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Farmers in Hisar are furious over not receiving compensation for crops damaged by waterlogging
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हिसार में जलभराव से खराब हुई फसलों का मुआवजा नहीं मिलने से किसानों में भारी रोष
भारी बरसात के कारण अगस्त महीने से ही खेत पूरी तरह से पानी में डूबे हुए हैं। पिछले तीन महीने से खेतों में भरे पानी की निकासी के लिए अब भी प्रयास नहीं किए जा रहे। बागों में लगे पौधे जलकर खराब हो गए।खेतों में पानी भरने से फसलें खराब हो गई। सरकार ने सर्वे करवाकर जल्द मुआवजा देने का आश्वासन दिया था। अब तक सर्वे नहीं हुआ। ना ही किसानों को मुआवजा मिल पाया है।
जिस कारण किसानों की आर्थिक हालत पूरी तरह से खराब हो रही है। गांव रायपुर, शिकारपुर, मिर्जापुर, ढाणी, न्याणा, खोखा, खरकड़ी, धांसू व सुलखनी के किसान 9 नवंबर रविवार को हिसार में प्रदर्शन करेंगे। किसान ‘‘ फांसी ’’ के रस्सों के साथ राज्य सरकार से आत्महत्या की अनुमति मांगेंगे।
किसान नेता बलवान सुंडा ,रामकुमार सैनी ने बताया कि भारी बरसात के कारण हुए जलभराव से हजारों एकड़ कृषि भूमि, बागवानी, बीपीएल कालोनी व गांव की बस्तियां जलमग्न हो चुकी हैं। खेतों में खड़ी धान, कपास व बाजरा की फसल तथा बाग पूरी तरह से समाप्त हो गए हैं। सरकार को किसानों को हुए नुकसान अभी तक दिखाई नहीं दिया है। यही नहीं खेतों व ढाणियोंं से जलनिकासी भी अब तक नहीं करवाई गई है।
इसको लेकर बार बार मुख्यमंत्री, मंत्री, कृषि व बागवानी विभाग के अधिकारियों को अवगत भी करा दिया गया है। परंतु अभी तक नुकसान के आंकलन के लिए किसी प्रकार के सर्वे व मुआवजे की कार्रवाई नहीं की गई है।
किसानों ने बड़ा कदम उठाने का निर्णय लिया है। इसके तहत 9 नवंबर रविवार को सुबह 11 बजे मिर्जापुर रोड पर किसान पेट्रोल पंप के नजदीक स्थित रामकुमार सैनी उर्फ फोरमैन के प्रतिष्ठान पर रायपुर, शिकारपुर, ढाणी, न्याणा, मिर्जापुर, खोखा, खरखड़ी, धांसु, सुलखनी आदि गांवों के किसानों की बैठक बुलाई गई है। किसान 9 नवंबर रविवार को ‘‘फांसी’’ के रस्सों के साथ राज्य सरकार से आत्महत्या करने की अनुमति मांगेंगे।
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