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हाईकोर्ट में बुधवार की सुनवाई पर टिकीं दलों की निगाह
ब्यूरो/अमर उजाला, देहरादून
Updated Tue, 05 Apr 2016 10:59 PM IST
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कोर्ट
- फोटो : demo
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राष्ट्रपति शासन को लेकर अब सियासी दलों की निगाह बुधवार को उच्च न्यायालय में होने वाले घटनाक्रम पर है। कांग्रेस और भाजपा की ओर से कोर्ट के फैसले का अनुमान लगाते हुए विकल्पों पर विचार करने का दौर मंगलवार को भी जारी रहा।

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अपने-अपने विधायकों को दोनों ही दलों ने अलर्ट पर रखा हुआ है। कांग्रेस के बागी विधायकों के भी मुंबई से लौट आने की जानकारी दी जा रही है। कांग्रेस के विधायक हिमाचल में हैं और यह बुधवार तक लौट सकते हैं।
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इससे पहले उच्च न्यायालय की एकल पीठ से 31 मार्च को बहुमत साबित करने का निर्देश दिया था। कांग्रेस को यह रास नहीं आया कि बहुमत परीक्षण में बागी नौ विधायकों को भी मतदान कराने को कहा गया था।
कांग्रेस ने राष्ट्रपति शासन लगाए जाने को दी है चुनौती
भाजपा को बहुमत परीक्षण कराने का फैसला रास नहीं आया। कांग्रेस ने राष्ट्रपति शासन लगाए जाने को चुनौती दी तो भाजपा ने एकल पीठ निर्णय को चुनौती दी। अब छह अप्रैल को हो रही इन मामलों की सुनवाई पर दोनों दलों के भविष्य की रणनीति टिकी हुई है।
मंगलवार को कांग्रेस की ओर से पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने प्रति शपथ दाखिल कर विनियोग विधेयक पारित होने का दावा किया। विधानसभा अध्यक्ष की ओर से दाखिल जवाब में विधानसभा अध्यक्ष के सदन में अधिकार का मामला उठाया गया है। कोर्ट में बुधवार को हो रही सुनवाई को देखते हुए मंगलवार को दोनों दलों के रणनीतिकार भी माथापच्ची में जुटे रहे।