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Sex ratio in Bhiwani has declined compared to last year, health department officials are assuming illegal activities
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भिवानी में लिंगानुपात में आई पिछले साल के मुकाबले गिरावट, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी अवैध गतिविधियां मान रहे
अब लाडो के प्रदेश हरियाणा में बेटों के मुकाबले पिछले साल की अपेक्षा बेटियां कम हो गई हैं। अकेले भिवानी जिला में पिछले साल एक हजार लड़कों के मुकाबले इस साल 33 लड़कियां कम हो गई हैं। यह बेहद चिंताजनक आंकड़ा है। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग भी अब लड़कों के मुकाबले कम हो रही लड़कियों के आंकड़ों पर मंथन करते हुए इसकी मुख्य वजह जिले में भ्रूण जांच, गर्भपात और एमटीपी कीट की अवैध गतिविधियां ज्यादा होना मान रहा है। इसी के चलते स्वास्थ्य विभाग ने भी अब ऐसी गतिविधियों पर लगाम लगाने के लिए आम लोगों को आगे आने का आह्वान किया है। वहीं स्वास्थ्य विभाग को कोख में ही बेटियों के कातिलों की सूचना देने वाले को दस हजार रुपये ईनाम देने का भी मन बनाया है वहीं उसका नाम भी गुप्त रखा जाएगा।
भिवानी जिले में पिछले साल एक हजार लड़कों के मुकाबले 947 लड़कियां दर्ज गई थी। जबकि इस साल एक हजार लड़कों के मुकाबले 914 लड़कियां रह गई हैं। यानी पिछले साल की तुलना में एक हजार लड़कों पर 33 लड़कियां कम हो गई हैं। लड़का और लड़कियों के लिंगानुपात के बीच यह बहुत बड़ा फासला हैं, जिसकी वजह से लड़कियों की संख्या बेहतद चिंताजनक स्थिति में पहुंच रही है। हालांकि स्वास्थ्य विभाग और हरियाणा सरकार बेटी बचाओ और बेटी पढ़ाओ की मुहिम के अलावा लिंगानुपात में सुधार के लिए अनेक योजनाएं भी चला रही हैं, जिससे आम जनता को जोड़ने का प्रयास भी किया जा रहा है। लेकिन बेटियों के प्रति अब भी लोगों की रुढि़वादी मानसिकता में ज्यादा बदलाव नहीं आ रहा है। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग भी लगातार जिले में घट रहे लिंगानुपात को लेकर चिंता जाहिर करने के साथ-साथ लिंगानुपात में बढ़ोतरी के लिए भी पहले से अधिक बेहतर प्रयासों में जुट गया है। पीएचसी, सीएससी से लेकर सब डिविजन अस्पतालों के अलावा आंगनबाड़ी केंद्रों तक में लड़कियों की घटती तादाद को बढ़ाने के लिए गर्भवती महिलाओं की भी निगरानी रखी जा रही है।
जिले में 16 अधिकृत केंद्रों पर ही एमटीपी कीट की होगी बिक्री
स्वास्थ्य विभाग ने जिले में 16 अधिकृत केंद्रों पर एमटीपी कीट बिक्री की स्वीकृति दी है। इसके लिए पांच सदस्यीय कमेटी का भी गठन किया गया है। ये कमेटी हर सप्ताह इन अधिकृत केंद्रों की निगरानी करेगी और यह भी सुनिश्चित करेगी कि नियम के अनुसार एमटीपी कीट की बिक्री हुई है या नहीं। ये कमेटी एक माह के बाद उपायुक्त को अपनी रिपोर्ट सौंपेंगी। यह प्रक्रिया हर माह अपनाई जाएगी। इस कमेटी में मुख्य चिकित्सा अधिकारी, ड्रग कंट्रोलर, पुलिस अधीक्षक, महिला एवं बाल विकास अधिकारी और सुचना एवं जनसंपर्क अधिकारी शामिल हैं।
जिले में गैर कानूनी गर्भपात हुआ तो कमेटी होगी जिम्मेदार
स्वास्थ्य विभाग द्वारा गठित पांच सदस्यीय कमेटी के संबंधित अधिकारियों की जवाबदेही भी तय की गई है। अगर जिले में गैर कानूनी गर्भपात होता है तो संबंधित कमेटी अधिकारी ही इसके लिए जिम्मेदार और जवाबदेह होंगे। हालांकि जिले में अवैध रूप से चल रहे अल्ट्रासाउंड केंद्रों और मेडिकल स्टोरों पर भी कमेटी द्वारा निगरानी रखी जा रही है। अभी तक भिवानी जिले में गैर कानूनी गर्भपात का कोई मामला भी उजागर नहीं हुआ है।
सूचना देने वाले को मिलेगा दस हजार का ईनाम: डॉ रघुवीर शांडिल्य
जिले में लिंगानुपात में काफी गिरावट दर्ज की गई है। जिसमें एक हजार लड़कों के मुकाबले सिर्फ 914 लड़कियां रह गई हैं। जबकि पिछले साल एक हजार के अनुपात में ये आंकड़ा 947 दर्ज किया गया था। जिले में लिंग भ्रूण जांच, एमटीपी कीट की अवैध बिक्री कहीं पर हो रही है तो इसकी सूचना स्वास्थ्य विभाग को दी जा सकती है। या मुझे भी इसकी जानकारी दे सकते हैं। सूचना देने वाले का नाम गुप्त रखा जाएगा और उसे दस हजार रुपये का ईनाम दिया जाएगा। लिंगानुपात में समानता लाने के लिए स्वास्थ्य विभाग जागरूकता और धरातल पर प्रभावी ढंग से काम कर रहा है। -डॉ रघुवीर शांडिल्य सिविल सर्जन भिवानी।
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