गंगा के तट पर शिवशंकर का धाम साकार हो रहा है। श्री काशी विश्वनाथ धाम की गुलाबी आभा श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केंद्र बनी हुई है। अभी तक धाम का 72 फीसदी काम हो चुका है और नवंबर तक यह पूर्ण हो जाएगा। गंगधार से शिवद्वार तक निर्मित हो रहे धाम का काम तेजी से हो रहा है। कॉरिडोर के जरिए गंगा तट से शिवधाम को जाने वाला मार्ग भी जुड़ चुका है।
काशी विश्वनाथ धाम: नवंबर तक श्रद्धालुओं के लिए समर्पित होगा कॉरिडोर, 72 फीसदी पूरा हो चुका है काम
345 करोड़ से बन रहा है धाम
धाम का निर्माण 345 करोड़ से हो रहा है। मंदिर परिसर में मंदिर चौक, यात्री सुविधा केंद्र, मुमुक्षु भवन, भोग शाला, यूटिलिटी बिल्डिंग, सुरक्षा भवन बनाए जा रहे हैं। धाम में मिर्जापुर के चुनार के गुलाबी पत्थर प्रयोग किए जा रहे हैं। गंगा छोर पर गेट, रैंप भवन, कैफेटेरिया और गंगा दर्शन गैलरी के निर्माण के चलते बजट में बढ़ोतरी की गई थी। श्रद्धालुओं की सुविधाओं को ध्यान में रख परियोजना में कई संशोधन किए गए हैं।
हाईटेक होंगे सुरक्षा इंतजाम
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ड्रीम प्रोजेक्ट यह धाम देश की हाईटेक सुरक्षा प्रणाली से भी लैस होगा। गृहमंत्री अमित शाह धाम परिसर में सुरक्षा मानकों को हाईटेक और सर्वोच्च प्राथमिकता पर रखने की बात कह चुके हैं। सुरक्षा व्यवस्था पुख्ता करने के लिए 5.43 करोड़ रुपये से उपकरण खरीदे जाएंगे। इनमें 31 डोर फ्रेम मेटल डिटेक्टर, 47 हैंड हेल्ड मेटल डिटेक्टर, 11 एक्स-रे बैगेज स्कैनर और 19 महिला तलाशी बूथ शामिल हैं। परिसर में अभी त्रिस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था लागू है।
भवनों के संचालन के लिए नियुक्त होंगे सलाहकार
धाम में बन रहे 24 भवनों के संचालन के लिए सलाकार की नियुक्ति के लिए निविदा जारी कर दी गई है। कंसलटेंट भवनों के रेवेन्यू मॉडल पर मंदिर प्रशासन को सलाह देगा। भवनों को आय से जोड़ने के लिए विभिन्न गतिविधियों के लिए पीपीपी मॉडल का सहारा लिया जाएगा। परिसर को काशी विश्वनाथ ट्रस्ट के जरिए संचालित करने की भी सलाह दी गई है।
धाम योजना एक नजर
मार्च 2019 में प्रधानमंत्री ने किया था शिलान्यास
नवंबर 2021 तक योजना को पूर्ण करने का लक्ष्य
345 करोड़ की लागत से हो रहा है धाम का निर्माण
339 करोड़ की लागत से हुई जमीनों की खरीदारी
धाम क्षेत्र में बन रहे हैं 24 भवन
5.43 करोड़ रुपये से हाईटेक होगी धाम की सुरक्षा व्यवस्था
काशी विश्वनाथ धाम को 72 फीसदी काम हो चुका है पूरा
धाम के लिए 300 भवनों का किया गया ध्वस्तीकरण
