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Bageshwar News: खेल-खेल में पढ़ाई से मजबूत हुई बुनियाद
संवाद न्यूज एजेंसी, बागेश्वर
Updated Sun, 21 Dec 2025 11:17 PM IST
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गरुड़ (बागेश्वर)। सरकारी स्कूलों में गिरती छात्र संख्या के बीच राजकीय प्राथमिक विद्यालय मिसाल पेश कर रहा है। शिक्षकों के अनूठे नवाचार से न सिर्फ स्कूल में विद्यार्थियों की संख्या बढ़ रही है बल्कि शिक्षा के स्तर में भी सुधार हो रहा है। वर्तमान में स्कूल में 83 विद्यार्थी अध्ययनरत हैं।
राप्रावि देवलखेत में वर्ष 2013 में 76 विद्यार्थी थे। इस दौरान विद्यालय एकल शिक्षक के भरोसे हो गया था। प्रधानाध्यापिका हेमंती बिष्ट पर छात्र संख्या को बरकरार रखते हुए बेहतर शिक्षा देने की चुनौती थी। उन्होंने 2015 में नवाचारी पहल करते हुए प्री नर्सरी की शुरुआत की।
इस पहल को अभिभावकों का अच्छा सहयोग मिला और पहले साल नौ बच्चे प्री नर्सरी में आए। वर्तमान में प्री नर्सरी में भी 31 बच्चे हैं। शिक्षिका हेमंती ने बताया कि प्री नर्सरी में पढ़ाई के दौरान ही बच्चों को हिंदी-अंग्रेजी की वर्णमाला, गिनती और 20 तक की टेबल पढ़ाई जाती है।
खेल-खेल में होने वाले इस शिक्षण से बच्चों की शिक्षा की बुनियाद को मजबूत करने में मदद मिलती है। पांच साल तक एकल शिक्षक के सहारे चले विद्यालय में वर्ष 2018 में दो शिक्षकों की तैनाती हुई। वर्तमान में भी तीन शिक्षक स्कूल में तैनात हैं। इसी साल स्मार्ट क्लास भी शुरू हो गई है। विगत फरवरी में तत्कालीन डीएम आशीष भटगाई ने स्मार्ट क्लास का शुभारंभ किया था।
दो किमी के दायरे में निजी और सरकारी स्कूल
राप्रावि देवलखेत के दो किमी के दायरे में प्राथमिक विद्यालय घेटी और एक निजी स्कूल है। इसके बावजूद शिक्षकों की मेहनत और अभिभावकों के सहयोग से स्कूल में छात्रसंख्या बढ़ रही है। प्रधानाध्यापिका बिष्ट कहती हैं कि सभी शिक्षक विद्यार्थियों को समयानुकूल शिक्षा देने का प्रयास कर रहे हैं।
अतिरिक्त कक्षा-कक्षों की दरकार
विद्यालय की एसएमसी अध्यक्ष दीपा देवी का कहती हैं कि स्कूल में तीन ही कक्षा-कक्ष हैं। छात्रसंख्या को देखते हुए दो अतिरिक्त कक्षा-कक्षों की जरूरत है। विद्यालय में एक शिक्षक की भी कमी बनी है। विभाग कक्षों का निर्माण और शिक्षक की तैनाती कराए तो छात्रसंख्या 100 के पार पहुंच सकती है।
राप्रावि देवलखेत के शिक्षकों के अथक प्रयासों से छात्रसंख्या में इजाफा हो रहा है। मानकाें के अनुसार स्कूल में अतिरिक्त कक्षा-कक्षों के निर्माण का प्रस्ताव भेजा जाएगा। -कमलेश्वरी मेहता, बीईओ गरुड़
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राप्रावि देवलखेत में वर्ष 2013 में 76 विद्यार्थी थे। इस दौरान विद्यालय एकल शिक्षक के भरोसे हो गया था। प्रधानाध्यापिका हेमंती बिष्ट पर छात्र संख्या को बरकरार रखते हुए बेहतर शिक्षा देने की चुनौती थी। उन्होंने 2015 में नवाचारी पहल करते हुए प्री नर्सरी की शुरुआत की।
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इस पहल को अभिभावकों का अच्छा सहयोग मिला और पहले साल नौ बच्चे प्री नर्सरी में आए। वर्तमान में प्री नर्सरी में भी 31 बच्चे हैं। शिक्षिका हेमंती ने बताया कि प्री नर्सरी में पढ़ाई के दौरान ही बच्चों को हिंदी-अंग्रेजी की वर्णमाला, गिनती और 20 तक की टेबल पढ़ाई जाती है।
खेल-खेल में होने वाले इस शिक्षण से बच्चों की शिक्षा की बुनियाद को मजबूत करने में मदद मिलती है। पांच साल तक एकल शिक्षक के सहारे चले विद्यालय में वर्ष 2018 में दो शिक्षकों की तैनाती हुई। वर्तमान में भी तीन शिक्षक स्कूल में तैनात हैं। इसी साल स्मार्ट क्लास भी शुरू हो गई है। विगत फरवरी में तत्कालीन डीएम आशीष भटगाई ने स्मार्ट क्लास का शुभारंभ किया था।
दो किमी के दायरे में निजी और सरकारी स्कूल
राप्रावि देवलखेत के दो किमी के दायरे में प्राथमिक विद्यालय घेटी और एक निजी स्कूल है। इसके बावजूद शिक्षकों की मेहनत और अभिभावकों के सहयोग से स्कूल में छात्रसंख्या बढ़ रही है। प्रधानाध्यापिका बिष्ट कहती हैं कि सभी शिक्षक विद्यार्थियों को समयानुकूल शिक्षा देने का प्रयास कर रहे हैं।
अतिरिक्त कक्षा-कक्षों की दरकार
विद्यालय की एसएमसी अध्यक्ष दीपा देवी का कहती हैं कि स्कूल में तीन ही कक्षा-कक्ष हैं। छात्रसंख्या को देखते हुए दो अतिरिक्त कक्षा-कक्षों की जरूरत है। विद्यालय में एक शिक्षक की भी कमी बनी है। विभाग कक्षों का निर्माण और शिक्षक की तैनाती कराए तो छात्रसंख्या 100 के पार पहुंच सकती है।
राप्रावि देवलखेत के शिक्षकों के अथक प्रयासों से छात्रसंख्या में इजाफा हो रहा है। मानकाें के अनुसार स्कूल में अतिरिक्त कक्षा-कक्षों के निर्माण का प्रस्ताव भेजा जाएगा। -कमलेश्वरी मेहता, बीईओ गरुड़

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