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अद्भुत है ये तस्वीर: लेजर शो के जरिये दिखाई गई असुर त्रिपुरासुर के वध की कहानी, जयघोष से गूंजा दशाश्वमेध घाट

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, वाराणसी Published by: किरन रौतेला Updated Tue, 28 Nov 2023 03:23 PM IST
सार

देव दीपावली पर दशाश्वमेध घाट देवताओं के स्वागत में हर-हर महादेव, हर-हर गंगे के उद्घोष से गूंज उठा। गंगोत्री सेवा समिति की ओर से गंगा महारानी का पूजन-स्तवन संग दुग्धाभिषेक हुआ।

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The story of the killing of demon Tripurasura shown through laser show, Dashashwamedh Ghat echoed with shouts
लेजर शो के जरिये दिखाई गई असुर त्रिपुरासुर के वध की कहानी - फोटो : संवाद
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विस्तार
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चेतसिंह घाट पर लेजर और प्रोजेक्शन शो के जरिये असुर त्रिपुरासुर के वध की कथा जीवंत हुई। इसमें ऑडियो विजुअल माध्यम से बताया गया कि भगवान शिव त्रिपुरासुर का वध करके त्रिपुरांतक बनते हैं। इसके लिए भगवान शिव ने धरती को असंभव रथ बनाया, जिसमें सूर्य और चंद्रमा उसके दो पहिए बने। भगवान विष्णु बाण, वासुकी धनुष की डोर और मेरूपर्वत धनुष बने। फिर भगवान शिव असंभव रथ पर सवार होकर अभिजित नक्षत्र में तीनों पुरियों के एक पंक्ति में आते ही प्रहार कर दिया। प्रहार होते ही तीनों पुरियां जलकर भस्म हो गईं और त्रिपुरासुर का अंत हो गया। उस दिन कार्तिक पूर्णिमा थीं। देव दीपावली के दिन गंगा पूजा के साथ भगवान शिव की आराधना करने का विधान है, जिससे लोगों की मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।

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The story of the killing of demon Tripurasura shown through laser show, Dashashwamedh Ghat echoed with shouts
धधकती चिताओं के साथ जल उठे दीप से दीप - फोटो : संवाद

महाश्मशान पर चिता के साथ जले दीप
देव दीपावली पर काशी के घाट जहां दीयों की रोशनी से जगमगा रहे थे, वहीं काशी के श्मशान भी इससे अछूते नहीं थे। अपने आराध्य बाबा विश्वनाथ के विजय उत्सव का जश्न महाश्मशान पर रहने वालों ने भी मनाया। एक तरफ चिता धधक रही थी तो वहीं दूसरी ओर दीप टिमटिमा रहे थे। सोमवार को मणिकर्णिका और हरिश्चंद्र घाट पर गोधूली बेला के साथ ही दीप जल उठे। मणिकर्णिका और हरिश्चंद्र घाट पर बाबा मशान नाथ के मंदिर में देव दीपावली पर दीप जलाए गए।

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The story of the killing of demon Tripurasura shown through laser show, Dashashwamedh Ghat echoed with shouts
बीएचयू परिसर के विश्वनाथ मंदिर परिसर में देव दीपावली पर सजे दीप - फोटो : संवाद

बीएचयू विश्वनाथ मंदिर में जले दीये, भजनों के बीच हुई महाआरती
बीएचयू परिसर स्थित विश्वनाथ मंदिर में सोमवार को दीपोत्सव मनाया गया। मंदिर परिसर से लेकर बाहर गेट तक 5100 दीये जलाए गए। प्रभु के गुणगान के बीच महाआरती भी की गई। इसमें छात्रों सहित अन्य लोगों ने बढ़ चढ़कर भागीदारी की।

सेवाज्ञ संस्थानम की ओर आयोजन को भव्य बनाने की तैयारी सुबह से ही चल रही थी। मंदिर में प्रवेश द्वार पर आकर्षक रंगोली बनाई गई। शाम होने पर दीप जलाए गए। मंदिर में दर्शन पूजन कर जीवन में सुख समृद्धि की कामना की गई। इस दौरान प्रो. विनय कुमार पांडेय, अनिल कुमार त्रिपाठी, प्रो. शरदेंदू त्रिपाठी, संतोष तिवारी आदि मौजूद रहे।

The story of the killing of demon Tripurasura shown through laser show, Dashashwamedh Ghat echoed with shouts
लेजर शो - फोटो : संवाद
हर-हर महादेव और हर-हर गंगे के उद्घोष से गूंजा दशाश्वमेध घाट
देव दीपावली पर दशाश्वमेध घाट देवताओं के स्वागत में हर-हर महादेव, हर-हर गंगे के उद्घोष से गूंज उठा। गंगोत्री सेवा समिति की ओर से गंगा महारानी का पूजन-स्तवन संग दुग्धाभिषेक हुआ। तट पर सिंहासनारूढ़ गंगा महारानी की श्रृंगारिक प्रतिमा और उनकी अलौकिक आरती की निराली छवि निहारने को श्रद्धालुओं का रेला उमड़ पड़ा था। धार्मिक अनुष्ठान का श्रीगणेश मंगलाचरण से हुआ। इस बीच मां गंगा का शास्त्रोक्त विधि से पूजन के क्रम में 108 लीटर दूध से अभिषेक किया गया। 
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