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काशी में किन्नर अखाड़ा की महामंडलेश्वर: 42 दिन की पूजा शुरू, बांग्लादेश मुद्दे पर कहा- देना होगा मुंहतोड़ जवाब
अमर उजाला नेटवर्क, वाराणसी।
Published by: प्रगति चंद
Updated Mon, 16 Dec 2024 05:05 PM IST
सार
किन्नर अखाड़ा की महामंडलेश्वर आचार्य ने कहा हमारे अखाड़े के स्वामी अघोरी मणिकंदन जी दिसंबर महीने में काशी आते हैं और उनकी 42 दिन की तपस्या और पूजा शुरू होती है।
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किन्नर अखाड़ा की महामंडलेश्वर आचार्य लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
किन्नर अखाड़ा की महामंडलेश्वर आचार्य लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी सोमवार को काशी पहुंचीं। इस दौरान उन्होंने बताया कि हमारे अखाड़े के स्वामी अघोरी मणिकंदन दिसंबर महीने में काशी आते हैं और उनकी 42 दिन की तपस्या और पूजा शुरू होती है। गंगा उस पार कार्यक्रम होते हैं। इसकी शुरुआत मणिकर्णिका घाट से शुरू होती है। यह हर साल होता है।
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कहा कि झंडावंदन के कार्यक्रम के साथ ही शुरुआत होने जा रहा है। उन्होंने बांग्लादेश मामले के सवाल पर कहा कि कहीं भी हिंदूओं पर अत्याचार हो तो खुलकर विरोधियों को मुंहतोड़ जवाब देना चाहिए।
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किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने कहा कि देश ही नहीं दुनिया में कहीं भी हिंदुओं पर अत्याचार हो तो मुंहतोड़ जवाब देना होगा। खुलकर विरोध करें और ऐसी ताकतों को हावी न होने दें। सोमवार को विशेष अनुष्ठान के लिए काशी पहुंची महामंडलेश्वर ने 42 दिन का पूजन शुरू कराया।
महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने बताया कि हमारे अखाड़े के स्वामी अघोरी मणिकंदन दिसंबर में काशी आते हैं। उनकी 42 दिन की तपस्या और पूजा शुरू होती है। गंगा पार रेती पर सभी अनुष्ठान होते हैं। इसकी शुरुआत मणिकर्णिका घाट से होती है। यह हर साल होता है। कहा कि झंडावंदन के कार्यक्रम के साथ ही शुरुआत होती है।