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UP News: पांच साल में चंदौली में कहीं नहीं जलाई गई पराली, वाराणसी और भदोही में एक-एक मामले

हीरालाल चौरसिया, संवाद न्यूज एजेंसी, वाराणसी। Published by: प्रगति चंद Updated Fri, 21 Nov 2025 06:58 PM IST
सार

सेटेलाइट से निगरानी में पूर्वांचल के 10 जिलों में पराली जलाने की केवल 111 घटनाएं सामने आईं। पश्चिम के जिलों में दो हजार से अधिक घटनाएं सामने आईं।

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Stubble burning not reported in Chandauli in five years with one case each in Varanasi and Bhadohi
पराली - फोटो : अमर उजाला
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विस्तार
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पराली की आग में पश्चिमी उत्तर प्रदेश धधक रहा है और पूर्वांचल में इसकी बस चिंगारी भर फैली है। ऐसा इसलिए कि यहां पराली जलाने के मामले कम हैं। सेटेलाइट से निगरानी में पूर्वांचल की फिजा काफी महफूज है। धान का कटोरा कहे जाने वाले चंदौली में पराली जलाने का एक भी केस नहीं है। बीते एक साल में वाराणसी और भदोही में सिर्फ एक-एक केस हैं। वाराणसी, मिर्जापुर और आजमगढ़ मंडल के 10 जिलों में 111 मामले हैं। जबकि यहां की अपेक्षा पश्चिम में पांच से 15 गुना पराली जलाने के केस ज्यादा हैं।

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मौजूदा समय में धान की कटाई और मड़ाई तेजी से चल रही है। पश्चिमी उत्तर प्रदेश में खेती का विस्तार है। मगर, वहां पराली प्रबंधन पर पूरी तरह से अंकुश न लगने से इसे जलाए जाने की घटनाएं ज्यादा हैं। कुछ जिलों में 200 से 400 जिलों में पराली जलाने की घटनाएं सामने आई हैं। कुल मिलाकर पश्चिमी जिलों में दो हजार से अधिक केस मिले हैं।
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इस लिहाज से पूर्वांचल काफी सुरक्षित है। यहां बलिया और जौनपुर में ही पराली जलाने के 20 मामले मिल हैं। जबकि चंदौली में सेटेलाइट सर्वे में पांच साल से पराली जलाने की एक भी घटना नहीं है। संयुक्त कृषि निदेशक शैलेंद्र कुमार ने बताया कि पूर्वांचल में पराली का इस्तेमाल ज्यादातर चारे में हो जाता है। यहां धान की कटाई भी हाथ से होती है।

इन जिलों में सबसे ज्यादा जलाई जा रही पराली

पूरे यूपी में सेटेलाइट सर्वे में पराली जलाने की इस एक साल में अब तक 4409 घटनाएं सामने आई हैं। इसमें सबसे ज्यादा महाराजगंज में 374, जालौन में 269, झांसी में 210 मामले मिल हैं। इसी तरह अलीगढ़ में 57, औराइया में 68, इटावा में 120, फतेहपुर में 160, हरदोई में 163, कानपुर में 87, कानपुर देहात में 219, मथुरा में 118, पीलीभीत में 97, शाहजहांपुर में 100, सिद्धार्थनगर में 106, उन्नाव में 100, बहराइच में 93, बाराबंकी में 87, बस्ती में 95, गोरखपुर में 148 और हमीरपुर में 78 मामले मिले।
 
जुर्माना राशि दोगुनी, अधिकतम 30 हजार रुपये
प्रदेश सरकार पर्यावरण संरक्षण को देखते हुए पराली प्रबंधन के तमाम प्रयास कर रही है। इस बार पराली जलाने वालों पर पहले की जुर्माने की राशि दोगुनी कर दी गई है। दो एकड़ तक पांच हजार रुपये, दो से पांच एकड़ तक 10 हजार रुपये, पांच एकड़ से अधिक क्षेत्रफल में पराली जलाने पर 30 हजार रुपये जुर्माना तय है। साथ ही इसकी पुनरावृत्ति करने पर छह माह के कारावास की सजा है।
 
वाराणसी में किसान पर लगा 5000 का जुर्माना
वाराणसी में आराजीलाइन ब्लॉक में एक किसान पर पराली जलाने पर शुक्रवार को कार्रवाई हुई। उप निदेशक कृषि अमित जायसवाल ने बताया कि उसके खिलाफ कार्रवाई करते हुए पांच हजार का जुर्माना लगा है। सेटेलाइट सर्वे में सेवापुरी में पराली जलाने की सूचना मिली थी। जांच में वह कूड़ा निकाला।

क्या बोले अधिकारी
न्याय पंचायत स्तर पर किसानों को जागरूक कर रहे हैं। इसका असर दिख रहा है। इक्का-दुक्का घटनाएं हुई हैं। जिन किसानों ने पराली जलाई है, उन पर सख्ती बरतते हुए तत्काल जुर्माना और दंडनात्मक कार्रवाई की जा रही है। -शैलेंद्र कुमार, संयुक्त कृषि निदेशक, वाराणसी

 
जिले पराली जलाने के केस

  • चंदौली 0
  • वाराणसी 1
  • भदोही 1
  • सोनभद्र 4
  • मिर्जापुर 4
  • गाजीपुर 16
  • मऊ 16
  • आजमगढ़ 19
  • जौनपुर 23
  • बलिया 27
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