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दरब्यार पंचायत में खराब सरकारी सीमेंट ले जाते टिपर को ग्रामीणों ने रोका, बीडीओ कार्यालय से माैके पर पहुंचे कर्मी
पंचायत दरब्यार ग्राम पंचायत में मंगलवार को उस समय हड़कंप मच गया जब ग्रामीणों ने सरकारी सीमेंट से भरे एक टिपर को गांव के बीच सड़क पर रोक लिया। यह टिपर पंजोत से कुणाह खड्ड की ओर जा रहा था। ग्रामीणों को टिपर की गतिविधि पर शक हुआ, जिसके बाद उन्होंने वाहन को रुकवाकर चालक से सीमेंट ले जाने के बारे में पूछताछ की। चालक सीमेंट के बारे में संतोषजनक जवाब नहीं दे पाया। ग्रामीणों की ओर से जब सीमेंट के बैग की जांच की गई तो पाया गया कि सीमेंट पूरी तरह से सेट हो चुका था और उपयोग के लायक नहीं था। इससे ग्रामीणों को आशंका हुई कि खराब सीमेंट को खड्ड में दबाने या ठिकाने लगाने के लिए ले जाया जा रहा है। मामले की गंभीरता को देखते हुए ग्रामीणों ने इसकी सूचना तुरंत बीडीओ कार्यालय टौणीदेवी को दी। सूचना मिलते ही बीडीओ कार्यालय से टीए प्रवीण कुमार और जेई राजेश वर्मा मौके पर पहुंचे। अधिकारियों ने मौके पर पहुंचकर सीमेंट की जांच की और उसे खराब पाया। मौके पर मौजूद पंचायत सचिव अश्वनी कुमार ने बताया कि दरब्यार गांव के एक रास्ते के निर्माण के लिए करीब दस माह पूर्व सीमेंट के 80 बैग स्वीकृत किए गए थे। इनमें से लगभग 20 बैग रास्ते के कार्य में उपयोग हो चुके थे। हालांकि, आपसी खींचतान और विवादों के चलते रास्ते का निर्माण कार्य बीच में ही बंद हो गया। पंचायत सचिव के अनुसार, लगभग दस माह बीत जाने के बाद पंचायत द्वारा इस सीमेंट को किसी अन्य स्थान पर उपयोग करने का प्रस्ताव हाल ही में डाला गया था, लेकिन मौके पर मौजूद सीमेंट पूरी तरह से खराब अवस्था में पाई गई।
जांच के दौरान बीडीओ कार्यालय के कर्मचारियों ने पाया कि 45 बैग खराब सीमेंट टिपर में लदे हुए थे, जबकि शेष 15 बैग न तो किसी निर्माण कार्य में लगे पाए गए और न ही पंचायत के स्टोर में मौजूद थे। इन 15 बैग का कोई स्पष्ट रिकॉर्ड या जानकारी नहीं मिल पाई, जिससे मामले को लेकर संदेह और गहरा गया है। ग्रामीणों ने पूरे मामले की निष्पक्ष जांच की मांग करते हुए दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है। वहीं, बीडीओ कार्यालय के अधिकारियों ने मामले की रिपोर्ट उच्च अधिकारियों को भेजने और आवश्यक कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
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