Navratri 2023: पहली बार काशी विश्वनाथ धाम में 'राम की शक्ति पूजा', शैव, शाक्त और वैष्णव की त्रिधाराएं एकाकार
नवरात्र की सप्तमी तिथि पर शनिवार को पहली बार श्री काशी विश्वनाथ धाम में रूपवाणी की ओर से राम की शक्ति पूजा का मंचन हुआ। शिव के धाम में शैव, शाक्त और वैष्णव की त्रिधाराएं एकाकार हुईं तो हर किसी को अपने आराध्य भगवान श्रीराम के साक्षात दर्शन की अनुभूति भी हुई।


विस्तार
राम के आराध्य शिव और महादेव के भगवान राम। इस अनोखी बात को शनिवार को विश्वनाथ मंदिर-परिसर में घटित होते देखा, जहां भक्तों और नाट्य-प्रेमियों ने निष्पलक राम की शक्ति-आराधना को देखा निहारा। शिव के धाम में शैव, शाक्त और वैष्णव की त्रिधाराएं एकाकार हुईं तो हर किसी को अपने आराध्य भगवान श्रीराम के साक्षात दर्शन की अनुभूति भी हुई।
शनिवार को पहली बार श्री काशी विश्वनाथ धाम में रूपवाणी की ओर से राम की शक्ति पूजा का मंचन हुआ। रंगकर्मी व्योमेश शुक्ला के निर्देशन में मंच पर राम की भूमिका में जब स्वाति ने कदम रखा तो उनका शरीर बुखार से तप रहा था। शरीर का तापमान 104 डिग्री फॉरेनहाइट था। बावजूद इसके स्वाति ने राम की भूमिका में ऐसी जान डाली कि मंचन पूरा होने तक हर दर्शक अपनी जगह पर सम्मोहित से बैठा रहा।
पराक्रम और साहस का स्मरण
मंचन की शुरुआत में राम-रावण युद्ध चल रहा है। युद्धरत राम निराश हैं और हार का अनुभव कर रहे हैं। उनकी सेना भी खिन्न है। प्रिया सीता की याद अवसाद को और घना बना रही है। वह बीते दिनों के पराक्रम और साहस का स्मरण करते हैं। बुजुर्ग उमंगित होना चाहते हैं, लेकिन मनोबल ध्वस्त है। शक्ति भी रावण के साथ है। देवी स्वयं रावण की ओर से लड़ रही हैं राम ने उन्हें देख लिया है।

पहली बार हुआ भगवान राम के चरित्र की भव्यता का अहसास
