UK News: 11 साल बाद होगी मगरमच्छों की गिनती, पर्यटकों के लिए खुलेगा सफारी का रास्ता; आय का बनेगा जरिया
वन विभाग 11 वर्ष बाद सुरई रेंज के अंदर काकरा क्रोकोडाइल ट्रेल और नानकमत्ता क्षेत्र में मौजूद मगरमच्छों की गणना करने जा रहा है।
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वन विभाग 11 वर्ष बाद सुरई रेंज के अंदर काकरा क्रोकोडाइल ट्रेल और नानकमत्ता क्षेत्र में मौजूद मगरमच्छों की गणना करने जा रहा है। वनाधिकारियों ने मगरमच्छों की संख्या बढ़कर 100 होने का अनुमान जताया है।
खटीमा में क्रोकोडाइल ट्रेल को पर्यटकों के लिए विकसित करते हुए सुरई क्षेत्र की सफारी को जोड़ने की तैयारी है। वर्ष 2014 में हुई गणना में मगरमच्छ की गणना के बाद इसकी संख्या 68 रही है। फिर इस क्षेत्र को क्रोकोडाइल ट्रेल के तौर पर विकसित किया गया। 29 दिसंबर 2021 को इसे विधिवत लांच किया गया। वन प्रभाग का मानना है कि क्राकोडाइल ट्रेल और सुरई रेंज विकसित होने के बाद पर्यटकों की आवाजाही बढ़ेगी। इसके जरिये विभाग को दो करोड़ रुपये सालाना आय होने की उम्मीद है।
मगरमच्छ की प्रजाति मार्श ज्यादा है
क्राकोडाइल ट्रेल में मार्श प्रजाति के मगरमच्छ की संख्या ज्यादा है। वन विभाग के अनुसार यह प्रजाति खतरनाक होती है। संकटग्रस्त प्रजातियों की सूची में शामिल होने की वजह से इसे वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 की अनुसूची में संरक्षित भी किया गया है।
पिछली गणना वर्ष 2014 में हुई थी। अब एक बार फिर मगरमच्छों की गणना की जानी है। इस बार गणना के बाद नए आंकड़े सामने आएंगे। इस क्षेत्र को पर्यटन के लिहाज से विकसित किया जा रहा है। -हिमांशु बागरी, डीएफओ, तराई पूर्वी