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UP: अल फलाह यूनिवर्सिटी से पढ़ा है इंडियन मुजाहिदीन आतंकी शादाब बेग, 18 साल से है फरार; परिवार ने कही ये बात

अमर उजाला नेटवर्क, आजमगढ़। Published by: अमन विश्वकर्मा Updated Fri, 21 Nov 2025 05:56 AM IST
सार

Azamgarh News: शादाब बेग उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ का रहने वाला है। परिजनों के अनुसार, वह 18 वर्ष पहले घर से निकला था। अफगानिस्तार कैसे पहुंचा...इसकी जांच की जा रही है।

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Indian Mujahideen terrorist Shadab Beg studied at Al Falah University absconding for 18 years
शादाब बेग। - फोटो : संवाद
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दिल्ली में लाल किले के पास हुए आतंकी हमले के बाद फरीदाबाद स्थित अल फलाह यूनिवर्सिटी एक बार फिर आतंकियों के नेटवर्क से जुड़ने के आरोपों के कारण सुर्खियों में है। जांच एजेंसियों के मुताबिक इसी यूनिवर्सिटी में 2008 के दिल्ली और अहमदाबाद ब्लास्ट का पूरा खाका तैयार हुआ था। 

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इसी यूनिवर्सिटी का नाम पहले भी आतंकी गतिविधियों से जुड़ चुका है, क्योंकि इंडियन मुजाहिदीन का कुख्यात आतंकी मिर्जा शादाब बेग भी यहीं से बीटेक कर चुका है।
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शादाब बेग आजमगढ़ के शहर कोतवाली क्षेत्र के कोट किला मोहल्ले का रहने वाला है, इलेक्ट्रॉनिक्स इंस्ट्रूमेंटेशन में इंजीनियरिंग छात्र था और 2007 गोरखपुर ब्लास्ट, 2008 जयपुर, दिल्ली तथा अहमदाबाद धमाकों में आईपीडी प्लांटिंग और साजिश रचने में शामिल रहा।

बटला हाउस कांड के बाद वह लगातार फरार हो गया। उसकी अंतिम लोकेशन 2019 में अफगानिस्तान में ट्रेस की गई थी। लाल किले के पास हमले के बाद जब जांच एजेंसियों ने अल फलाह यूनिवर्सिटी की पड़ताल शुरू की, तो सामने आया कि आतंकी मॉड्यूल की कई गतिविधियों का आधार इस यूनिवर्सिटी का हॉस्टल रहा। यहां से डॉक्टर की गिरफ्तारी के बाद जब पुराने रिकॉर्ड खंगाले गए, तो यह खुलासा हुआ कि 2008 के सीरियल ब्लास्ट में अहम भूमिका निभाने वाला मिर्जा शादाब बेग भी इसी यूनिवर्सिटी का छात्र था।

होनहार बच्चा कैसे भटका समझ नहीं आया
बृहस्पतिवार को मीडिया टीम जब मिर्जा शादाब बेग के आजमगढ़ स्थित घर पहुंची, तो परिवार ने कैमरे पर बात करने से इन्कार कर दिया। हालांकि परिवार ने बताया कि 2003 में शादाब अल फलाह यूनिवर्सिटी में बीटेक करने गया था। पढ़ाई पूरी करने के बाद उसने 8 महीने एचसीएल में नौकरी की। कैसे रास्ता भटक गया यह आज तक समझ नहीं आया।

2008 से उसका परिवार से कोई संपर्क नहीं
परिजनों ने कहा कि शादाब पढ़ाई में होनहार था और वे नहीं समझ पा रहे कि किन परिस्थितियों में वह आतंकी गतिविधियों में शामिल हुआ। पिता एहतेशाम बेग, जो दुबई में नौकरी करते थे, बेटे का नाम आतंकी घटनाओं में आने के बाद मानसिक रूप से टूट गए और वापस आजमगढ़ आकर रहने लगे। यूनिवर्सिटी और आतंकी नेटवर्क के पुराने तार सामने आने के बाद दिल्ली और केंद्रीय एजेंसियों ने जांच और तेज कर दी है।

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