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Pithoragarh News: जीवनभर अभाव, बुढ़ापे तक संघर्ष... 90 साल की राधिका सिस्टम से पूछ रहीं सवाल

संवाद न्यूज एजेंसी, पिथौरागढ़ Updated Tue, 09 Dec 2025 11:18 PM IST
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A lifetime of poverty, a struggle into old age... 90-year-old Radhika questions the system
पिथौरागढ़ कलक्ट्रेट के बाहर धरने पर बैठे विधायक मयूख महर और क्वारबन के ग्रामीण। संवाद
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पिथौरागढ़। एक पुल ने बन पाने की वजह से दुर्गम पहाड़ी इलाके की बेलतड़ी-क्वारबन सड़क लोगों को चिढ़ा रही है। सिस्टम की इस अनदेखी से लोगों के मन में ऐसी टीस है कि उन्होंने दिसंबर के सर्द महीने में भी आंदोलन का रास्ता पकड़ लिया है। मंगलवार को कलक्ट्रेट के बाहर 90 साल की बुजुर्ग राधिका भी धरने पर बैठीं तो पहाड़ की पीड़ा और अभाव की व्यथा खुलकर सामने आ गई।
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धरने का दूसरा दिन भी ग्रामीणों की जिद और पीड़ा का प्रतीक बना रहा। उनका कहना है कि जब तक पुल नहीं बनेगा, सड़क का कोई अस्तित्व नहीं है। वाहन ना गुजर सके तो सड़क उनके लिए सिर्फ कागजी सुविधा है वास्तविक नहीं। आंदोलन में शामिल हुईं 90 वर्षीय राधिका देवी की झुर्रियों में छिपी टीस आज पूरे क्षेत्र की आवाज बन चुकी है। उन्होंने कहा कि जीवन के इस अंतिम पड़ाव पर सड़क तो पहुंच गई पर पुल न होने से वाहन आज भी गांव तक नहीं आ पाता। सात-आठ दशक तक कठिन पहाड़ी रास्तों पर जिंदगी ढोने के बाद जब सुकून की घड़ी आनी चाहिए थी तब भी उन्हें वही पथरीला सफर नसीब है।
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इस धरने में 75 वर्षीय जानकी देवी भी शामिल हुईं। उनका कहना है कि गर्भवतियों को अस्पताल तक पहुंचने के लिए आज भी पथरीले रास्तों पर पैदल चलना पड़ता है। उनकी इस तकलीफ को देखने वाला कोई नहीं। पुल के बिना सड़क सिर्फ धूल और कंकड़ का ढेर है, उपयोग की नहीं। जब तक पुल निर्माण शुरू नहीं होगा उनका धरना जारी रहेगा।
धरना देने वालों में जिला पंचायत सदस्य रेनू भट्ट, बीडीसी सदस्य सुधा सौन, प्रधान राजकुमार, फकीर सिंह रावत, मनोज भाट, राजेंद्र चंद्र सहित कई लोग शामिल रहे।

विधायक ने कहा- कार्यदायी संस्था जिम्मेदार
धरने को समर्थन देने पहुंचे विधायक मयूख महर ने भी कार्यदायी संस्था की लापरवाही को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि सड़क निर्माण में ऐसी अनियमितताएं हुई हैं कि पुल बनना असंभव हो गया। उनका दावा था कि सरकार इस पुल को नहीं बना पाएगी इसलिए वे स्वयं एक नई सड़क निर्माण का बीड़ा उठाएंगे। भले ही सफर 10 किलोमीटर लंबा क्यों न हो लेकिन लोगों को राहत मिलेगी। उन्होंने विधायक निधि से 10 लाख रुपये देने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि जब तक जिम्मेदार अधिकारी खुद धरनास्थल पर नहीं पहुंचेंगे तब तक कोई वार्ता नहीं होगी।

मंत्री जोशी बोले, जिम्मेदारों पर होगी कार्रवाई
बीते सोमवार जिला भ्रमण पर पहुंचे कैबिनेट मंत्री गणेश जोशी से क्वारबन पुल को लेकर सवाल पूछा गया। उन्होंने जवाब देते हुए कहा कि विधायक मयूख महर ने इस मामले में फोन किया था। उनसे वार्ता हुई। कहा कि सड़क का अनियोजित तरीके से निर्माण कर पुल निर्माण में बाधक बनने वाले जिम्मेदारों के खिलाफ कार्रवाई होगी।

बोलीं बुजुर्ग महिलाएं
उम्र के अंतिम पड़ाव में गांव तक वाहन पहुंचने का सपना पूरा नहीं हो सका है। गर्भवतियां पैदल सफर कर अस्पताल पहुंच रही हैं। इस दर्द को देखने वाला कोई नहीं है। ऐसे में मुझे भी पुल निर्माण की मांग पर धरने पर बैठना पड़ा है। - राधिका देवी, 90 वर्ष
ग्रामीणों के साथ ही बीमारों और गर्भवतियों की परेशानी को अनदेखा किया गया है। बगैर पुल के सड़क पर वाहन कैसे चलेंगे इतना तो सभी को सोचना चाहिए। अब तक पुल नहीं बन सका है। मजबूरन मुझे भी धरने पर बैठना पड़ा है। - जानकी देवी, 75 वर्ष
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