बीते शुक्रवार की रात आसमान से बरसी आफत की बारिश अब तक की सबसे विनाशकारी बारिश साबित हुई है। मूसलाधार बारिश एवं पहाड़ी झरनों से आए पानी के सैलाब ने रोहतास जिले के दर्जनों गांवों को जलमग्न कर दिया है। हर तरफ हाहाकार मचा है और इन गांवों तक जाने वाला मार्ग भी पूरी तरह अवरुद्ध हो गया है। खासकर तिलौथू प्रखंड एवं कैमूर पहाड़ी की तलहटी में बसे दर्जनों गांव इस तबाही की चपेट में हैं। हालांकि जिला प्रशासन एवं एसडीआरएफ की टीम द्वारा लगातार लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला जा रहा है और बारिश की संभावना एवं सोन नदी के बढ़ते जल स्तर पर भी नजर रखी जा रही है। मूसलाधार बारिश के कारण तिलौथू प्रखंड एवं सोन तटीय क्षेत्रों के चटनी बीघा, रेडिया, भीषडा, कोडर, रकियान, शिवपूर, चंदनपुरा, सैना, बहेरा समेत कई गांव बाढ़ की चपेट में है और चारों तरफ पानी हीं पानी दिख रहा है। इतना हीं नहीं इन इलाकों में काफी संख्या में कच्चे मकान व पेड़ भी गिर गए हैं तथा गांव का मुख्य मार्ग अवरुद्ध हो चुका है। सभी सरकारी विद्यालय जलमग्न है और फसल पूरी तरह बर्बाद हो गई है। वहीं भारी बारिश के कारण आई बाढ़ से तिलौथू प्रखंड में एक चेकडैम ध्वस्त हो गया, जिससे पूरे इलाके में बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई। इसके अलावा जिले में लगातार बारिश की वजह से पहाड़ी झरनों ने भी रौद्र रूप ले लिया है। तुतला भवानी वॉटरफॉल, मांझर कुंड समेत कई झरने उफान पर हैं और पानी के सैलाब से पर्यटकों के लिए बनाए गए सेड, सुरक्षा रेलिंग, पुल आदि को काफी नुकसान पहुंचा है। साथ हीं कई नहरों के तटबंध भी टूट गए हैं। वाणसागर एवं रिहंद जलाशय से छोड़े गए पानी के कारण सोन नदी का जलस्तर भी काफी बढ़ गया है। नौहटा, इंद्रपुरी एवं डेहरी के सोन तटीय इलाकों में प्रशासन ने हाई अलर्ट जारी किया है और वन विभाग ने पहाड़ी झरनों में आम लोगों के जाने पर रोक लगा दी है। डीएफओ स्टेलिन फिडल कुमार ने कहा कि रोहतास वन प्रमंडल के लगभग सभी झरनों में अत्यधिक पानी एवं बाढ़ की स्थिति उत्पन्न हो गई है। सुरक्षा के दृष्टिकोण से पहाड़ी झरनों पर अस्थाई रूप से रोक लगाई गई है और पर्यटकों से अपील है कि वे बाढ़ की स्थिति सामान्य होने तक किसी भी झरने या पहाड़ी इलाके की ओर न जाएं। वहीं आपदा प्रबंधन विभाग ने भी आम लोगों से नदी, नहर, जलाशय आदि सभी जल स्रोतों से दूर रहने, कमजोर आधारभूत संरचना के नीचे शरण ना लेने, तटीय इलाकों से नागरिक व मवेशियों को सुरक्षित स्थानों पर जाने आदि की अपील की है।
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