{"_id":"68bd6d60fabbe1c9b304bf82","slug":"video-former-cm-bhupinder-singh-hooda-demand-compensation-to-farmers-2025-09-07","type":"video","status":"publish","title_hn":"रोहतक: पोर्टल का झंझट खत्म कर स्पेशल गिरदावरी कर तुरंत मुआवजा दे सरकार : भूपेंद्र सिंह हुड्डा","category":{"title":"City & states","title_hn":"शहर और राज्य","slug":"city-and-states"}}
रोहतक: पोर्टल का झंझट खत्म कर स्पेशल गिरदावरी कर तुरंत मुआवजा दे सरकार : भूपेंद्र सिंह हुड्डा
रोहतक ब्यूरो
Updated Sun, 07 Sep 2025 05:02 PM IST
Link Copied
पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा का कहना है कि प्रदेश सरकार पोर्टल का झंझट खत्म करके स्पेशल गिरदावरी करवाकर किसानों को तुरंत 60 हजार रुपये प्रति एकड़ मुआवजा दे। लगातार दूसरे दिन पूर्व मुख्यमंत्री रविवार को महम खंड के नौ तो कलानौर खंड के पांच गांवों में खुद ट्रैक्टर चलाकर पहुंचे। साथ में महम विधायक बलराम दांगी, रोहतक शहर विधायक बीबी बतरा व कलानौर विधायक शकुंतला खटक भी मौजूद रही।
हुड्डा ने कहा कि प्रदेश सरकार कई साल से मुआवजा देने की बजाए पोर्टल-पोर्टल खेल रही है। इस व्यवस्था के चलते किसी भी आपदा से पीड़ित 90 प्रतिशत लोगों को मुआवजा ही नहीं मिल पाता। जो इक्का-दुक्का किसानों को मिलता है, उसमें भी कई-कई माह लग जाते हैं। इसीलिए कांग्रेस और तमाम पीड़ितों की मांग है कि पोर्टल के झंझट छोड़कर सीधे किसानों को आर्थिक मदद पहुंचाई जाए।
खुद ट्रैक्टर चलाकर जलभराव से प्रभावित महम के गांव बहलबा, भैणी भैरो, भैणी मातो, भैणी महाराजपुर, भैणी सुरजन, सैमाण, बेडवा, फरमाणा चंद्रपाल और कलानौर खंड के गांव आंवल, गढ़ी, निगाना, कटेसरा व गुढ़ान के जलभराव से प्रभावित खेतों में पहुंचे पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि खेतों में खड़ी पूरी फसल तो बर्बाद हुई ही है और जलभराव को देखते हुए आने वाली फसल की उम्मीद भी नजर नहीं आ रही। इसलिए किसानों को कम से कम 60-70 हजार रुपये प्रति एकड़ का मुआवजा मिलना चाहिए। साथ ही सरकार को लोगों के मकानों, दुकानों व अन्य इमारतों को हुए नुकसान की भरपाई के लिए भी मुआवजा देना चाहिए। उन्होंने मांग की कि केंद्र सरकार को भी बाढ़ प्रभावित हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश के लिए राहत पैकेज का ऐलान किया जाए।
भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने बताया कि जब 1995 में ऐसी ही बाढ़ आई थी तो वो खुद तत्कालीन प्रधानमंत्री को हरियाणा लेकर आए थे। उस समय कांग्रेस सरकार ने किसानों को फसलों के साथ खेत के कोठड़े, ट्यूबवैल, तमाम मकानों और दुकानों समेत प्रत्येक नुकसान का मुआवजा दिया था। लेकिन मौजूदा सरकार पराली जलाने का केस तो सैटेलाइट से देखकर दर्ज कर देती है और जब मुआवजा देने की बारी आती है तो किसानों को पोर्टल के हवाले कर दिया जाता है। उन्होंने कहा कि भाजपा ने पोर्टल को अपनी जिम्मेदारी से भागने और मुआवजे में देरी का जरिया बना लिया है।
हुड्डा ने बताया कि बीजेपी सरकार ने ना वक्त रहते नहरों की सफाई की गई और न ही शहरों में सीवरेज की, न ही तटबंधों को मजबूत किया गया। न ही जल निकासी के लिए कोई रास्ता बनाया गया। यही वजह है कि बारिश शुरू होते ही गली, सड़क, गांव, शहर और खेत तालाब में तब्दील हो गए। उन्होंने कहा कि ये बाढ़ सिर्फ प्रकृति की मार नहीं है बल्कि भाजपा सरकार की नाकामी का परिणाम भी है।
एड फ्री अनुभव के लिए अमर उजाला प्रीमियम सब्सक्राइब करें
Next Article
Disclaimer
हम डाटा संग्रह टूल्स, जैसे की कुकीज के माध्यम से आपकी जानकारी एकत्र करते हैं ताकि आपको बेहतर और व्यक्तिगत अनुभव प्रदान कर सकें और लक्षित विज्ञापन पेश कर सकें। अगर आप साइन-अप करते हैं, तो हम आपका ईमेल पता, फोन नंबर और अन्य विवरण पूरी तरह सुरक्षित तरीके से स्टोर करते हैं। आप कुकीज नीति पृष्ठ से अपनी कुकीज हटा सकते है और रजिस्टर्ड यूजर अपने प्रोफाइल पेज से अपना व्यक्तिगत डाटा हटा या एक्सपोर्ट कर सकते हैं। हमारी Cookies Policy, Privacy Policy और Terms & Conditions के बारे में पढ़ें और अपनी सहमति देने के लिए Agree पर क्लिक करें।