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डॉ. शिव प्रसाद महान विभूति, किताबों से जुड़े बच्चे: खंडूड़ी
संवाद न्यूज एजेंसी, कोटद्वार
Updated Sun, 23 Nov 2025 07:38 PM IST
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डॉ. शिव प्रसाद महान विभूति, किताबों से जुड़े बच्चे: खंडूड़ी
संवाद न्यूज एजेंसी
कोटद्वार। हिमालयन विद्या भवन समिति ने नगर निगम प्रेक्षागृह में सुप्रसिद्ध इतिहासकार, भूगोलवेता, शिक्षाविद एवं लेखक डॉ. शिव प्रसाद डबराल ‘चारण’ की पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि सभा और उत्तराखंड में शिक्षा में नवाचार विषयक व्याख्यानमाला का आयोजन किया। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने कहा कि विलक्षण प्रतिभा के धनी डॉ. डबराल सीमित साधनों में शिक्षा प्राप्त कर साहित्य और इतिहास के क्षेत्र में समाज को दिशा देने वाली रचनाएँ छोड़ गए। उन्होंने बच्चों को डॉ. डबराल की पुस्तकों के अध्ययन की सलाह देते हुए कहा कि उत्तराखंड 25 वर्षीय युवा राज्य के रूप में अब नई प्रतिभाओं को आगे लाने की जरूरत है। डॉ. डबराल के पुत्र प्रो. शांति कुमार डबराल ने बताया कि उनकी डायरियां इतिहास और साहित्य का महत्त्वपूर्ण स्रोत है
कार्यक्रम की अध्यक्षता धाद संस्था के संस्थापक लोकेश नवानी ने की। उन्होंने उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय में डॉ. शिव प्रसाद डबराल पीठ स्थापित कर प्रतिवर्ष सम्मेलन कराने का प्रस्ताव रखा। इस अवसर पर मुख्य वक्ता प्रो. डॉ. गिरिजा पांडे, दीपक ध्यानी, वाणिज्य कर कमिश्नर मितेश्वर आनंद, डॉ. उमेश ध्यानी, अनीता आनंद, आशीष डबराल, ऋषि कंडवाल, डॉ. शांति डबराल, चक्रधर कंडवाल, रिद्धि भट्ट समेत कई लोग उपस्थित रहे। मंच संचालन महेंद्र ध्यानी ने किया।
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कोटद्वार। हिमालयन विद्या भवन समिति ने नगर निगम प्रेक्षागृह में सुप्रसिद्ध इतिहासकार, भूगोलवेता, शिक्षाविद एवं लेखक डॉ. शिव प्रसाद डबराल ‘चारण’ की पुण्यतिथि पर श्रद्धांजलि सभा और उत्तराखंड में शिक्षा में नवाचार विषयक व्याख्यानमाला का आयोजन किया। कार्यक्रम की मुख्य अतिथि विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खंडूड़ी ने कहा कि विलक्षण प्रतिभा के धनी डॉ. डबराल सीमित साधनों में शिक्षा प्राप्त कर साहित्य और इतिहास के क्षेत्र में समाज को दिशा देने वाली रचनाएँ छोड़ गए। उन्होंने बच्चों को डॉ. डबराल की पुस्तकों के अध्ययन की सलाह देते हुए कहा कि उत्तराखंड 25 वर्षीय युवा राज्य के रूप में अब नई प्रतिभाओं को आगे लाने की जरूरत है। डॉ. डबराल के पुत्र प्रो. शांति कुमार डबराल ने बताया कि उनकी डायरियां इतिहास और साहित्य का महत्त्वपूर्ण स्रोत है
कार्यक्रम की अध्यक्षता धाद संस्था के संस्थापक लोकेश नवानी ने की। उन्होंने उत्तराखंड मुक्त विश्वविद्यालय में डॉ. शिव प्रसाद डबराल पीठ स्थापित कर प्रतिवर्ष सम्मेलन कराने का प्रस्ताव रखा। इस अवसर पर मुख्य वक्ता प्रो. डॉ. गिरिजा पांडे, दीपक ध्यानी, वाणिज्य कर कमिश्नर मितेश्वर आनंद, डॉ. उमेश ध्यानी, अनीता आनंद, आशीष डबराल, ऋषि कंडवाल, डॉ. शांति डबराल, चक्रधर कंडवाल, रिद्धि भट्ट समेत कई लोग उपस्थित रहे। मंच संचालन महेंद्र ध्यानी ने किया।
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