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Ghaggar's havoc continues in Sirsa; Kutcha embankments started giving up, administration on high alert mode
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सिरसा में घग्गर का कहर जारी; कच्चे तटबंध देने लगे जवाब, प्रशासन हाईअलर्ट मोड पर
घग्गर का जलस्तर निरंतर बढ़ने के कारण प्रशासन हाई अलर्ट मोड पर आ गया है। कच्चे तटबंध बचाने वाले किसानों को अब दूर रहने की सलाह दी जा रही है, क्योंकि जलस्तर बढ़ने से कच्चे तटबंध कई जगहों से टूट चुके है।
जहां शुक्रवार को गांव झोरड़नाली के पास कच्चा तटबंध टूट गया था, वहीं देर रात को गांव खैरेकां के पास कच्चा तटबंध टूटा और 50 एकड़ फसल जलमग्न हो गई। इसी तटबंध के साथ ही सिद्धूमुख माइनर को पानी छोड़ा जाता है, ऐसे में प्रशासन इस माइनर से पानी को रोकना जरूरी हो गया है, वरना शहर की ओर व रेलवे की पटरियों पर जलभराव देखने को मिलेगा।
इसलिए प्रशासन हाई अलर्ट मोड पर आ गया है और सभी पक्के तटबंधों पर 500 से ज्यादा मनरेगा मजदूरों को लगाकर मजबूत करने में जुट गया है। 50 के आसपास जेसीबी , पोकलेन और 500 के आसपास ट्रेक्टर ट्रालियां इस काम में लगी हुई है। कच्चे तटबंधों के टूटने के साथ गांवों व शहर को बचाने की दिशा में प्रशासन का काम तेजी से शुरू हो गया है।
सिरसा में हिसार घग्घर ड्रेन सेमनाला टूटा, 60 फुट कटाव, 200 एकड़ में फसल डूबी
ऐलनाबाद क्षेत्र के चोपटा के गांव मोडिया खेड़ा में हिसार घग्घर ड्रेन शनिवार अलसुबह चार बजे अचानक टूट गई। इससे 100 फुट कटाव होने से पानी तेजी से खेतों की तरफ बहने लगा। तक नरमा व धान की 250 एकड़ फसल डूब चुकी है। वही दस ढाणियों में पानी भरने लगा है। सेमनाला के टूटने की ग्रामीणों ने जिला प्रशासन को सूचना दी।
सूचना मिलते ही सिंचाई विभाग व जिला प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंच गये। वहीं डेरा सच्चा सौदा की टीम भी मौके पर कटाव को पाटने के लिए पहुंची है। बता दें कि इस ड्रेन के टूटने की पहले से उम्मीद जताई जा रही थी और उपायुक्त ने भी शुक्रवार को इस एरिया का दौरा किया था। यह ड्रेन दो दिनों से ओवरफ्लो थी और पहले गांव नाथूसरी कलां के ओवरफ्लो हो गई थी। इसी कारण गांव गुडिया खेड़ा में भी दो बार लीकेज हो चुकी है।
10 किलोमीटर घग्गर के दोनों ओर तटबंध करने होंगे मजबूत
घग्गर के दोनों ओर कच्चे बांध लगातार टूट रहे है। ऐसे में गांवों को बचाने के लिए दोनों ओर 10-10 किलोमीटर के पक्के बांधों को मजबूत करना होगा।
तभी गांव अहमदपुर, मीरपुर, खैरेकां, बनसुधार, झोरड़नाली, केलनिया, बुढ़ाभाणा, मल्लेवाला, नेजाडेला, सहारणी आदि गांवों को बचाया जा सकता है। यदि गांव झोरड़नाली में गिरे पुल की स्थिति आज दुरुस्त नहीं होती है तो रानियां क्षेत्र में आने वाले कई गांवों पर बाढ़ का खतरा पैदा हो जाएगा। शुक्रवार को पुरी रात लोगों ने जागकर घग्गर के तटबंध पर झोऱडनाली के ग्रामीणों ने गुजारी थी।
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