नीता अंबानी मामला: बीएचयू में विजिटिंग प्रोफेसर बनाए जाने के प्रस्ताव को रिलायंस ने बताया गलत, विवि ने दी सफाई

उद्योगपति मुकेश अंबानी की पत्नी नीता अंबानी को बीएचयू में विजिटिंग प्रोफेसर बनाए जाने के प्रस्ताव के मामले में बुधवार को नया मोड़ आया है। रिलायंस इंडस्ट्रीज के प्रवक्ता ने इस मामले को फर्जी बताया है। प्रवक्ता का कहना है कि नीता अंबानी ने बीएचयू की ओर से विजिटिंग प्रोफेसर बनाए जाने संबंधी किसी भी प्रस्ताव को स्वीकार नहीं किया है।

Reports that Nita Ambani (in pic) will be a visiting lecturer at Banaras Hindu University (BHU) are fake. She hasn't received an invitation from BHU: Reliance Industries Limited spokesperson to ANI pic.twitter.com/dd8MUpER8T
विज्ञापनविज्ञापन— ANI (@ANI) March 17, 2021
मामले पर बीएचयू का आया बयान
वहीं, बीएचयू प्रशासन ने इस मामले में प्रेस विज्ञप्ति जारी कर कहा है कि नीता अंबानी को किसी भी संकाय या विभाग में विजिटिंग प्रोफेसर बनाने का निर्णय विश्वविद्यालय प्रशासन ने नहीं लिया है और न ही ऐसा कोई प्रशासनिक आदेश जारी किया गया है।
प्रशासन का कहना कि विश्वविद्यालय में विजिटिंग प्रोफेसर की नियुक्ति के लिए विद्वत परिषद् की मंजूरी आवश्यक होती है। इस मामले में न तो ऐसी कोई मंजूरी दी गई है और न ही इस प्रकार का कोई प्रस्ताव विद्वत परिषद् के सामने रखा गया है।
छात्रों ने किया था विरोध प्रदर्शन
काशी हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) में सामाजिक विज्ञान संकाय के तहत चलने वाले महिला अध्ययन एवं विकास केंद्र में नीता अंबानी को विजिटिंग प्रोफेसर बनाए जाने के प्रस्ताव का मामला जैसे ही सामने ही आया तो मंगलवार को छात्रों ने विरोध किया था। विकल्प के तौर पर उद्योगपति लक्ष्मी मित्तल की पत्नी ऊषा मित्तल और उद्योगपति गौतम अडानी की पत्नी प्रीति अडानी के नाम पर भी चर्चा थी। कुलपति आवास पर धरना देकर छात्रों ने बीएचयू के इस फैसले पर सवाल खड़ा करते हुए इसे विश्वविद्यालय की गरिमा के विपरीत बताया।
छात्रों ने कुलपति पर बीएचयू को उद्योगपतियों के इशारे पर चलाने का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की। उधर कुलपति के निर्देश पर सामाजिक विज्ञान संकाय प्रमुख प्रोफेसर कौशल किशोर मिश्र छात्रों से बात करने कुलपति आवास के बाहर आकर जल्द कार्रवाई का आश्वासन दिया तो छात्रों ने धरना खत्म कर दिया था।