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Una Gram Sabha organized in Panchayat Dhusara villagers expressed displeasure over the new BPL guidelines
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Una: पंचायत धुसाड़ा में ग्राम सभा का आयोजन, नई बीपीएल गाइडलाइन को लेकर ग्रामीणों ने जताई नाराजगी
पंचायत धुसाड़ा में शनिवार को आयोजित ग्राम सभा में नई बीपीएल (गरीबी रेखा से नीचे) सर्वेक्षण नीति को लेकर ग्रामीणों में गहरी नाराजगी देखने को मिली। सभा में पंचायत सचिव ने जानकारी दी कि सरकार की नई गाइडलाइन के अनुसार पंचायत क्षेत्र में केवल एक ही परिवार को बीपीएल के लिए पात्र पाया गया है, जबकि पहले यह संख्या 105 परिवारों की थी। इनमें से 4 परिवारों ने स्वयं ही अपना नाम सूची से हटवाया था। सभा में पंचायत प्रधान निरु बाला ने स्पष्ट किया कि पूर्व में बीपीएल परिवारों का चयन गांव की आम राय से होता था, लेकिन अब यह प्रक्रिया पूरी तरह सरकारी रिपोर्टों—जैसे कि पंचायत सचिव, पटवारी और आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं की संस्तुति—पर आधारित हो गई है। उन्होंने कहा कि यह प्रणाली जमीनी हकीकत से मेल नहीं खा रही है और असली जरूरतमंद इससे वंचित हो रहे हैं। प्रधान ने उदाहरण देते हुए कहा कि यदि कोई विधवा महिला है जिसके पास एक पक्का कमरा है लेकिन परिवार में कोई कमाने वाला नहीं है, तो उसे बीपीएल सूची में शामिल किया जाना चाहिए। उन्होंने सरकार से मांग की कि बीपीएल चयन प्रक्रिया में लचीलापन लाया जाए, जिससे असल गरीबों को लाभ मिल सके। प्रधान निरु बाला ने यह भी कहा कि सरकार को शिक्षा व स्वास्थ्य जैसी मूलभूत सुविधाएं गरीब वर्ग के लिए पूर्णतः नि:शुल्क करनी चाहिए ताकि समाज के कमजोर वर्ग को राहत मिल सके। वहीं उपप्रधान सहदेव ने भी सरकार की नई बीपीएल नीति को गरीब विरोधी बताते हुए इसे जल्द से जल्द वापस लेने की मांग की। सभा में मौजूद अन्य ग्रामीणों ने भी एक सुर में सरकार की इस नीति का विरोध किया और मांग की कि बीपीएल चयन के मापदंडों को दोबारा परिभाषित किया जाए तथा गांव की वास्तविक परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए निर्णय लिए जाएं। ग्रामीणों का साफ संदेश था नीतियां जमीनी सच्चाई से जुड़ी हों, तभी असली लाभ गरीबों तक पहुंचेगा।
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