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VIDEO : नोएडा सेक्टर 57 में हुआ अमर उजाला महिला इंडस्ट्री संवाद, विपरीत परिस्थिति और चुनौतियों को हराकर महिलाओं ने पकड़ी उद्यम की राह पर रफ्तार
नोएडा ब्यूरो
Updated Thu, 30 Jan 2025 10:55 PM IST
समाज में महिलाओं का स्थान हमेशा से एक चुनौतीपूर्ण मुद्दा रहा है। विशेषकर जब बात उधम की आती है, तो महिलाओं के सामने कई बाधाएं खड़ी हो जाती हैं। लेकिन हाल के वर्षों में महिलाओं ने इन चुनौतियों को पार कर उधमी बनने के रास्ते पर सफलता की नई ऊंचाइयों तक पहुंच रही हैं। आर्थिक स्वतंत्रता और समाज में सकारात्मक बदलाव के प्रतीक के रूप में महिला उधमी अब हर क्षेत्र में अपनी पहचान बना रही हैं। कुछ ऐसी ही सफल महिला उद्यमियों ने सेक्टर-57 नोएडा के ए-82 स्थित डाॅनसन कंपनी के सभागार में एमएसएमई इंडस्टि्रयल एसोसिएशन और अमर उजाला इंडस्ट्री संवाद के मंच पर सफलता की राह में आने वाली अड़चनों पर बातचीत के साथ मौजूदा चुनौतियों को लेकर बेबाक तरीके से अपनी बातों को साझा किया। जिसमें उद्यमी डॉक्टर शोभा धवन ममता राठौर, डॉक्टर सीमा भंडानी, डॉक्टर मनीषा सिंह समेत अन्य महिला उद्यमी शामिल रहीं। महिला उद्यमियों की बात- एक महिला के लिए कारोबारी राह आसान नहीं हैं। मैने कंपनी की नींव रखी तो मेरे विरोध में कई लोग खड़े हो गए। कई बार मेल पार्टनर नहीं होने के कारण डील, पक्की नहीं हो पाई। एक डॉक्टर होने के नाते मेरी राह और मुश्किलों से भरी रही। विपरीत हालात में आज मैं ऑटोमोबाइल सेक्टर की एक सफल उद्यमी हूं। - सरकारी स्तर पर अभी भी ट्रांसपोर्ट, सुरक्षा, बिजली आदि के कई मुद्दे हैं, जिसको लेकर आए दिन परेशानी रहती है। इसे दूर किया जाना चाहिए।- डॉक्टर शोभा धवन, मैं एक महिला के बावजूद उद्यमी बनने की राह पकड़ी। यह राह काफी मुश्किलों से भरी रही। मैंने हालात को हराकर सूट, साड़ी और जूलरी के क्षेत्र में किस्मत आजमाया।
इसके लिए रॉ मैटेरियल और बैंक से ऋण मिलने में कई मुश्किलें आई। आज भी महिला उद्यमी के लिए यह बड़ी चुनौती है। इस दिशा में प्रोत्साहन के लिए कदम उठाए जाने की जरूरत है।- रीना राना, उद्यमी। मेरी सेक्टर-10 में फैक्टरी हैं। वहां करीब पांच साल से काम कर रही हूं। कई बार बिजली, पानी, सीवर व सुरक्षा जैसे मुद्दों को लेकर प्राधिकरण व पुलिस के अधिकारियों से
शिकायतें की, लेकिन स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ। सुरक्षा इस सेक्टर में बड़ा मुद्दा है। इस दिशा में बेहतर कदम उठाना चाहिए।- श्रेया शर्मा, उद्यमी।
मैंने अपना उद्योग सेक्टर दस में लगाया है। सामाजिक व कारोबारी ताना बाना के बीच असुविधा ने आगे बढ़ने की राह में कई चुनौतियां खड़ी की। मैं इको फ्रेंडली पेपर बैग बनाती हूं। यहां आए दिन चोरी की घटनाएं होती हैं। बिजली की व्यवस्था भी ठीक नहीं हैं।- आकांक्षा चुग, उद्यमी। मैंने आर्गेनिक फर्म फयूचर फिट आर्गेनिक के नाम से अपना काम शुरू किया है। इसमें कई प्रकार की मुश्किलें आई हैं। पिछले साल की मेहनत की बदौलत दूसरे प्रदेशों में भी काम मिला। लेकिन स्थानीय स्तर पर बिजली, पानी जैसी बुनियादी सुविधाओं का ढांचा अभी नहीं सुधरा है।जिसके वजह से परेशानियां आती हैं। -मीना रावत, उद्यमी। मैं आटोमोबाइल कंपनी के लिए काम करती हूं। एनसीआर में सिंगल लेडी हूं जो ऑटोमोबाइल सेक्टर में काम कर रही हैं। इस क्षेत्र में बहुत कम महिला कर्मचारी मिलती हैं। कई बार ऑर्डर मिलने में दिक्कतों का सामना करना पड़ा। महिला होने के नाते लोगों ने विश्वास नहीं किया और आर्डर मेरे हाथ से निकल गया। इस दिशा में जागरूकता और सहयोग की अपेक्षा है।- अनीता मिश्रा, उद्यमी।
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