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जशपुर में चप्पल पहनकर स्कूल जानें पर छात्रों को निकाला, लोयोला हायर सेकेंडरी स्कूल कुनकुरी का मामला
जशपुर में कुनकुरी के प्रतिष्ठित लोयोला हायर सेकेंडरी स्कूल में शनिवार को उस वक्त हंगामा खड़ा हो गया जब कुछ छात्रों को सिर्फ इसलिए स्कूल से बाहर निकाल दिया गया क्योंकि वे चप्पल पहनकर स्कूल आ गए थे। बारिश में जूते भीग जाने के कारण छात्र मजबूरी में चप्पल पहनकर पहुंचे थे, लेकिन प्रिंसिपल ने उन्हें कक्षा में नहीं बैठने दिया। बताते चलें कि यह वही स्कूल है जहां से छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने भी पढ़ाई की है। स्कूल की इस कार्यवाही से नाराज अभिभावकों ने इसे शिक्षा के अधिकार का उल्लंघन बताते हुए कार्रवाई की मांग की है। दरअसल, शुक्रवार को कई छात्र स्कूल से लौटते समय बारिश में भीग गए थे, जिससे उनके जूते पूरी तरह गीले हो गए।
शनिवार को जब वे चप्पल पहनकर स्कूल पहुंचे तो प्रिंसिपल फादर सुशील टोप्पो ने उन्हें स्कूल से बाहर निकाल दिया। छात्र हर्ष राम (कक्षा 9वीं) ने बताया, “हमारे जूते भीग गए थे इसलिए मजबूरी में चप्पल पहनकर आए थे, लेकिन हमें स्कूल के अंदर नहीं आने दिया गया।” वहीं अभिभावक विष्णु राम और श्रवण यादव ने प्रिंसिपल के इस रवैये को गैरजरूरी सख्ती बताया और कहा कि बच्चों की पढ़ाई से खिलवाड़ किया जा रहा है।
स्थानीय निवासी विश्वनाथ यादव ने भी इस मामले को गंभीर बताते हुए कहा कि बच्चों की शिक्षा छीनना किसी भी हाल में जायज नहीं है। इस पर प्रिंसिपल फादर सुशील टोप्पो का कहना है कि उन्होंने छात्रों से आवेदन लाने को कहा था, लेकिन बच्चे बिना कुछ कहे वापस चले गए। हालांकि, ब्लॉक शिक्षा अधिकारी (BEO) सी.आर. भगत ने प्रिंसिपल के व्यवहार को अनुचित बताते हुए कहा कि स्कूल शिक्षा का मंदिर है, यहां इस तरह की कठोरता बच्चों के अधिकारों का हनन है। उन्होंने मामले की जांच की बात भी कही है।
अधिवक्ता रामप्रकाश पाण्डेय ने प्रिंसिपल के ऐसे व्यवहार पर कहा कि ' शिक्षा का अधिकार कानून के तहत 6 से 14 वर्ष के बच्चों को शिक्षा से वंचित नहीं किया जा सकता। ऐसे में स्कूल प्रशासन का यह कदम न सिर्फ गैरकानूनी है बल्कि बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ भी है।' बहरहाल,अब देखना यह होगा कि जिला प्रशासन इस मामले में क्या कार्रवाई करता है।
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