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Farmers' meeting in Tohana, Fatehabad; demands raised for fertilizer, drainage of waterlogging, compensation for damaged crops and MSP rates
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फतेहाबाद के टोहाना में किसान सभा; खाद दिलाने, जलभराव निकासी, बर्बाद फसलों के मुआवजा और एमएसपी रेट की मांग उठाई
अखिल भारतीय किसान तहसील कमेटी द्वारा राज्य कमेटी के आह्वान पर तहसील सचिव केवल सिंह की अध्यक्षता में तहसीलदार सन्नी दलाल के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा है। इस दौरान जिला उपप्रधान जगतार सिंह, कोषाध्यक्ष बलविंद्र सिंह धारसूल, तहसील उपप्रधान हमीद खां समैन, सहसचिव मुंशीराम बुआन, सहसचिव कुलबीर सिंह रैहनवाली, सैंसी दहिया अकांवाली, सेवा सिंह पूर्णमाजरा, पंजाब सिंह, रामफल सिंह तलवाडा, दया सिंह, होशियारदीन, कर्मवीर, हकीम खां टोहाना हुए शामिल।
कोषाध्यक्ष बलविंदर सिंह ने बताया कि जिले में किसान इलाके के अनुसार अलग अलग किस्म की फसलें उगाते हैं, जहां एक हिस्से मे धान लगाते जबकि दूसरा बड़ा हिस्सा सेम से प्रभावित है। किसानों द्वारा मजबूरी में धान बोया जाता है जबकि भुना के गोरखपुर से लेकर भट्टू कलां का ज्यादातर हिस्सा में कपास मुंगफली धान ग्वार बोया हुआ था जो सेम व बरसात से हुए जल भराव से लगभग बर्बाद हो गया है।
किसान का कुछ हिस्सा जो बचा है, उसका सही भाव नहीं मिलने से किसान लगातार कर्ज की गर्त में फसता जा रहा है। अब हालात ये हैं कि अगली फसल बोने में कठिनाई आने वाली है, अधिक बरसात के कारण धान की फसल को भी भारी नुक्सान हुआ है, जिससे गुणवत्ता में गिरावट आई है जिसमें कई तरह के रोग जैसे बोना रोग, डोडी रोग से भारी नुकसान है।
किसान सभा ने मांग करते हुए कहा कि अगली बिजाई के लिए बिना कोई शर्त के किसानों को डीएपी खाद का तुरंत कोपरेटिव सोसाईटी के माध्यम से देने के फौरन प्रबंध किए जाएं। ब्लैक मार्केटिंग, खाद के साथ जबरन अन्य सामान देने वाले डीलरो व अधिकारियों पर अंकुश लगाया जाए।
धान, नरमा, कपास, मुंगफली व बाजरा की खरीद एम एस पी रेट पर खरीद की जाए व धान में 22 फीसदी नमी सीमा तय की जाए। टोहाना तहसील के भीमेवाला गांव सहित जिला में बरसात से हुए जलभराव से खेतों में जमा पानी की तुरंत निकासी की जाए व निकासी का स्थाई समाधान किया जाए। खराब फसलों का प्रति एकड़ 50 हजार रुपए मुआवजा बिजाई से पहले दिया जाए। उन्होंने कहा कि बरसात से हुई मृत्यु मुआवजा 10 लाख व गिरे मकान का पुन्य निर्माण के लिए 4 लाख व रिपेयर के लिए 2 लाख रु दिए जाएं।
पराली जलाने पर किसानों पर मुकदमे दर्ज करने की बजाय, पराली प्रबंधन के लिए किसान को कम से कम 5 हजार रुपए प्रति एकड़ सहायता दी जाए । समस्याओ पर तुरंत कार्रवाई न करने पर किसान सभा ने आंदोलन तेज करने का निर्णय लिया है।
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