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हद है: छह महीने तक रखना है डेटा, कूड़े की तरह फेंक दिए मीटर; चार जिलों में लग चुके हैं तीन लाख स्मार्ट मीटर
अमर उजाला नेटवर्क, वाराणसी।
Published by: प्रगति चंद
Updated Sat, 13 Sep 2025 01:31 PM IST
सार
Varanasi News: घरों से पुराना बिजली का मीटर उतारने के बाद उसे सुरक्षित रखना जरूरी है, लेकिन वाराणसी के लेढ़ूपुर बिजली कार्यालय में कूड़े की तरह मीटर रखे गए हैं।
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बिजली कार्यालय पर कूड़े की तरह रखे गए मीटर
- फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
बिजली निगम की ओर से स्मार्ट मीटर लगाने का फरमान जारी होने के बाद उपभोक्ताओं के घर पहले से लगे इलेक्ट्रॉनिक मीटर को अभियान चलाकर उतारा जा रहा है। इन सभी मीटरों की जांच करने के साथ ही इसको छह महीने तक सुरक्षित रखना जरूरी है लेकिन इन मीटरों के रखने में बड़ी लापरवाही सामने आई है। शुक्रवार को अमर उजाला की पड़ताल में शहर के उपकेंद्रों पर हजारों मीटर कूड़े की तरह फेंके मिले। ऐसे में उनसे किसी तरह की डेटा संबंधी गड़बड़ी की जांच कर पाना भी मुश्किल होगा।
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बिजली निगम की ओर से वाराणसी समेत चार जिलों (वाराणसी, चंदौली, जौनपुर, गाजीपुर) में अब तक तीन लाख स्मार्ट मीटर लगवाए गए हैं। इसमें 55500 ऐसे मीटर हैं, जो कि बिना जांच करवाए ही जैसे-तैसे जमा करवा दिए गए हैं। इस तरह की स्थिति तब है जब आए दिन उपभोक्ताओं की ओर से भी मीटर के तेज चलने, सही रीडिंग न आने आदि की शिकायत भी की जाती है।
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बनारस जिले में अब तक 65000 स्मार्ट मीटर लगाए गए हैं, इसमें 19500 मीटर को बिना ब्राउंटिंग (मीटर के चलने, छेड़छाड़, उसकी स्थिति आदि की जांच) के ही जमा करवाया गया है। इसी तरह चंदौली, जौनपुर, गाजीपुर में लगे 2.34 लाख स्मार्ट मीटर में करीब 36500 मीटर ऐसे हैं, जिसको जैसे-तैसे जमा कर दिया गया। इसका सही डेटा भी निगम को नहीं मिल पाया है।
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बिजली कार्यालयों के पीछे लगा है ढेर
बिजली निगम के चितईपुर स्थित कार्यालय और लेढ़ूपुर स्थित कार्यालय पर इस समय मीटरों का ढेर ऐसे लगाया गया है, जैसे कहीं मिट्टी गिराई गई हो। शुक्रवार की दोपहर चितईपुर स्थित कार्यालय के पीछे पहुंचने पर पता चला कि जिले में जिन भी घरों से पहले से लगे इलेक्ट्राॅनिक मीटर उतारे जा रहे हैं, उसको यहां लाकर बिना रिकॉर्ड मेंटेन करवाए ही डंप किया जा रहा है। इसी तरह का नजारा लेढ़ूपुर बिजली उपकेंद्र पर भी देखने को मिला।
बिजली निगम के चितईपुर स्थित कार्यालय और लेढ़ूपुर स्थित कार्यालय पर इस समय मीटरों का ढेर ऐसे लगाया गया है, जैसे कहीं मिट्टी गिराई गई हो। शुक्रवार की दोपहर चितईपुर स्थित कार्यालय के पीछे पहुंचने पर पता चला कि जिले में जिन भी घरों से पहले से लगे इलेक्ट्राॅनिक मीटर उतारे जा रहे हैं, उसको यहां लाकर बिना रिकॉर्ड मेंटेन करवाए ही डंप किया जा रहा है। इसी तरह का नजारा लेढ़ूपुर बिजली उपकेंद्र पर भी देखने को मिला।
पश्चिमी यूपी में दर्ज हो चुका है मुकदमा
स्मार्ट मीटर लगाने के लिए पहले से लगे मीटर को उतारने के बाद उसकी रीडिंग, अन्य उपकरणों के सही तरीके से कार्य करने की जांच के बाद जमा करना होता है। इसके बाद भी बिना जांच के ही मीटरों को फेंका गया है। इसी तरह के मामले में मध्यांचल निगम में सीतापुर में मीटर लगाने वाली कंपनी के लोगों पर मुकदमा भी दर्ज हो चुका है। इसी तरह की गड़बड़ी गोंडा, बलरामपुर में भी पकड़ी गई है।
स्मार्ट मीटर लगाने के लिए पहले से लगे मीटर को उतारने के बाद उसकी रीडिंग, अन्य उपकरणों के सही तरीके से कार्य करने की जांच के बाद जमा करना होता है। इसके बाद भी बिना जांच के ही मीटरों को फेंका गया है। इसी तरह के मामले में मध्यांचल निगम में सीतापुर में मीटर लगाने वाली कंपनी के लोगों पर मुकदमा भी दर्ज हो चुका है। इसी तरह की गड़बड़ी गोंडा, बलरामपुर में भी पकड़ी गई है।
क्या बोले अधिकारी
जितने भी इलेक्ट्रॉनिक मीटर उतारे जा रहे हैं, उन सभी का ऑनलाइन रिकॉर्ड तैयार करवाया जा रहा है। शहरी और ग्रामीण इलाकों में स्मार्ट मीटर लगवाए जा रहे हैं। सभी मीटरों का पूरा डेटा भी सुरक्षित रखवाया जा रहा है। यदि मीटर अव्यवस्थित तरीके से रखे गए हैं तो इस बारे में संबंधित अधिकारियों से जानकारी लेकर कार्रवाई की जाएगी। -राकेश पांडेय, मुख्य अभियंता, बिजली निगम
जितने भी इलेक्ट्रॉनिक मीटर उतारे जा रहे हैं, उन सभी का ऑनलाइन रिकॉर्ड तैयार करवाया जा रहा है। शहरी और ग्रामीण इलाकों में स्मार्ट मीटर लगवाए जा रहे हैं। सभी मीटरों का पूरा डेटा भी सुरक्षित रखवाया जा रहा है। यदि मीटर अव्यवस्थित तरीके से रखे गए हैं तो इस बारे में संबंधित अधिकारियों से जानकारी लेकर कार्रवाई की जाएगी। -राकेश पांडेय, मुख्य अभियंता, बिजली निगम