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Uttarkashi News: दो कमरों में संचालित हो रहा आयुर्वेदिक चिकित्सालय
संवाद न्यूज एजेंसी, उत्तर काशी
Updated Wed, 26 Nov 2025 05:54 PM IST
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नौगांव (उत्तरकाशी)। प्रदेश सरकार पहाड़ों में स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर कितनी गंभीर है। इसका अंदाजा साढ़े चार दशक पहले नौगांव ब्लॉक के बलाड़ी गांव में खुला राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय से लगा सकते हैं। सरकार ने 1982 में यहां अस्पताल तो खोल दिया लेकिन साढ़े चार दशक बाद भी भवन बनाना तो दूर जमीन तक नहीं तलाश पाया।
नौगांव ब्लॉक के बलाड़ी गांव में स्थित आयुर्वेदिक चिकित्सालय पिछले साढ़े चार दशक से एक भवन के दो कमरों में संचालित हो रहा है। दीवार पर चस्पा अस्पताल का साइन बोर्ड अब आवासीय भवन की शोभा बढ़ा रहा है जिससे अस्पताल के खोलने को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं। राजकीय आयुर्वेदिक अस्पताल खोलने का उद्देश्य लोगों का आयुर्वेदिक पद्धति से स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करना है जिस गांव में अस्पताल संचालित हो रहा है वह विकासखंड का सबसे कम आबादी वाला गांव है जिसकी जनसंख्या करीब दो से ढाई सौ है।
जिला आयुर्वेदिक चिकित्साधिकारी डॉ. रतनमणि भट्ट का कहना है कि चिकित्सालय के लिए दान नामे की करीब दो नाली जमीन की आवश्यकता है जो उपलब्ध नहीं हो पा रही है। इससे जनपद में अभी भी 20 चिकित्सालय किराये के भवन में चल रहे हैं। संवाद
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नौगांव ब्लॉक के बलाड़ी गांव में स्थित आयुर्वेदिक चिकित्सालय पिछले साढ़े चार दशक से एक भवन के दो कमरों में संचालित हो रहा है। दीवार पर चस्पा अस्पताल का साइन बोर्ड अब आवासीय भवन की शोभा बढ़ा रहा है जिससे अस्पताल के खोलने को लेकर सवाल खड़े हो रहे हैं। राजकीय आयुर्वेदिक अस्पताल खोलने का उद्देश्य लोगों का आयुर्वेदिक पद्धति से स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करना है जिस गांव में अस्पताल संचालित हो रहा है वह विकासखंड का सबसे कम आबादी वाला गांव है जिसकी जनसंख्या करीब दो से ढाई सौ है।
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जिला आयुर्वेदिक चिकित्साधिकारी डॉ. रतनमणि भट्ट का कहना है कि चिकित्सालय के लिए दान नामे की करीब दो नाली जमीन की आवश्यकता है जो उपलब्ध नहीं हो पा रही है। इससे जनपद में अभी भी 20 चिकित्सालय किराये के भवन में चल रहे हैं। संवाद