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Pithoragarh News: टायर न मिले तो खड़ी हो गईं 14 बसें, घर बैठ गए चालक-परिचालक
संवाद न्यूज एजेंसी, पिथौरागढ़
Updated Sat, 06 Dec 2025 10:59 PM IST
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पिथौरागढ़ वर्कशॉप में टायरों के अभाव में खड़ीं रोडवेज की बसें। संवाद
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पिथौरागढ़। सीमांत जिले में रोडवेज बस सेवा बदहाल हो गई है। टायर नहीं मिले तो 14 बसें वर्कशॉप में खड़ीं कर दी गई हैं। काम न मिलने पर चालक-परिचालक बेरोजगार हो गए और उन्हें घर बैठना पड़ा। बसों का संचालन थमने से बेबस यात्रियों को टैक्सी से महंगा सफर करना पड़ रहा है।
पिथौरागढ़ डिपो के बेड़े में 64 बसें हैं। इनमें कई बसों के टायर पूरी तरह घिस गए हैं। लंबे समय से मांग के बावजूद डिपो को नये टायर नहीं मिल रहे। ऐसे में 14 बसों का संचालन रोकना पड़ा। ये बसें न तो मैदान उतर पा रही हैं और न पहाड़ चढ़ पा रही हैं। छह बसों को पिथौरागढ़ तो आठ को टनकपुर वर्कशॉप में खड़ा कर दिया गया है। डिपो के मुताबिक अन्य बसों के टायर भी घिस गए हैं। ये कभी भी खड़ी हो सकती हैं। फिलहाल डिपो को 64 टायरों की तुरंत जरूरत है। इनके न मिलने से बसों का संचालन रोकना मजबूरी बन गया है। ऐसे में कई रूटों पर सीमित बसों का संचालन करना पड़ रहा है। यात्रियों को टैक्सी के सहारे सफर करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।
बेरोजगार हो गए चालक-परिचालकरोडवेज में अधिकतर चालक-परिचालकों की तैनाती किलोमीटर के हिसाब से की गई है। एक किलोमीटर संचालन होने पर चालक-परिचालक को 3.40 रुपये मानदेय मिलता है। 14 बसों का संचालन रुकने आठ से अधिक चालक और परिचालकों को ड्यूटी नहीं मिल पा रही है जिससे वे बेरोजगार हो गए हैं।
निगम की आय हो रही प्रभावित
14 बसों के खड़ा होने से निगम की आय भी प्रभावित हो रही है। हर रोज इन बसों के संचालन से निगम तीन से चार लाख रुपये की आय अर्जित कर रहा था। अब बसों के वर्कशॉप में खड़ा होने से निगम को इसका नुकसान झेलना पड़ रहा है।
पुराने और घिसे टायरों से बढ़ा दुर्घटना का खतरा
लंबे समय से डिपो को नए टायर नहीं मिले हैं। पुराने और घिसे टायरों के सहारे बसों को सड़कों पर दौड़ाना मजबूरी है जो दुर्घटना के लिहाज से खतरनाक है। इन दिनों पहाड़ों में सड़कों पर पाला गिर रहा है। पुराने और घिसे टायरों के सहारे पाले में दौड़ रही बसों के दुर्घटनाग्रस्त होने का खतरा बढ़ गया है।
कोट
टायरों की मांग की गई है। उम्मीद है कि जल्द टायर मिल जाएंगे। जिन बसों के टायर पूरी तरह घिस गए हैं, सुरक्षा के मद्देनजर उनका संचालन रोकना पड़ा है। टायर मिलते ही सभी बसों का संचालन शुरू करा दिया जाएगा। -रवि शेखर कापड़ी, एआरएम, पिथौरागढ़ डिपो
टनकपुर डिपो में कर्मियों को तीन दिन में एक बार मिल रही ड्यूटी
