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Varanasi News: साइबर फ्रॉड गिरोह के लिए काम करने वाला बैंक कर्मी गिरफ्तार, कई दिनों से पुलिस को थी तलाश

माई सिटी रिपोर्टर, वाराणसी। Published by: प्रगति चंद Updated Tue, 17 Sep 2024 09:04 AM IST
सार

10.93 लाख रुपये हड़पने के मामले में साइबर क्राइम थाने की पुलिस ने पकड़ा

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Bank employee working for cyber fraud gang arrested
सांकेतिक तस्वीर। - फोटो : सोशल मीडिया
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विस्तार
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निवेश पर मुनाफे का झांसा देकर साइबर फ्रॉड करने वाले अंतरराज्यीय गिरोह के लिए काम करने वाले एक बैंक कर्मी को साइबर क्राइम थाने की पुलिस ने गिरफ्तार किया है। आरोपी की पहचान हरदोई जिले के सांडी थाना के घटकाना के मूल निवासी और कैनाल रोड, न्यू सिविल लाइन में रहने वाले सुनील कुमार के रूप में हुई है। सुनील हरदोई में ही एचडीएफसी बैंक में कार्यरत था।
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पिंडरा निवासी राम सागर यादव ने साइबर क्राइम पुलिस थाने में 20 फरवरी 2024 को मुकदमा दर्ज कराया था। उन्होंने बताया कि साइबर फ्रॉड ने उन्हें पहले टास्क पूरा कर पैसा कमाने का ऑफर दिया। इसके बाद निवेश पर मुनाफे का झांसा देकर उनसे 10 लाख 93 हजार 536 रुपये की ऑनलाइन ठगी की गई। 
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एडीसीपी वरुणा जोन / क्राइम सरवणन टी ने बताया कि मुकदमे की जांच साइबर क्राइम थाना प्रभारी विजय नारायण मिश्र के नेतृत्व में इंस्पेक्टर राज किशोर पांडेय व अनीता सिंह ने जांच शुरू की। सर्विलांस और डिजिटल फुटप्रिंट की मदद से सुनील कुमार को चिह्नित कर उसे गिरफ्तार किया गया। सुनील के पास से एक मोबाइल फोन और 1850 रुपये बरामद किए गए। सुनील से पूछताछ कर पुलिस उसके गिरोह के आठ अन्य साथियों की तलाश शुरू की है।
 
ऐसे करते हैं ऑनलाइन फ्रॉड

पूछताछ में सुनील ने बताया कि उसका गिरोह ब्रांडेड कंपनियों की मिलती-जुलती फर्जी वेबसाइट बनाता है। इसके बाद बल्क एसएमएस फीचर का प्रयोग करते हुए एकसाथ हजारों लोगों को पार्ट टाइम जॉब या निवेश में अच्छे लाभ का प्रलोभन दिया जाता है। जब कोई व्यक्ति इनके झांसे में आ जाता है तो छोटी-छोटी धनराशि उसके खातों में क्रेडिट कर ज्यादा पैसा कमाने का लालच दिया जाता है।

ग्रुप पर गिरोह के लोग ही खुद के खाते में बड़ी धनराशि क्रेडिट होने का स्क्रीनशॉट भेजते हैं। यह पैसा उस कंपनी के फर्जी वेबसाइट पर यूजर के अकाउंट में दिखता है। इससे लोग बड़ी रकम निवेश कर देते हैं। जब लोग अपना पैसा निकालना चाहते हैं तो वह निकलता नहीं है।

यह सारा कृत्य विदेशों के आईपी एड्रेस से किया जाता है। झांसे में आए व्यक्ति के पैसे कार्पोरेट बैंकिंग में बल्क ट्रांसफर के माध्यम से फर्जी गेमिंग एप के हजारों यूजर के बैंक खातों व अपने अन्य सिंडीकेट के खातों में भेज दिए जाते हैं। फिर, उसे विभिन्न माध्यमों से निकाल लिया जाता है।
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