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Pahalgam Attack: जम्मू जाने वाली ट्रेनों में घटे यात्री, तीन दिन बाद मिल रही कंफर्म सीट; जानें- क्या है अपडेट
अमर उजाला नेटवर्क, वाराणसी।
Published by: अमन विश्वकर्मा
Updated Fri, 09 May 2025 05:21 AM IST
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सार
जम्मू जाने वाली ट्रेनों पर इन दिनों काफी असर पड़ा है। इसमें आरक्षण कम हो गए हैं। बताया जा रहा है कि भारत और पाकिस्तान के बीच उपजे तनाव को लेकर यात्री सफर करने से बच रहे हैं।

कैंट रेलवे स्टेशन के पूछताछ केंद्र के बाहर बैठे यात्री।
- फोटो : अमर उजाला

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विस्तार
भारत पाकिस्तान के बीच उपजे तनाव के माहौल को देखते हुए जम्मू जाने वाली ट्रेनों में आरक्षण कम हो गए हैं। यात्रियों की संख्या घट रही है। बेगमपुरा, अर्चना और हिमगिरी जैसी ट्रेनों में वेटिंग लिस्ट 30 से 40 के बीच आ चुकी है। हफ्ते भर के बाद की ट्रेनों के फर्स्ट और सेकेंड एसी कोच में कंफर्म सीटें मिल रही हैं।
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कैंट स्टेशन स्थित मुख्य आरक्षण के पर्यवेक्षकों ने बताया कि मई और जून महीने में जम्मू जाने वाली ट्रेनों में वेटिंग लिस्ट 180 से 200 के बीच में रहती थी, लेकिन इस समय जम्मू की ट्रेनों में बिना कोटा लगे भी सीटें कंफर्म हो जा रही हैं। जालंधर तक ट्रेनों में भीड़ है लेकिन उसे आगे ट्रेनें लगभग खाली चल रही हैं।
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कैंट रेलवे स्टेशन से रोजाना 12237 बेगमपुरा एक्सप्रेस संचालित होती है। 12355 अर्चना एक्सप्रेस, 12331 हिमगिरी और 22317 हमसफर समेत दो अन्य स्पेशल ट्रेनें संचालित हो रही हैं। सोमवार को जम्मू जाने वाली बेगमपुरा ट्रेन के फर्स्ट और सेकेंड एसी में सीटें खाली हैं। अन्य ट्रेनों में भी सीटें आसानी से मिल जा रही हैं।
यात्रियों को हुई फजीहत
टूर ऑपरेटर सुधांशु सक्सेना ने बताया कि जम्मू-कश्मीर जाने का यही सीजन होता था। मां वैष्णो देवी का अधिकतर लोगों ने पहले से बुकिंग करा रखी थी, लेकिन आतंकी घटनाओं को देखते हुए लोगों ने अपने टूर कैंसिल कर दिए। 500 से अधिक लोगों ने टूर की बुकिंग निरस्त कराई है।
टूर ऑपरेटर प्रदीप राय ने बताया कि आतंकी घटनाओं को देखते हुए वैष्णो देवी जाने वालों ने अपने टिकट निरस्त कराएं हैं। रेल आरक्षण पर्यवेक्षकों ने बताया कि जम्मू से वाराणसी लौटने वाली नियमित और स्पेशल ट्रेनों में भी सीटें मिल रही हैं। 15 मई के बाद की ट्रेनों के स्लीपर, एसी में सीटें मिल रही हैं।
टूर ऑपरेटर प्रदीप राय ने बताया कि आतंकी घटनाओं को देखते हुए वैष्णो देवी जाने वालों ने अपने टिकट निरस्त कराएं हैं। रेल आरक्षण पर्यवेक्षकों ने बताया कि जम्मू से वाराणसी लौटने वाली नियमित और स्पेशल ट्रेनों में भी सीटें मिल रही हैं। 15 मई के बाद की ट्रेनों के स्लीपर, एसी में सीटें मिल रही हैं।
रोजाना 500 यात्री करा रहे हैं विमान की बुकिंग निरस्त
भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव को देखते हुए बंद हुए देश के 28 एयरपोर्ट के यात्रियों ने अपना-अपना टिकट निरस्त करा रहे हैं। एयर कंपनियों ने फुल रिफंड भी देना शुरू किया है। बुधवार और बृहस्पतिवार को लगभग 400-500 यात्रियों ने अपने टिकट कैंसिल कराए हैं।
एयरपोर्ट अधिकारियों ने बताया कि गाजियाबाद के हिंडन एयरपोर्ट को छोड़ शेष एयरपोर्ट के लिए वाराणसी से कोई भी सीधी उड़ान नहीं है, लेकिन जो यात्री कनेक्टिंग विमान से गर्मी की छुट्टियां मनाने शिमला, मनाली, जम्मू, कश्मीर, लद्दाख, अमृतसर, जैसलमेर सहित अन्य शहरों में जाने के लिए टिकट की बुकिंग करवा चुके थे, अब उन यात्रियों को विमानन कंपनियां फुल रिफंड या यात्रा की तिथि आगे बढ़ाने का निशुल्क विकल्प दे रही हैं। जबकि इससे पहले टिकट निरस्त करने पर काफी पैसे का नुकसान होता था। लगभग 80 प्रतिशत तक पैसा वापस नहीं हो पाता था।
भारत-पाकिस्तान के बीच तनाव को देखते हुए बंद हुए देश के 28 एयरपोर्ट के यात्रियों ने अपना-अपना टिकट निरस्त करा रहे हैं। एयर कंपनियों ने फुल रिफंड भी देना शुरू किया है। बुधवार और बृहस्पतिवार को लगभग 400-500 यात्रियों ने अपने टिकट कैंसिल कराए हैं।
एयरपोर्ट अधिकारियों ने बताया कि गाजियाबाद के हिंडन एयरपोर्ट को छोड़ शेष एयरपोर्ट के लिए वाराणसी से कोई भी सीधी उड़ान नहीं है, लेकिन जो यात्री कनेक्टिंग विमान से गर्मी की छुट्टियां मनाने शिमला, मनाली, जम्मू, कश्मीर, लद्दाख, अमृतसर, जैसलमेर सहित अन्य शहरों में जाने के लिए टिकट की बुकिंग करवा चुके थे, अब उन यात्रियों को विमानन कंपनियां फुल रिफंड या यात्रा की तिथि आगे बढ़ाने का निशुल्क विकल्प दे रही हैं। जबकि इससे पहले टिकट निरस्त करने पर काफी पैसे का नुकसान होता था। लगभग 80 प्रतिशत तक पैसा वापस नहीं हो पाता था।