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जांजगीर चांपा में गाइडलाइन दरों में 10 से 100% बढ़ोतरी अनुचित, कांग्रेस का भाजपा सरकार पर हमला
जांजगीर चांपा में कांग्रेस पार्टी ने की प्रेस वार्ता कर प्रदेश सरकार द्वारा भूमि की गाईडलाइन दरों में की गई भारी बढ़ोतरी का तीखा विरोध किया। कांग्रेस नेताओं ने कहा कि गाईडलाइन की दरों में 10 से 100 प्रतिशत तक की बढ़ोतरी पूरी तरह अनुचित और अदूरदर्शी फैसला है। यह निर्णय प्रदेश में बेरोजगारी बढ़ाएगा, आर्थिक मंदी लाएगा और रियल स्टेट क्षेत्र की कमर तोड़ देगा।
कांग्रेस ने आरोप लगाया कि भाजपा सरकार आने के बाद भूमि की सरकारी दर 40 से 500 प्रतिशत तक बढ़ चुकी है, जो देश में कहीं भी देखने को नहीं मिलता। मुंबई, दिल्ली, पुणे, हैदराबाद जैसे बड़े महानगरों में भी गाईडलाइन दरें एक बार में केवल 10 से 15 प्रतिशत तक ही बढ़ाई जाती हैं, लेकिन छत्तीसगढ़ में एक ही साल में 130 से 500 प्रतिशत तक की उछाल कर दी गई है।
कांग्रेस ने बताया कि पहले सरकार ने कांग्रेस शासनकाल की 30% गाईडलाइन छूट खत्म कर जनता पर बोझ डाला, और अब सरकारी दरों में एक बार में 10-100 प्रतिशत की बढ़ोतरी कर दी। इससे भूमि की खरीदी-विक्री ठप हो जाएगी, निर्माण कार्य महंगे हो जाएंगे और आम आदमी का मकान बनाना बहुत कठिन हो जाएगा। कांग्रेस ने कहा कि पिछले सप्ताह सरकार ने निवेश क्षेत्रों में कृषि भूमि के रेट की गणना का तरीका बदलकर किसानों पर अतिरिक्त बोझ डाल दिया है। अब एक किसान को एक एकड़ जमीन बेचने पर शुरुआती 15,000 वर्गफीट पर वर्गफीट के हिसाब से स्टांप ड्यूटी देनी होगी, जिससे राजधानी और आसपास कृषि भूमि खरीदना बेहद महंगा हो गया है।
कांग्रेस ने उदाहरण देते हुए कहा कि 30 लाख की जमीन पर 22 लाख की स्टांप ड्यूटी लगाना एक "तुनकमिजाज और अव्यवहारिक निर्णय" है। कई क्षेत्रों में 6 लाख की जमीन पर 4.40 लाख रुपये तक रजिस्ट्री शुल्क देना पड़ रहा है। कई जगह तो रजिस्ट्री शुल्क जमीन की कीमत के बराबर या उससे भी अधिक हो गया है। ऐसे में गरीब आदमी अपना घर कैसे बनाएगा? जमीन खरीदी और रजिस्ट्री दोनों के लिए उसे कर्ज लेना पड़ेगा। कांग्रेस ने यह भी कहा कि सरकार पहले ही 5 डिसमिल से कम जमीन की रजिस्ट्री पर रोक लगाकर गरीबों को मकान निर्माण से वंचित कर चुकी है, अब नए फैसले उन्हें और अधिक संकट में डाल देंगे।
कांग्रेस का आरोप है कि सरकार के ये निर्णय किसानों, गरीबों और रियल स्टेट सेक्टर से जुड़े लाखों लोगों को परेशान करने के उद्देश्य से लिए गए हैं। कृषि के बाद सबसे अधिक रोजगार देने वाला रियल स्टेट सेक्टर इन फैसलों से पूरी तरह चरमरा जाएगा। कांग्रेस ने कहा कि उसकी सरकार ने 5 डिसमिल रजिस्ट्री शुरू की और गाईडलाइन दरों में 30% छूट देकर रियल स्टेट को पुनर्जीवित किया था, जिसके कारण कोरोना काल में भी छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था मजबूत रही। लेकिन वर्तमान सरकार के निर्णयों से बेरोजगारी बढ़ेगी, अर्थव्यवस्था कमजोर होगी और रियल स्टेट में भारी गिरावट आएगी।
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