बाबा महाकाल की नगरी में आकर हमेशा अच्छा लगता है। मैं खुद को बहुत भाग्यशाली मानती हूं कि मुझे बार-बार बाबा महाकाल के दर्शन का अवसर मिलता है। बाबा महाकाल स्वयं मुझे आशीर्वाद देने के लिए बुला लेते हैं। यह बात इस्कॉन मंदिर द्वारा आयोजित धार्मिक आयोजनों में शामिल होने आईं युवा भजन गायिका मैथिली ठाकुर ने मीडिया से कही।
मैथिली ने कार्यक्रम की शुरुआत में अपनी भक्ति संगीत प्रस्तुतियों से भक्तों को मुग्ध कर दिया। उन्होंने मुक्ताकाशी मंच से प्रस्तुति दी और इसके बाद मीडिया से बातचीत में कुछ सवालों के जवाब भी दिए। इस दौरान उन्होंने कहा, उज्जैन के लोगों का प्यार मैं कभी नहीं भूल सकती। यहां के लोग बहुत सरल और प्रेमी स्वभाव के हैं।
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युवा धर्म से जुड़ रहे
मैथिली ठाकुर ने कहा कि आजकल के युवा इंटरनेट के माध्यम से भजन सुनने और सीखने में रुचि ले रहे हैं, जिससे धार्मिक आयोजनों में उनकी भागीदारी भी बढ़ रही है। उत्तर प्रदेश में कथावाचकों के बीच चल रहे विवाद पर टिप्पणी करते हुए उन्होंने कहा, भगवान को स्मरण करने का अधिकार सभी को है। भक्ति का मार्ग सबके लिए खुला है।
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जड़ों की ओर लौट रही नई पीढ़ी
सोशल मीडिया की रील्स के प्रति युवाओं के बढ़ते आकर्षण पर मैथली ने कहा, "पिछले कुछ वर्षों से नई पीढ़ी अपनी जड़ों की ओर लौट रही है। धार्मिक कार्यक्रमों में रुचि ले रही है। यदि ऐसा न होता तो मेरे इतने अधिक फॉलोअर्स नहीं होते। मैथली ने बताया कि उन्होंने रामचरितमानस का गहराई से अध्ययन किया है और अब जब भी समय मिलता है, भागवत कथा का अध्ययन करती हैं। हमारे सभी धर्मग्रंथों में मानवता और जनकल्याण की प्रेरणा दी गई है। युवाओं को इन ग्रंथों का अवश्य अध्ययन करना चाहिए।