्व प्रसिद्ध गंगा आरती 26 वर्षों के इतिहास में दूसरी बार दिन में एक बजे होगी। 27 जुलाई को लगने वाले चंद्रग्रहण के कारण यह बदलाव किया गया है। यह जानकारी गंगा सेवा निधि के अध्यक्ष सुशांत मिश्रा ने दी। इससे पहले भी पिछले वर्ष श्रावण पूर्णिमा सात अगस्त को भी दिन में 12 बजे की गई थी।
सुशांत मिश्र के मुताबिक,हिन्दू धर्मशास्त्रों के अनुसार चंद्र ग्रहण से पूर्व सूतक लग जाता है। ऐसे में चंद्रग्रहण के नौ घंटे पहले ही सभी धार्मिक कार्यों पर रोक लग जाती है। बता दें कि सदी का सबसे लंबा पूर्ण चंद्रग्रहण 104 साल बाद 27 जुलाई को लगने वाला चंदग्रहण पूरे भारत में दिखाई देगा।
ग्रहण रात में 11.54 मिनट से स्पर्श करके 28 जुलाई को भोर से पहले 3.49 मिनट पर समाप्त होगा। खग्रासारंभ रात्रि एक बजे शुरू होगा और खग्रास का समापन रात्रि 2.43 बजे होगा। इस दौरान चंद्रमा पूरी तरह से ढका रहेगा। यह चंद्रग्रहण उत्तराषाढ़ा नक्षत्र व श्रवण नक्षत्र में जन्म लेने वालों के लिए अशुभ है।
सुशांत मिश्र के मुताबिक,हिन्दू धर्मशास्त्रों के अनुसार चंद्र ग्रहण से पूर्व सूतक लग जाता है। ऐसे में चंद्रग्रहण के नौ घंटे पहले ही सभी धार्मिक कार्यों पर रोक लग जाती है। बता दें कि सदी का सबसे लंबा पूर्ण चंद्रग्रहण 104 साल बाद 27 जुलाई को लगने वाला चंदग्रहण पूरे भारत में दिखाई देगा।
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ग्रहण रात में 11.54 मिनट से स्पर्श करके 28 जुलाई को भोर से पहले 3.49 मिनट पर समाप्त होगा। खग्रासारंभ रात्रि एक बजे शुरू होगा और खग्रास का समापन रात्रि 2.43 बजे होगा। इस दौरान चंद्रमा पूरी तरह से ढका रहेगा। यह चंद्रग्रहण उत्तराषाढ़ा नक्षत्र व श्रवण नक्षत्र में जन्म लेने वालों के लिए अशुभ है।