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Kotdwar News: शहीदी दिवस पर गुरु तेग बहादुर को किया याद
संवाद न्यूज एजेंसी, कोटद्वार
Updated Sun, 23 Nov 2025 06:02 PM IST
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संवाद न्यूज एजेंसी
कोटद्वार। कड़क पहाड़ी खेल प्रोत्साहन समिति की ओर से गुरु तेग बहादुर का 350वां शहीदी दिवस मनाया गया। इस मौके पर धर्म की रक्षा के लिए उनके योगदान को याद किया गया। कहा कि उन्होंने धार्मिक स्वतंत्रता और मानवाधिकारों की रक्षा के लिए अत्याचारों के खिलाफ डटकर संघर्ष किया।
काशीरामपुर तल्ला स्थित समिति के कार्यालय में आयोजित एक कार्यक्रम में अध्यक्ष बबलू नेगी ने गुरु तेग बहादुर की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित किए। इस मौके पर समिति के प्रचार प्रमुख अंचल कुमार अग्रवाल ने कहा कि गुरु तेग बहादुर ने काफी यातनाएं सहने के बाद भी इस्लाम धर्म स्वीकार नहीं किया और धर्म की रक्षा के लिए अपना बलिदान दिया। उन्होंने धार्मिक स्वतंत्रता के लिए आवाज उठाई। धर्म और न्याय के सिद्धांतों के लिए आजीवन संघर्ष किया। समाज सेवी दलजीत सिंह ने कहा कि गुरु तेग बहादुर ने औरंगजेब की नीतियाें का दृढ़ता से विरोध करते हुए कहा था कि हम शीश कटा सकते हैं, लेकिन केश नहीं। उन्होंने धर्म की रक्षा के लिए अपना जीवन न्यौछावर कर दिया। उनकी शहादत और योगदान को सनातन समाज कभी नहीं भूल सकता। इस अवसर पर नीरज ढौंडियाल, लक्की कोटनाला, अमित बलोदी, संजीव थपलियाल, संदीप बिष्ट, सूरज राठी, सोनू गुलाटी आदि मौजूद रहे।
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काशीरामपुर तल्ला स्थित समिति के कार्यालय में आयोजित एक कार्यक्रम में अध्यक्ष बबलू नेगी ने गुरु तेग बहादुर की प्रतिमा पर पुष्प अर्पित किए। इस मौके पर समिति के प्रचार प्रमुख अंचल कुमार अग्रवाल ने कहा कि गुरु तेग बहादुर ने काफी यातनाएं सहने के बाद भी इस्लाम धर्म स्वीकार नहीं किया और धर्म की रक्षा के लिए अपना बलिदान दिया। उन्होंने धार्मिक स्वतंत्रता के लिए आवाज उठाई। धर्म और न्याय के सिद्धांतों के लिए आजीवन संघर्ष किया। समाज सेवी दलजीत सिंह ने कहा कि गुरु तेग बहादुर ने औरंगजेब की नीतियाें का दृढ़ता से विरोध करते हुए कहा था कि हम शीश कटा सकते हैं, लेकिन केश नहीं। उन्होंने धर्म की रक्षा के लिए अपना जीवन न्यौछावर कर दिया। उनकी शहादत और योगदान को सनातन समाज कभी नहीं भूल सकता। इस अवसर पर नीरज ढौंडियाल, लक्की कोटनाला, अमित बलोदी, संजीव थपलियाल, संदीप बिष्ट, सूरज राठी, सोनू गुलाटी आदि मौजूद रहे।
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