खुद को सरकारी अधिकारी बताकर मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज होने का झांसा देकर ठगी करने वाले गिरोह ने एक व्यक्ति से 16.5 लाख रुपये ऐंठ लिए। रांझी थाना क्षेत्र में सामने आए इस मामले में जालसाजों ने खुद को टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (TRAI) का अधिकारी बताया और फर्जी एफआईआर का हवाला देकर पीड़ित को डरा-धमकाकर रकम ट्रांसफर करवा ली। पीड़ित की शिकायत पर पुलिस ने धोखाधड़ी का मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
रांझी पुलिस के मुताबिक, व्हीएफजे मड़ई बिहारी मोहल्ला निवासी 51 वर्षीय योगेन्द्र कुमार पटेल को 22 जुलाई को एक अज्ञात व्यक्ति ने फोन किया। कॉल करने वाले ने खुद को राजेश अग्रवाल बताते हुए कहा कि वह TRAI से बात कर रहा है। आरोपी ने दावा किया कि योगेन्द्र के आधार कार्ड से जारी एक सिम का दुरुपयोग हो रहा है, जिससे जुड़े अनैतिक कार्यों के कारण उनके खिलाफ मुंबई में एफआईआर दर्ज हुई है।
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कॉल के तुरंत बाद एक अन्य मोबाइल नंबर से व्हाट्सएप मैसेज और कॉल आई, जिसमें एफआईआर नंबर समेत अन्य फर्जी दस्तावेज साझा किए गए। आरोपी ने कहा कि इस सिम से 8 करोड़ रुपये की हेराफेरी हुई है और मामला मनी लॉन्ड्रिंग से जुड़ा है। उसने धमकी दी कि यदि जांच में सहयोग नहीं किया गया, तो योगेन्द्र और उनकी पत्नी को 10 साल की जेल हो सकती है।
डरे-सहमे योगेन्द्र ने जब समाधान पूछा तो आरोपी ने अलग-अलग बैंक खातों में पैसे जमा करने को कहा। इसके बाद योगेन्द्र ने अपनी पत्नी, रिश्तेदारों और परिचितों से पैसे लेकर कुल 16.5 लाख रुपये बताए गए खातों में ट्रांसफर कर दिए।
जब योगेन्द्र ने राशि वापस करने की मांग की तो आरोपी ने साफ इनकार कर दिया। तब जाकर उन्हें ठगी का अहसास हुआ और उन्होंने रांझी थाने में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने अज्ञात आरोपियों के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
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