टनकपुर (चंपावत)। उत्तराखंड परिवहन निगम टनकपुर डिपो में चालक-परिचालकों को दो से तीन दिन में एक बार ड्यूटी मिल रही है। वर्तमान में डिपो के पास 93 और अनुबंधित 25 बसें हैं। इनमें से एक दिन 55 और दूसरे दिन 52 बसों का संचालन होता है। एआरएम केएस राणा ने बताया कि डिपो में कुल 169 चालकों में 61 ही स्थायी हैं। 213 परिचालकों में से 40 ही स्थायी हैं। 108 चालक और 173 परिचालकों को किलोमीटर के हिसाब से वेतन मिलता हैं।
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पिथौरागढ़ डिपो के बेड़े में 64 बसें हैं। इनमें कई बसों के टायर पूरी तरह घिस गए हैं। लंबे समय से मांग के बावजूद डिपो को नये टायर नहीं मिल रहे। ऐसे में 14 बसों का संचालन रोकना पड़ा। ये बसें न तो मैदान उतर पा रही हैं और न पहाड़ चढ़ पा रही हैं। छह बसों को पिथौरागढ़ तो आठ को टनकपुर वर्कशॉप में खड़ा कर दिया गया है। डिपो के मुताबिक अन्य बसों के टायर भी घिस गए हैं। ये कभी भी खड़ी हो सकती हैं। फिलहाल डिपो को 64 टायरों की तुरंत जरूरत है। इनके न मिलने से बसों का संचालन रोकना मजबूरी बन गया है। ऐसे में कई रूटों पर सीमित बसों का संचालन करना पड़ रहा है। यात्रियों को टैक्सी के सहारे सफर करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है।
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बेरोजगार हो गए चालक-परिचालकरोडवेज में अधिकतर चालक-परिचालकों की तैनाती किलोमीटर के हिसाब से की गई है। एक किलोमीटर संचालन होने पर चालक-परिचालक को 3.40 रुपये मानदेय मिलता है। 14 बसों का संचालन रुकने आठ से अधिक चालक और परिचालकों को ड्यूटी नहीं मिल पा रही है जिससे वे बेरोजगार हो गए हैं।
निगम की आय हो रही प्रभावित
14 बसों के खड़ा होने से निगम की आय भी प्रभावित हो रही है। हर रोज इन बसों के संचालन से निगम तीन से चार लाख रुपये की आय अर्जित कर रहा था। अब बसों के वर्कशॉप में खड़ा होने से निगम को इसका नुकसान झेलना पड़ रहा है।
पुराने और घिसे टायरों से बढ़ा दुर्घटना का खतरा
लंबे समय से डिपो को नए टायर नहीं मिले हैं। पुराने और घिसे टायरों के सहारे बसों को सड़कों पर दौड़ाना मजबूरी है जो दुर्घटना के लिहाज से खतरनाक है। इन दिनों पहाड़ों में सड़कों पर पाला गिर रहा है। पुराने और घिसे टायरों के सहारे पाले में दौड़ रही बसों के दुर्घटनाग्रस्त होने का खतरा बढ़ गया है।
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टायरों की मांग की गई है। उम्मीद है कि जल्द टायर मिल जाएंगे। जिन बसों के टायर पूरी तरह घिस गए हैं, सुरक्षा के मद्देनजर उनका संचालन रोकना पड़ा है। टायर मिलते ही सभी बसों का संचालन शुरू करा दिया जाएगा। -रवि शेखर कापड़ी, एआरएम, पिथौरागढ़ डिपो
टनकपुर डिपो में कर्मियों को तीन दिन में एक बार मिल रही ड्यूटी
टनकपुर (चंपावत)। उत्तराखंड परिवहन निगम टनकपुर डिपो में चालक-परिचालकों को दो से तीन दिन में एक बार ड्यूटी मिल रही है। वर्तमान में डिपो के पास 93 और अनुबंधित 25 बसें हैं। इनमें से एक दिन 55 और दूसरे दिन 52 बसों का संचालन होता है। एआरएम केएस राणा ने बताया कि डिपो में कुल 169 चालकों में 61 ही स्थायी हैं। 213 परिचालकों में से 40 ही स्थायी हैं। 108 चालक और 173 परिचालकों को किलोमीटर के हिसाब से वेतन मिलता हैं।

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