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Bageshwar News: समृद्ध अतीत की गवाह...हजार साल पुरानी मूर्तियां बताएंगी कुमाऊं की गौरवगाथा
संवाद न्यूज एजेंसी, बागेश्वर
Updated Fri, 21 Nov 2025 12:01 AM IST
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बागेश्वर। कुमाऊं के समृद्ध सांस्कृतिक और धार्मिक इतिहास को नया जीवन मिलने जा रहा है। बागनाथ मंदिर परिसर में बन रहे संग्रहालय में आठवीं से दसवीं शताब्दी की दुर्लभ मूर्तियों को पहली बार व्यवस्थित रूप में प्रदर्शित किया जाएगा। पुरातत्व विभाग की टीम ने मूर्तियों का विस्तृत विवरण संकलित किया है। संग्रहालय में मूर्तियों के साथ सदी, शैली और ऐतिहासिक पृष्ठभूमि की जानकारी भी प्रदर्शित की जाएगी।
मंदिर परिसर में स्थित एक कक्ष में फिलहाल 89 दुर्लभ मूर्तियां सुरक्षित रखी गई हैं। इन मूर्तियों और मातृकाओं में आठवीं सदी की उमा-महेश, पार्वती, वैष्णवी और कौमारी मातृकाएं, नौवीं सदी की महिषासुर मर्दिनी, हरिहर, उमा-महेश, गणेश, चामुंडा, बाराह, वीणाधारी शिव, त्रिभुजी शिव, ब्रह्माणी, दशावतर पट्ट, पंचदेव पट्ट, माहेश्वरी और दसवीं सदी की भगवान गणेश, शेषयाची विष्णु, सहस्त्र शिवलिंग, चतुर्मुखी शिव, भगवान विष्णु, कार्तिकेय भगवान आदि शामिल हैं।
उत्तरायणी मेले तक संग्रहालय खोलने की तैयारी
सजावट और डिस्प्ले का कार्य अंतिम चरण में है। लक्ष्य है कि उत्तरायणी मेले तक संग्रहालय श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया जाए। क्षेत्रीय पुरातत्व अधिकारी डॉ. चंद्र सिंह चौहान की टीम ने बृहस्पतिवार को सभी मूर्तियों का निरीक्षण किया। उनका कहना है कि संग्रहालय में मूर्तियों के साथ सदी, शैली और ऐतिहासिक पृष्ठभूमि की संक्षिप्त जानकारी भी प्रदर्शित की जाएगी। इससे श्रद्धालु और पर्यटक मूर्तियों को देखकर उनके महत्व को समझ सकेंगे।
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मंदिर परिसर में स्थित एक कक्ष में फिलहाल 89 दुर्लभ मूर्तियां सुरक्षित रखी गई हैं। इन मूर्तियों और मातृकाओं में आठवीं सदी की उमा-महेश, पार्वती, वैष्णवी और कौमारी मातृकाएं, नौवीं सदी की महिषासुर मर्दिनी, हरिहर, उमा-महेश, गणेश, चामुंडा, बाराह, वीणाधारी शिव, त्रिभुजी शिव, ब्रह्माणी, दशावतर पट्ट, पंचदेव पट्ट, माहेश्वरी और दसवीं सदी की भगवान गणेश, शेषयाची विष्णु, सहस्त्र शिवलिंग, चतुर्मुखी शिव, भगवान विष्णु, कार्तिकेय भगवान आदि शामिल हैं।
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उत्तरायणी मेले तक संग्रहालय खोलने की तैयारी
सजावट और डिस्प्ले का कार्य अंतिम चरण में है। लक्ष्य है कि उत्तरायणी मेले तक संग्रहालय श्रद्धालुओं के लिए खोल दिया जाए। क्षेत्रीय पुरातत्व अधिकारी डॉ. चंद्र सिंह चौहान की टीम ने बृहस्पतिवार को सभी मूर्तियों का निरीक्षण किया। उनका कहना है कि संग्रहालय में मूर्तियों के साथ सदी, शैली और ऐतिहासिक पृष्ठभूमि की संक्षिप्त जानकारी भी प्रदर्शित की जाएगी। इससे श्रद्धालु और पर्यटक मूर्तियों को देखकर उनके महत्व को समझ सकेंगे।