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Varanasi: सामूहिक आत्महत्या मामले में मुकदमा दर्ज, तेलुगू में लिखे ढाई पन्ने के सुसाइड नोट से सामने आई सच्चाई
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, वाराणसी
Published by: किरन रौतेला
Updated Sat, 09 Dec 2023 01:03 PM IST
सार
आंध्र प्रदेश के ईस्ट गोदावरी जिले के धर्मागुड़मू स्ट्रीट, मंडापेटा निवासी कोंडा बाबू (50), पत्नी लावण्या (45) और बेटे राजेश (25) व जयराज (22) के साथ तीन दिसंबर को काशी कैलाश भवन में आए। पूरा परिवार भवन के एस-6 कमरे में था। सात दिसंबर की सुबह उन्हें कमरा खाली करना था और छह दिसंबर को पूरा भुगतान कर दिया गया था।
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सामूहिक आत्महत्या मामले में मुकदमा दर्ज
- फोटो : संवाद
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विस्तार
देवनाथपुरा स्थित आंध्रा आश्रम के काशी कैलाश भवन में आंध्र प्रदेश निवासी दंपती और उनके दो बेटों ने छह लाख रुपये के बदले में 20 लाख मांगे जाने और प्रताड़ित किए जाने के कारण फंदा लगाकर जान दी थी। दरअसल, दंपती का बड़ा बेटा ऑटोमोबाइल की एक दुकान में काम करता था। उसने दुकान के छह लाख रुपये अपने निजी काम में खर्च कर लिये थे। इसके बदले में दुकान मालिक ने राजेश, उसके भाई और मां-बाप से सादे कागज के साथ ही बांड पर जबरन दस्तखत करा लिये थे।
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राजेश ने इंतजाम कर पांच लाख रुपये का भुगतान कर दिया था। मगर, दुकान मालिक का कहना था कि सादे कागज और बांड पर दस्तखत के साथ 20 लाख रुपये उधार लेना लिखा हुआ है। राजेश ने पुलिस से शिकायत करने की बात कही तो दुकान मालिक का कहना था कि 10 हजार रुपये खर्च कर वह पूरे परिवार को फंसा देगा। इसके बाद दुकान मालिक और उसके दो सहयोगी राजेश और उसके पूरे परिवार को पैसा देने के लिए परेशान करने लगे। इससे परेशान होकर राजेश अपने मां-बाप और भाई के साथ लगभग दो माह पहले घर छोड़कर तमिलनाडु, हरिद्वार और कोलकाता होते हुए काशी आया। पैसा खत्म होने पर दोनों भाइयों और उनके मां-बाप ने तेलुगू में ढाई पन्ने का सुसाइड नोट लिख कर फंदा लगाकर जान दे दी।
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पुलिस ने तेलुगू में लिखे सुसाइड नोट का शुक्रवार को बीएचयू के एक अनुवादक की मदद से हिंदी में अनुवाद कराया। इसके बाद आत्महत्या के लिए उकसाने और धमकाने सहित अन्य आरोयों में देवनाथपुरा चौकी इंचार्ज संजय यादव की तहरीर के आधार पर दशाश्वमेध थाने में आंध्र प्रदेश के ईस्ट गोदावरी जिले के मंडापेटा निवासी दुकान मालिक पेंटगतला प्रसाद और उसके दो अज्ञात सहयोगियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया। पोस्टमार्टम और अंत्येष्टि के बाद दशाश्वमेध थाने की पुलिस की एक टीम आरोपियों की धरपकड़ के लिए आंध्र प्रदेश जाएगी।
तीन दिसंबर को आए, सात दिसंबर को मिले मृत
आंध्र प्रदेश के ईस्ट गोदावरी जिले के धर्मागुड़मू स्ट्रीट, मंडापेटा निवासी कोंडा बाबू (50), पत्नी लावण्या (45) और बेटे राजेश (25) व जयराज (22) के साथ तीन दिसंबर को काशी कैलाश भवन में आए। पूरा परिवार भवन के एस-6 कमरे में था। सात दिसंबर की सुबह उन्हें कमरा खाली करना था और छह दिसंबर को पूरा भुगतान कर दिया गया था। सात दिसंबर की शाम खटखटाने पर भी कमरे का दरवाजा नहीं खुला तो मैनेजर ने पुलिस को बुलाया। पुलिस दरवाजा तोड़ कर अंदर घुसी तो दंपती और उनके दोनों बेटे फंदा लगाकर जान दे चुके थे।
सुबह नौ बजे के लगभग लगाया था फंदा
पुलिस ने बताया कि फॉरेंसिक टीम से जो जानकारी मिली है उसके अनुसार आंध्र प्रदेश निवासी दंपती और उनके दोनों बेटों ने बृहस्पतिवार की सुबह लगभग नौ बजे फंदा लगाकर जान दी थी। फिलहाल, चारों का शव मोर्चरी में रखा है और शनिवार को पोस्टमार्टम कराया जाएगा।
बहन-चाचा ने आने में जताई असमर्थता, यहीं होगी अंत्येष्टि
पत्नी और दो बेटों के साथ फंदा लगाकर जान देने वाले आंध्र प्रदेश निवासी कोंडा बाबू के परिजन शव लेने और अंत्येष्टि के लिए काशी नहीं आएंगे। एसीपी दशाश्वमेध अवधेश कुमार पांडेय ने बताया कि आंध्र प्रदेश पुलिस के सहयोग से विशाखापट्टनम में रहने वाली कोंडा बाबू की बहन लक्ष्मी से बात हुई। उन्होंने बिलखते हुए कहा कि उनके भाई ने परिवार के साथ जो भी किया वह निहायत ही गलत निर्णय था। फिर, उन्होंने कहा कि वह काशी आने में असमर्थ हैं। उनकी बेटी गर्भवती है और दामाद का एक्सीडेंट हुआ है। शनिवार को आंध्रा आश्रम की मदद से आंध्र प्रदेश के रीति-रिवाज के अनुसार चारों शव की अंत्येष्टि कराई जाएगी।
महिलाओं से तीन गुना ज्यादा पुरुषों ने की आत्महत्या
पुलिस आयुक्त मुथा अशोक जैन ने एक जनवरी से 31 दिसंबर 2022 के बीच कमिश्नरेट के थानों में दर्ज आत्महत्या के प्रकरणों का अध्ययन कराया था। उसके अनुसार वर्ष 2022 में 163 लोगों ने आत्महत्या की थी। इनमें 36 महिलाएं और उनसे तीन गुना ज्यादा यानी 111 पुरुष शामिल थे। इसके अलावा जान देने वाले अन्य लोगों में किशोर और किशोरियां शामिल थे। आत्महत्या की अहम वजह के रूप में पारिवारिक विवाद, प्रेम प्रसंग और आर्थिक तंगी की बात सामने आई थी।
आत्महत्या की घटना में दर्ज की गई 81.1% की बढ़ोतरी
नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो (एनसीआरबी) के अनुसार वर्ष 2021 में वाराणसी में 90 लोगों ने आत्महत्या की थी। वर्ष 2022 में यह आंकड़ा बढ़ कर 163 पहुंच गया। इस तरह से वर्ष 2021 की तुलना में 2022 में आत्महत्या की घटना में 81.1 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई।